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टीबी रोकथाम उपायों में विफल रहने से, 2035 तक 10 लाख मौतों की आशंका

भारत के मुम्बई शहर में स्थित एक अस्पताल में एक डॉक्टर, टीबी मरीज़ की जाँच कर रहा है.
© WHO/David Rochkind
भारत के मुम्बई शहर में स्थित एक अस्पताल में एक डॉक्टर, टीबी मरीज़ की जाँच कर रहा है.

टीबी रोकथाम उपायों में विफल रहने से, 2035 तक 10 लाख मौतों की आशंका

स्वास्थ्य

महामारियों का समाधान ढूंढने पर केन्द्रित यूएन एजेंसी (Unitaid) ने बुधवार को चेतावनी जारी की है कि तपेदिक यानि टीबी संक्रमितों के सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों का पता लगाने (contact tracing) और रोग की रोकथाम के लिए उपायों को लागू करने में विफलता, वर्ष 2035 तक लगभग दस लाख मौतों की वजह बन सकती है.

इसके मद्देनज़र, संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने एक व्यापक रणनीति को लागू करने पर ज़ोर दिया है, जिसके तहत घर-परिवारों में संक्रमितों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की पहचान करना और टीबी की रोकथाम के लिए उपचार प्रदान करना अहम होगा. 

Unitaid के अनुसार, इन उपायों के ज़रिये टीबी मरीज़ों और एचआईवी के साथ रह रहे लोगों के सम्पर्क में आने से परिवार के सदस्यों की होने वाली मौतों में, अगले 12 वर्षों में 35 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती है.

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Unitaid, अमेरिका के जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय और ऑरम इंस्टीट्यूट के एक संयुक्त अध्ययन में बताया गया है कि इस रणनीति को अपनाकर, वर्ष 2035 तक साढ़े आठ लाख ज़िन्दगियों की रक्षा की जा सकती है. इनमें बच्चों की एक बड़ी संख्या होगी, चूँकि फ़िलहाल 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में इस बीमारी का पता लगाने की दर बेहद कम है. 

मगर, अध्ययन में आगाह किया गया है कि इस उपाय को लागू करने में विफल रहने से, 2035 तक लगभग दस लाख लोगों की जान जा सकती है. 

रोकथाम उपाय व उपचार

ये नतीजे विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफ़ारिशों के अनुरूप है, जिसके अनुसार टीबी की रोकथाम के लिए उपचार, उन लोगों को उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिनमें संक्रमण का जोखिम सबसे अधिक है. 

इनमें एचआईवी के साथ रह रहे लोग और टीबी से संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में आए उनके परिवार के सदस्य हैं. हर साल एक करोड़ से अधिक नए संक्रमण के मामलों में इनकी एक बड़ी संख्या है.

टीबी की रोकथाम व इलाज सम्भव है लेकिन फिर भी यह बीमारी दुनिया की सबसे जानलेवा बीमारियों में से है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया की लगभग एक चौथाई आबादी टीबी से संक्रमित है और उनमें सक्रिय बीमारी विकसित होने का जोखिम है, जो गम्भीर रूप धारण कर सकती है. 

Unitaid में वरिष्ठ अधिकारी विन्सेंट ब्रेटिन ने कहा कि टीबी की रोकथाम की अनिवार्यता पूरी तरह से स्पष्ट है.

क़ीमतों में गिरावट

Unitaid के नेतृत्व में सिलसिलेवार वार्ताओं के बाद, वर्ष 2017 के बाद से अब तक उपचार की क़ीमतों में 70 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गई है.

इसके फलस्वरूप अब टीबी की रोकथाम व उसका इलाज पहले की तुलना में अधिक सुलभ हुआ है. 

लागत के नज़रिये से यह उपचार कहीं अधिक प्रभावी है और अपेक्षाकृत कम समय के लिए चलने वाले उपचार से, टीबी संक्रमण को सक्रिय बीमारी में विकसित होने से पहले ही ठीक किया जा सकता है.

अध्ययन के अनुसार, 12-सप्ताह तक चलने वाले एक उपचार (3HP) के ज़रिये, संक्रमितों के सम्पर्क में आकर टीबी विकसित करने वाले व्यक्तियों की संख्या में 13 प्रतिशत की कमी आ सकती है.

विश्व भर से नेतागण, सितम्बर 2023 में तपेदिक (टीबी) पर संयुक्त राष्ट्र की दूसरी उच्चस्तरीय बैठक के लिए तैयार हो रहे हैं. इस पृष्ठभूमि में, Unitaid ने टीबी रोग की रोकथाम और उससे होने वाली मौतों की रोकथाम करने के लिए पहले से कहीं अधिक प्रतिबद्धता और वित्त पोषण का आहवान किया है.