वैश्विक लक्ष्यों पर प्रगति के लिए नया वित्तीय आयोग
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद-बांडे ने मंगलवार को सदस्य देशों से एक नए वित्तीय आयोग को समर्थन देने की अपील की है जो वर्ष 2030 तक टिकाऊ विकास लक्ष्यों को वास्तविक बनाने के इरादे से गठित किया गया है.
यूएन महासभा अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद-बांडे और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद की प्रमुख मोना जूल ने मंगलवार को एक साझा पहल के तहत उच्चस्तरीय पैनल – अंतरराष्ट्रीय वित्तीय जवाबदेही, पारदर्शिता व सत्यनिष्ठा (International Financial Accountability, Transparency and Integrity/ FACTI) – को पेश किया.
महासभा प्रमुख ने कहा कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर आधारित 2030 एजेंडा एक बेहतर विश्व के निर्माण की कार्ययोजना है लेकिन उसे सही मायनों में हासिल करने के लिए असरदार कार्रवाई और पर्याप्त धन की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा कि इस पैनल के कामकाज के लिए सदस्य देशों से सहयोग मिलना बेहद अहम होगा.
इस पैनल की सह-अध्यक्षता डेनमार्क की पूर्व प्रधानमंत्री हेले थोर्निन्ग-श्मिट और निजेर के पूर्व प्रधानमंत्री इब्राहिम मयाकी करेंगे.
अपने पहले चरण में आयोग वर्तमान चुनौतियों की समीक्षा और मौजूदा अंतरराष्ट्रीय तंत्र की कमियों की की शिनाख़्त करेगा.
इसके बाद अंतरराष्ट्रीय फ़्रेमवर्क में ज़रूरी बदलाव लाने या उन्हें नए सिरे से विकसित करने और प्रशासनिक प्रबंधों के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि वित्तीय ईमानदारी के अभाव का असर हर देश की संसाधानों का इंतज़ाम करने की क्षमता पर पड़ता है.
यह समस्या सीमाओं के दायरों में सीमित नहीं है और इसीलिए इसके समाधान के लिए समावेशी बहुपक्षीय कार्रवाई की आवश्यकता है.
यूएन आर्थिक एवं सामाजिक परिषद की प्रमुख मोना जूल ने कहा कि 2030 एजेंडा को लागू करने और बहुपक्षवाद को मज़बूत बनाने की दृष्टि से यह वर्ष एक बेहद अहम पड़ाव है.
उन्होंने बताया कि ग़रीबी व असमानता घटाने, पृथ्वी की रक्षा करने और सभी के लिए शांति व न्याय सुनिश्चित करने के लिए यूएन की सभी संस्थाएं एक साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास के लिए वित्तीय संसाधनों का इंतज़ाम उनके लिए प्राथमिकता है और धन के ग़ैरक़ानूनी लेनदेन की समस्या को ख़त्म करने की दिशा में प्रगति ज़रूरी है.