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अफ़ग़ानिस्तान: पूर्व अधिकारियों के मानवाधिकारों का हनन, दंडमुक्ति की भावना प्रबल

अफ़ग़ानिस्तान के जलालाबाद शहर के गवर्नर कम्पाउंड में सत्तारूढ़ प्रशासन के झंडे.
UN News / Ezzat El-Ferri
अफ़ग़ानिस्तान के जलालाबाद शहर के गवर्नर कम्पाउंड में सत्तारूढ़ प्रशासन के झंडे.

अफ़ग़ानिस्तान: पूर्व अधिकारियों के मानवाधिकारों का हनन, दंडमुक्ति की भावना प्रबल

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान द्वारा आम माफ़ी का आश्वासन दिए जाने के बावजूद, सैकड़ों की संख्या में पूर्व सरकारी अधिकारियों और सशस्त्र बलों के सदस्यों को कथित रूप से जान से मार दिया गया है.

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) की ‘विश्वसनीय’ स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 15 अगस्त 2021 और 30 जून 2023 के दौरान, देश में तालेबान प्रशासन 218 न्यायेतर हत्याओं के लिए ज़िम्मेदार है.

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जबरन गुमशुदगी के 14 मामले दर्ज किए गए हैं, यातना व बुरे बर्ताव के 144 मामले सामने आए जबकि 424 लोगों को मनमाने ढंग से गिरफ़्तार और हिरासत में रखे जाने की जानकारी प्राप्त हुई.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा कि सत्ता में वापसी के बाद तालेबान द्वारा आम माफ़ी की घोषणा के बावजूद, पूर्व अधिकारियों, अफ़ग़ान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाया जाना, लोगों के भरोसे के साथ विश्वासघात है.

उन्होंने तालेबान प्रशासन से ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने और दोषियों की जवाबदेही तय किए जाने का आग्रह किया है.

यूएन मिशन की रिपोर्ट बताती है कि अतीत में लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकारों के पूर्व अधिकारी, सभी अन्य अफ़ग़ान नागरिकों की तरह मानवाधिकार संरक्षण के हक़दार हैं. अफ़ग़ानिस्तान अब भी उन मानवाधिकार सन्धियों में शामिल पक्ष है, जिनमें ऐसे उल्लंघनों पर पाबन्दी लगाई गई है.

यातना की व्यथा

अनेक भुक्तभोगियों ने बातचीत किए जाने पर पाइप, केबल से पिटाई किए जाने, शाब्दिक धमकियाँ दिए जाने और तालेबान सुरक्षाकर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने का ब्यौरा दिया है. 

यूएन मिशन ने गिरफ़्तार किए गए या लापता हो गए लोगों के परिजनों से भी बात की, जिनके शव फिर कुछ दिन या महीनों बाद बरामद किए गए. 

कुछ मामलों में लापता व्यक्तियों के बारे में कभी भी जानकारी नहीं मिल पाई. हेरात में महिला कारागर की पूर्व प्रमुख आलिया अज़ीज़ी 2 अक्टूबर 2021 को लापता होने के बाद से फिर घर कभी नहीं लौटीं.

यूएन मिशन ने बताया कि 22 अगस्त 2023 तक उनके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है, जबकि तालेबान तालेबान प्रशासन ने कथित रूप से उनकी गुमशुदगी की जाँच शुरु की है.

दंडमुक्ति की भावना 

यूएन मिशन के अनुसार, तालेबान प्रशासन द्वारा ऐसी घटनाओं की जाँच करने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सीमित स्तर पर ही प्रयास किए गए हैं.

कुछ मामलों की जाँच किए जाने की घोषणा की गई लेकिन पड़ताल के दौरान पारदर्शिता व जवाबदेही की कमी महसूस की गई है और इससे दंडमुक्ति की भावना मज़बूत हुई.

रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि तालेबान को आम माफ़ी दिए जाने की शर्तों पर स्पष्टता प्रदान करनी होगी और फिर उसका अनुपालन सुनिश्चित करना होगा. 

यूएन मिशन ने कहा कि अब तक तालेबान प्रशासन ने किसी लिखित मसौदे को सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया है, जिसमें आम माफ़ी के प्रावधान पर स्पष्ट जानकारी हो. इसकी जानकारी तालेबान नेतृत्व द्वारा केवल सार्वजनिक बयानों में ही प्रदान की गई है.

यूएन मिशन प्रमुख रोज़ा ओटुनबायेवा ने कहा कि तालेबान प्रशासन को आम माफ़ी के मुद्दे पर एक सुस्पष्ट संकल्प दर्शाना होगा, जोकि देश में न्याय, मेल-मिलाप और शान्ति की सम्भावनाओं को साकार करने के लिए अहम है.