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वैश्विक खाद्य सुरक्षा में, रूस व यूक्रेन से अनाज व उर्वरक निर्यात की अहमियत रेखांकित

काला सागर अनाज निर्यात पहल के तहत संयुक्त निरीक्षण टीम निगरानी कार्या में व्यस्त है.
© UNODC/Duncan Moore
काला सागर अनाज निर्यात पहल के तहत संयुक्त निरीक्षण टीम निगरानी कार्या में व्यस्त है.

वैश्विक खाद्य सुरक्षा में, रूस व यूक्रेन से अनाज व उर्वरक निर्यात की अहमियत रेखांकित

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने रूसी महासंघ और यूक्रेन से अनाज व उर्वरक के निर्यात को विश्व के लिए बहुत अहम बताया है और सभी सम्बद्ध पक्षों से वैश्विक खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है.

​यूएन प्रमुख ने शुक्रवार को जारी अपने एक वक्तव्य में तुर्की के इस्ताम्बूल शहर में जुलाई 2022 में समझौतों को पूर्ण रूप से लागू किए जाने की प्रक्रिया जारी रखने की अहमियत पर फिर से बल दिया है.

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इन समझौतों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खाद्य सामग्री व उर्वरकों को वैश्विक बाज़ारों में दक्षता के साथ, बिना किसी अवरोध के पहुँचाया जा सके.

फ़रवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद उपजे प्रभावों के कारण विश्व भर में खाद्य वस्तुओं की क़ीमतों में भारी उछाल दर्ज किया गया था.

संयुक्त राष्ट्र के मध्यस्थता प्रयासों के फलस्वरूप जुलाई 2022 में काला सागर अनाज निर्यात पहल पर सहमति बनी, जिसके क्रियान्वयन की देखरेख एक संयुक्त समन्वय समिति (JCC) करती है. इस समिति में रूस, यूक्रेन, तुर्कीये और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि शामिल हैं.

अनाज व उर्वरक निर्यात समझौतों का पहले भी नवीनीकरण किया जा चुका है और इसका पिछली बार विस्तार 17 मई को किया गया था, जब रूस ने ‘काला सागर अनाज निर्यात पहल’ में अपनी भागेदारी की अवधि को, अगले 60 दिनों तक बढ़ाए जाने की पुष्टि की थी.

इस समझौते की अवधि आगामी 17 जुलाई को समाप्त हो रही है.

महत्वपूर्ण पहल

महासचिव गुटेरेश ने शुक्रवार को ध्यान दिलाया कि ये समझौते ऐसे दुर्लभ उदाहरण हैं जो दर्शाते हैं कि मौजूदा दौर की चुनौतियों से निपटने के लिए दुनिया एक साथ आकर क्या कुछ हासिल कर सकती है.

यूएन प्रमुख के अनुसार, इन समझौतों के ज़रिये वैश्विक खाद्य क़ीमतों में निरन्तर कमी लाने में मदद मिली है और पिछले वर्ष मार्च में रिकॉर्ड ऊँचाई छूने के बाद अब यह उसके 23 प्रतिशत से भी कम पहुँच गई है.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने भरोसा दिलाया कि उनकी टीम पहले से दर्ज की गई प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है.

इस सिलसिले में, विभिन्न हितधारकों के साथ सम्पर्क स्थापित किया गया है, और उन्होंने सभी पक्षों से वैश्विक खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है.

हाल के हफ़्तों में, अनाज लाने-ले जाने के लिए जहाज़ों की आवाजाही घटी है और जहाज़ों के निरीक्षण में भी कमी आई है. इसके मद्देनज़र, संयुक्त राष्ट्र इस पहल को जारी रखने के लिए वार्ताओं की अगुवाई में जुटा है. 

यूक्रेन के ओडेसा क्षेत्र में एक खेत.
© OCHA/Matteo Minasi
यूक्रेन के ओडेसा क्षेत्र में एक खेत.

पैदावार का समय

इससे पहले, खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के मुख्य अर्थशास्त्री मैक्सिमो टोरेरो ने शुक्रवार को बताया कि इस पहल के ज़रिये, यूक्रेनी बन्दरगाहों से तीन करोड़ 20 लाख टन अनाज को रवाना किया गया है.

इसमे से अधिकाँश अनाज को विकासशील देशों की ज़रूरतों को पूरा करने और विश्व खाद्य कार्यक्रम के राहत अभियानों के लिए भेजा गया है.

यूएन एजेंसी के अर्थशास्त्री ने कहा कि इस समझौते का नवीनीकरण, एक महत्वपूर्ण दिन होगा, जब फ़सलों की कटाई शुरू होती है. 

उन्होंने सचेत किया कि इस समझौते की अवधि में विस्तार होने की सम्भावना है, मगर यदि ऐसा नहीं हुआ तो अनाज व अन्य सामग्री की क़ीमतों में उछाल दर्ज किया जा सकता है.

पिछले सप्ताह, यूएन ने जानकारी दी थी कि ये समझौते एक ऐसे समय में वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए जीवनरेखा के समान हैं, जब 58 देशों में 25 करोड़ से अधिक लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है.