वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

पर्यावरण व मानव स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ वायु ज़रूरी, समन्वित प्रयासों की पुकार

मानव स्वास्थ्य और दैनिक जीवन के लिए स्वच्छ वायु बेहद अहम है.
Unsplash/Luca Baggio
मानव स्वास्थ्य और दैनिक जीवन के लिए स्वच्छ वायु बेहद अहम है.

पर्यावरण व मानव स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ वायु ज़रूरी, समन्वित प्रयासों की पुकार

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार, 7 सितम्बर, को ‘नीले आकाश के लिए स्वच्छ वायु के अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ पर अपने सन्देश में बद से बदतर हो रहे वायु प्रदूषण पर चिन्ता जताई है. उन्होंने इसे वैश्विक आपात स्थिति से निपटने के लिए अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को मज़बूती प्रदान किए जाने का आहवान किया है.

वायु से फैलने वाले दूषणकारी तत्वों को पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े ख़तरों में से एक माना जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विश्व की 99 फ़ीसदी आबादी प्रदूषित हवा में साँस लेने के लिए मजबूर है और निम्न- व मध्य-आय वाले देशों में स्थिति ज़्यादा ख़राब है.

वायु प्रदूषण, एक वैश्विक समस्या है, जिसके मद्देनज़र, इससे निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग को अहम माना गया है. 

Tweet URL

इस वर्ष, अन्तरराष्ट्रीय दिवस की थीम है: स्वच्छ वायु के लिए एकजुट, जिसके ज़रिये मज़बूत अन्तरराष्ट्रीय साझेदारियों, निवेश में वृद्धि, और वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए सामूहिक ज़िम्मेदारियों पर बल दिया गया है.

‘नीले आकाश के लिए स्वच्छ वायु के अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ को हर वर्ष 7 सितम्बर को मनाया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2019 में स्वच्छ वायु के महत्व और मानव स्वास्थ्य व पारिस्थितिकी तंत्रों पर वायु प्रदूषण के असर को ध्यान में रखते हुए इस दिवस को स्थापित किया था. 

वायु प्रदूषण

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने अपने सन्देश में कहा, “वैश्विक समस्याओं के लिए वैश्विक समाधानों की आवश्यकता होती है. हमें स्वच्छ वायु के लिए एक साथ मिलकर काम करना होगा.”

“एक साथ मिलकर, हमें न्यायोचित व समतापूर्ण ढंग से जीवाश्म ईंधन, विशेष रूप से कोयला,  से दूर हटने और नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में बढ़ने के प्रयासों में तेज़ी लानी होगी, और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी पीछे ना छूटने पाए.”

वायु प्रदूषण से तात्पर्य, किसी भी प्रकार के रासायनिक, भौतिक या जैविक दूषण से है, जिससे वायुमंडल की स्वाभाविक विशेषताओं में बदलाव आता हो.  

घरों में इस्तेमाल लाए जाना वाला चूल्हा, और अन्य दहनशील उपकरण जैसेकि कार, औद्योगिक कारखाने और जंगलों में आग की घटनाएँ, वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं. 

वायु प्रदूषण घर से बाहर और घर के भीतर दोनों जगह मानव स्वास्थ्य को गम्भीर रूप से प्रभावित कर सकता है.

कार्बन मोनोऑक्साइड, ओज़ोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फ़र डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषक तत्वों को विशेष रूप से ख़तरनाक माना जाता है. 

स्वास्थ्य पर असर

वायु प्रदूषण में PM2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) भी हैं, जो साँस के ज़रिये शरीर के भीतर प्रवेश करने वाले अति सूक्ष्म कण हैं. इनका आकार, व्यास में 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम होता है.

ये अति सूक्ष्म प्रदूषण कण, मानव नेत्रों से आमतौर पर दिखाई नहीं देते हैं और हमारे फेफड़ों और रक्तवाहिकाओं में प्रवेश कर सकते हैं, और हृदय व मस्तिष्क को नुक़सान पहुँचा सकते हैं.

इन प्रदूषण कणों के सम्पर्क में आने से हृदयाघात, फेफड़ों की बीमारी, कैंसर और अन्य बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है, जोकि हर वर्ष 67 लाख असामयिक मौतों का कारण बनती हैं.

वायु प्रदूषण से पौधे भी प्रभावित होते हैं, फ़सल की पैदावार में कमी आती है और खाद्य सुरक्षा प्रभावित होती है. 

यूएन पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा संयोजित जलवायु एवं स्वच्छ वायु गठबंधन सचिवालय की प्रमुख मार्टिना ओट्टो ने बताया कि इन प्रदूषकों के साथ किसी भी स्तर पर सम्पर्क से जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है, जिसकी क़ीमत व्यक्तियों, समाजों और अर्थव्यवस्थाओं को चुकानी पड़ती है.

'स्मार्ट' चयन

वायु गुणवत्ता में बेहतरी लाने पर लक्षित समाधान, मोटे तौर पर स्थानीय सन्दर्भों व परिस्थितियों और सैक्टर पर आधारित हैं. 

व्यक्तिगत स्तर पर, आम लोग स्वच्छ वायु को बढ़ावा देने वाले विकल्प चुन सकते हैं, जैसेकि पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकूल वस्तुओं की ख़रीदारी और खाना पकाने व परिवहन में स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल.

व्यवसाय और कॉरपोरेशन भी, अपनी कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व में वायु गुणवत्ता के लिए प्रयासों को समाहित कर सकते हैं, जिसके तहत प्रदूषण उत्सर्जन की निगरानी व सार्वजनिक जानकारी दी जाए और उत्सर्जन घटाने वाले कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाए.