वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

पर्यावरण संरक्षण

मानव स्वास्थ्य और दैनिक जीवन के लिए स्वच्छ वायु बेहद अहम है.
Unsplash/Luca Baggio

पर्यावरण व मानव स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ वायु ज़रूरी, समन्वित प्रयासों की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार, 7 सितम्बर, को ‘नीले आकाश के लिए स्वच्छ वायु के अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ पर अपने सन्देश में बद से बदतर हो रहे वायु प्रदूषण पर चिन्ता जताई है. उन्होंने इसे वैश्विक आपात स्थिति से निपटने के लिए अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को मज़बूती प्रदान किए जाने का आहवान किया है.

लाओ लोकतांत्रिक जनगणराज्य में एक महिला अपने गाँव में धान के खेत से गुज़र रही है.
© UNICEF/Noorani

जैवविविधता संरक्षण पर लक्षित नए वैश्विक कोष की अहमियत रेखांकित

संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने कहा है कि विकासशील देशों में जैवविविधता संरक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक नए वैश्विक पर्यावरणीय कोष की स्थापना बेहद अहम है. यूएन एजेंसी भरोसा व्यक्त किया है कि इसके ज़रिये इन देशों में प्राकृतिक संसाधनों के सतत इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सकेगा. 

इंडोनेशिया के जकार्ता में एक अपशिष्ट जल शोधन केन्द्र से जल को नदी में प्रवाहित किया जा रहा है.
© UNICEF/Jiro Ose

अपशिष्ट जल, 'सम्भावनाओं से परिपूर्ण', व्यर्थ ना जाने देने पर बल

अपशिष्ट जल (wastewater) को लम्बे समय से एक पर्यावरणीय और स्वास्थ्य जोखिम के रूप में देखा जाता रहा है, मगर यूएन पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का एक नया अध्ययन दर्शाता है कि कारगर नीतियों के ज़रिये इससे 50 करोड़ लोगों को वैकल्पिक ऊर्जा प्रदान की जा सकती है और कृषि में उर्वरक इस्तेमाल के प्रभावों को सन्तुलित करने में भी मदद मिल सकती है.

केनया के वाटामु मे स्थानीय लोग, एक स्थानीय संगठन के साथ मिलकर तटीय इलाक़ों से प्लास्टिक हटा रहे हैं.
UNEP/Cyril Villemain

प्लास्टिक प्रदूषण की उफनती लहर से, मानवाधिकारों के लिए जोखिम - यूएन विशेषज्ञ

संयुक्त राष्ट्र के दो स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने प्लास्टिक प्रदूषण की 'उफनती, विषाक्त' लहर से निपटने के लिए कारगर उपाय अपनाए जाने का आग्रह किया है. उन्होंने चिन्ता जताते हुए कहा है कि प्लास्टिक प्रदूषण की चुनौती से मानवाधिकारों के लिए ख़तरा उत्पन्न हो रहा है.

मानवता के अस्तित्व के लिए स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र बेहद अहम हैं.
Unsplash/Justin DoCanto

जैवविविधता दिवस: प्रकृति के विरुद्ध छेड़े गए युद्ध पर विराम लगाने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ‘अन्तरराष्ट्रीय जैवविविधता दिवस’ पर आगाह किया है कि मानव गतिविधियों के कारण, दुनिया का हर कोना बर्बाद हो रहा है, और 10 लाख से अधिक प्रजातियों पर लुप्त होने का जोखिम है. इस स्थिति के मद्देनज़र, उन्होंने प्रकृति के विरुद्ध छेड़े गए इस युद्ध का अन्त करने की पुकार लगाई है.

मिस्र के शर्म अल-शेख़ में कॉप27 जलवायु सम्मेलन के दौरान, प्रदर्शनकारी मुआवज़े की माँग कर रहे हैं.
UN News/Laura Quinones

2022 पर एक नज़र: वैश्विक उथलपुथल के बीच, जलवायु समझौतों के लिये यूएन के अनवरत प्रयास

विनाशकारी चरम मौसम घटनाओं के लिये मानव गतिविधियों के ज़िम्मेदार होने के ठोस साक्ष्यों के बावजूद, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों में वृद्धि इस वर्ष भी जारी रही. संयुक्त राष्ट्र ने गहराते जलवायु संकट के मद्देनज़र, पर्यावरण संरक्षण को अन्तरराष्ट्रीय एजेंडा में ऊपर रखा, और महत्वपूर्ण सम्मेलनों के दौरान, वित्त पोषण, जैवविविधता व महासागरों की रक्षा के लिये प्रयासों को मज़बूती देने पर सहमति बनी.

हकीम एक्सप्रेसवे, तेहरान, ईरान
Unsplash/Mehrshad Rajabi

ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों से, स्वच्छ पर्यावरण, स्वास्थ्य व जीवन के अधिकारों का हनन

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने मंगलवार को जारी अपने एक वक्तव्य में सचेत किया है कि ईरान पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों से, पर्यावरण को बड़ा नुक़सान पहुँच रहा है. साथ ही, इन पाबंदियों से ईरान में सभी लोगों के स्वास्थ्य व जीवन के अधिकार पर असर हुआ है, और वायु प्रदूषण समेत अन्य समस्याओं में वृद्धि हो रही है.

यूएनएचसीआर ने मशहूर संगीतकार रिकी केज को  सद्भावना राजदूत नियुक्त किया है.
UNHCR/ Gaurav Menghaney

UNHCR सदभावना दूत, संगीतकार रिकी केज के साथ विशेष बातचीत

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी - UNHCR ने ग्रैमी पुरस्कार विजेता भारतीय संगीतकार, मानवतावादी और पर्यावरणविद रिकी केज को अपने नवीनतम राष्ट्रीय सदभावना दूत के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की है. रिकी केज को भारत और विश्व स्तर पर शरणार्थियों की स्थिति को लेकर जागरूकता, समझ और करुणा फैलाने में मदद करने के लिये, UNHCR का यह सम्मान प्राप्त हुआ है. एक विशेष बातचीत...

कॉप27 सम्मेलन के आयोजन स्थल के बाहर प्रदर्शनकारी, अफ़्रीका में तेल एवं गैस परियोजनाओं के विस्तार का विरोध कर रहे हैं.
UN News/Laura Quinones

कॉप27: वैश्विक तापमान में वृद्धि के 1.5°C लक्ष्य को जीवित रखने की पुकार

जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल से जलवायु परिवर्तन और उसके दुष्परिणामों की चेतावनियों के बावजूद, तेल, गैस और कोयला परियोजनाओं का चिन्ताजनक विस्तार जारी है. मंगलवार को कॉप27 सम्मेलन के दौरान ‘ऊर्जा दिवस’ की थीम पर इस अहम मुद्दे पर चर्चा हुई, और अनेक विशेषज्ञों ने आशंका जताई कि वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य ख़तरे में है.  

विश्व भर में पर्यावरण रक्षा के समर्थन में होने वाले विरोध प्रदर्शनों में, मुनाफ़े की बजाय पृथ्वी पर ध्यान देने की मांग की जाती है.
© Unsplash/Markus Spiske

कॉप27: ‘हरित लीपापोती के लिये शून्य सहिष्णुता’, महासचिव ने खोखले नैट-शून्य संकल्पों के प्रति किया आगाह

विश्व भर में कार्बन उत्सर्जन से मुक्त होने का संकल्प लेने वाले देशों और ग़ैर-सरकारी पक्षों की संख्या बढ़ रही है, मगर नैट-शून्य उत्सर्जन प्रतिबद्धताओं के लिये मानदण्डो में बचाव के इतने रास्ते हो सकते हैं कि उनके बेअसर होने की आशंका बढ़ जाती है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समूह द्वारा, शर्म अल-शेख़ में कॉप27 सम्मेलन के दौरान इस विषय में अपनी पहली रिपोर्ट मंगलवार को प्रकाशित किये जाने पर यह चिंता व्यक्त की गई है.