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टीबी

यह परियोजना, समुदाय की रक्षा करने एवं टीबी को ख़त्म करने के लिए, सक्रिय केस-फाइंडिंग, स्क्रीनिंग, निदान, उपचार व देखभाल और सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है.
WHO India/Sanchita Sharma

भारत: चेन्नई में टीबी की बीमारी ख़त्म करने के लिए बहुआयामी कार्रवाई

भारत के दक्षिणी प्रदेश तमिलनाडु के चेन्नई शहर में, तपेदिक यानि टीबी की बीमारी को ख़त्म करने के लिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से, बहुआयामी कार्रवाई चल रही है. इसके तहत, रोग की पहचान, चिकित्सा व सचल चिकित्सा इकाइयों के ज़रिए निगरानी प्रणाली स्थापित की गई है, जिससे लोगों को सुविधानुसार जाँच व निदान करवाने में मदद मिल रही है.

पेरू के लीमा में टीबी का इलाज करवाता एक मरीज़.
PAHO/Joshua Cogan

विश्व तपेदिक दिवस: जानलेवा बीमारी के उन्मूलन पर केन्द्रित पहल को मज़बूती

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरूवार को आगाह किया है कि वर्ष 2022 में, एक दशक से ज़्यादा समय में पहली बार, तपेदिक (टीबी) से होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है, जिसकी वजह, कोविड-19 महामारी के कारण उपजे व्यवधान, हिंसक संघर्ष और अन्य संकट हैं.

भारत में एक डॉक्टर अपने मरीज़ के एक्स-रे की जाँच कर रहा है, ताकि टीबी का पता लगाया जा सके.
© ILO/Vijay Kuty

टीबी वैक्सीन विकास पर केन्द्रित नई परिषद, लाखों ज़िन्दगियों की रक्षा की आशा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने तपेदिक (टीबी) के विरुद्ध कारगर, नई तरह के टीकों (novel vaccines) के लिए लाइसेंस और उनके प्रयोग की प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए अपनी योजना पेश की है. यूएन एजेंसी ने आशा व्यक्त की है कि ‘टीबी वैक्सीन ऐक्सीलरेटर’ परिषद' नामक इस पहल के ज़रिये, बड़ी संख्या में तपेदिक मामलों की रोकथाम और लोगों के जीवन की रक्षा कर पाना सम्भव होगा.

कोविड-19 महामारी के प्रभावों से, तपैदिक (TB) का मुक़ाबला करने के प्रयासों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा और उनकी रफ़्तार धीमी हुई है.
© WHO/Hamad Darwish

कोविड महामारी के कारण, टीबी मौतों में भी बढ़ोत्तरी, WHO

संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरूवार को कहा है कि तपेदिक (Tuberculosis) से होने वाली मौतों की संख्या और संक्रमण के मामलों में कोविड-19 महामारी के दौरान बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, क्योंकि महामारी के कारण उपचार और सहायक सेवाओं तक पहुँच बाधित हुई.

भारत में एक डॉक्टर अपने मरीज़ के एक्स-रे की जाँच कर रहा है, ताकि टीबी का पता लगाया जा सके.
© ILO/Vijay Kuty

टीबी के कारण प्रतिदिन चार हज़ार से अधिक मौतें, संसाधनों में निवेश की पुकार  

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तपेदिक (टीबी) के विरुद्ध लड़ाई में दर्ज प्रगति की दिशा उलटने पर चिन्ता जताते हुए, संसाधन, समर्थन, देखभाल और जानकारी सुनिश्चित करने के लिये तत्काल निवेश की पुकार लगाई है. यूएन एजेंसी के अनुसार, वर्ष 2000 के बाद से अब तक साढ़े छह करोड़ से अधिक ज़िन्दगियों की रक्षा करने में मदद मिली है, मगर कोविड-19 महामारी से उपजे व्यवधान के कारण जोखिम पैदा हो गया है. 

Photo: UNICEF/Giacomo Pirozzi

यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 15 अक्टूबर 2021

इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...

  • कोविड-19 के मामलों में कमी, मगर वैक्सीन विषमता अब भी बरक़रार,
  • प्रदूषण रहित व टिकाऊ परिवहन की सुलभता पर एक विशेष सम्मेलन,
  • आलस और निष्क्रियता से बढ़ रही हैं बीमारियाँ, धनी देशों में हैं ज़्यादा लोग हैं आलसी,
  • भारत में शिक्षकों की महत्ता व स्थिति पर, यूनेस्को की एक ख़ास रिपोर्ट,
  • और, विश्व खाद्य दिवस के मौक़े पर, भारत में FAO की प्रतिनिधि शालिनी भूटानी के साथ एक इण्टरव्यू.
ऑडियो
10'29"
भारत में टीबी से पीड़ित लोगों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है.
ILO Photo/Vijay Kutty

कोविड-19 के कारण, टीबी से होने वाली मौतों में, एक दशक में पहली बार वृद्धि

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण तपेदिक (टीबी) के ख़िलाफ़ लड़ाई में, वर्षों से दर्ज की जा रही प्रगति को एक बड़ा झटका लगा है. एक दशक से ज़्यादा समय में पहली बार टीबी से होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है. 

© FAO/Luis Tato

यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन 16 अक्टूबर 2020

इस बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...
बहुतायत वाली दुनिया में करोड़ों लोगों को अब भी मयस्सर नहीं है, एक वक़्त की भरपेट भोजन ख़ुराक.
नोबेल शान्ति पुरस्कार विजेता World Food Program कैसे कर रहा है भुखमरी का मुक़ाबला, एक इंटरव्यू.
कोरोनावायरस का मुक़ाबला करने में हाथ स्वच्छता है बहुत अहम, मगर करोड़ों लोगों को ये सुविधा नहीं है उपलब्ध.
तपैदिक यानि टीबी का मुक़ाबला करने के लिये तुरन्त और व्यापक संसाधन निवेश की ज़रूरत. 
और, कोविड -19 अपडेट के साथ-साथ कुछ अन्य समाचार भी.

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ऑडियो
19'46"
भारत में एक डॉक्टर फेफड़ों में संक्रमण की शिनाख़्त के लिये मरीज़ की छाती के एक्सरे की जाँच कर रहा है.
© UNICEF/Vinay Panjwani

WHO: टीबी के ख़िलाफ़ लड़ाई में प्रगति पर ख़तरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि तपेदिक (टीबी) बीमारी के ख़िलाफ़ वैश्विक लड़ाई में प्रगति को बरक़रार रखने के लिये वित्तीय संसाधनों और कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने बुधवार को अपनी नई रिपोर्ट के साथ एक चेतावनी जारी करते हुए आगाह किया है कि समुचित उपायों के अभाव में टीबी की रोकथाम व उपचार के लिये निर्धारित लक्ष्यों को पाने में विफलता हाथ लगने की आशंका है.  

जिबूती में टीबी से संक्रमित एक सोमाली महिला अपने एक्स-रे के साथ.
UNDP/Aurélia Rusek

विश्व तपेदिक दिवस: टीबी पर कार्रवाई का समय 'यही है'

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार, 24 मार्च, को 'विश्व तपेदिक दिवस' पर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं जिनका लक्ष्य टीबी संक्रमितों को बीमार होने से बचाने के लिए रोकथाम व इलाज जल्द से जल्द सुनिश्चित करना है. टीबी दुनिया की सबसे घातक संक्रामक बीमारी है और हर दिन इसके कारण चार हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत होती है.