वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

इसराइलियों और फ़लस्तीनियों के बीच बढ़ती हिंसा से गहराता संकट

इसराइली हवाई हमलों के कारण गाज़ा में नष्ट इमारतें.
© Ziad Taleb
इसराइली हवाई हमलों के कारण गाज़ा में नष्ट इमारतें.

इसराइलियों और फ़लस्तीनियों के बीच बढ़ती हिंसा से गहराता संकट

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) वोल्कर टर्क ने इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में, हाल ही में इसराइली सुरक्षा बलों के सैन्य अभियान और तेल अवीव इलाक़े में कार से किए गए हमले पर चिन्ता व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि ये सभी घटनाएँ एक परिचित रुझान को दर्शाती हैं: हिंसा केवल और अधिक हिंसा को भड़काती है. हत्याएँअपंगता और सम्पत्ति की भारी क्षति को रोका जाना होगा. 

यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने बताया कि जेनिन शरणार्थी शिविर पर हुए जानलेवा हमलों के बाद, लगभग तीन हज़ार फ़लस्तीनी लोग, उस शरणार्थी शिविर से रातोंरात भाग निकलने को मजबूर हुए हैं. और मंगलवार सुबह, तेल अवीव में हुए कार हमले में सात लोग घायल हुए हैं.

सैन्य अभियानों में वृद्धि

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी के अनुसार, इसराइली सुरक्षा बलों सैन्य अभियान लगातार जारी रहने से, अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार नियमों और मानकों से सम्बन्धित अनेक गम्भीर मुद्दे उठे हैं, जिनमें जीवन के अधिकार के संरक्षण और सम्मान का मुद्दा भी शामिल है. 

उन्होंने कहा कि इसराइल के सैन्य अभियानों में लगातार हवाई हमले और सम्पत्ति का विनाश शामिल है.

Tweet URL

वोल्कर टर्क ने कहा कि इसराइली बलों ने, पश्चिमी तट में स्थित जेनिन शरणार्थी शिविर और इसके आसपास के इलाक़ो में चलाए गए सैन्य अभियानों के दौरान जिन तरीक़ों व हथियारों का प्रयोग किया है, वो आमतौर पर सशस्त्र युद्धों में प्रयोग किए जाते हैं, नाकि सामान्य क़ानून प्रवर्तन में.

"हवाई हमलों का प्रयोग करना, क़ानून प्रवर्तन अभियानों के नियमों के विरुद्ध है. फ़लस्तीनी क्षेत्रों पर इसराइली क़ब्ज़े के सन्दर्भ में कहें तो, ऐसे हवाई हमलों से होने वाली मौतें जानबूझकर की गई हत्याओं की श्रेणी में आ सकती हैं."

मानवाधिकार कार्यालय प्रमुख वोल्कर टर्क ने कहा कि इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में, इसराइली सुरक्षा बलों को बल प्रयोग करने के दौरान, अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का पालन करना होगा.

उन्होंने कहा कि ये मानक केवल इसलिए नहीं बदल जाते, क्योंकि सैन्य अभियान का लक्ष्य - "आतंकवाद-विरोधी" अभियान कह दिया जाता है.   

वोल्कर टर्क ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून, एक क़ाबिज़ ताक़त होने के नाते, इसराइल पर स्पष्ट ज़िम्मेदारियाँ निर्धारित करता है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि सभी अभियान इस तरह से नियोजित व नियंत्रित किए जाएँ जिनमें यथासम्भव कम बल प्रयोग हो, विशेष रूप से घातक बल का.

“इसराइल को इन अभियानों में घायल होने वाले लोगों के लिए, यथाशीघ्र चिकित्सा सहायता की उपलब्धता भी सुनिश्चित करनी होगी.”

हताहतों की बढ़ती संख्या 

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ़्रीका के लिए क्षेत्रीय निदेशक ऐडेल खोड्र ने मंगलवार को कहा है कि यूनीसेफ़, पश्चिमी तट के जेनिन शरणार्थी शिविर में हाल ही में बढ़ी हिंसा से बेहद चिन्तित है. 

उन्होंने मंगलवार को जारी एक वक्तव्य में कहा कि नवीनतम समाचारों के अनुसार, सोमवार को कम से कम तीन बच्चों की मौत हो गई और अन्य अनेक घायल हुए हैं. मौजूदा हालात के कारण सैकड़ों परिवारों को विस्थापित होना पड़ा है. स्थानीय शरणार्थी शिविर में पानी और बिजली जैसी अहम चीज़ों की आपूर्ति बाधित हुई है.

बच्चों पर गम्भीर असर

ऐडेल खोड्र ने बताया कि यूएन बाल एजेंसी ने बच्चों के ख़िलाफ़ किसी भी प्रकार की हिंसा पर क्षोभ प्रकट किया है और सशस्त्र हिंसा को तत्काल रोकने का आहवान किया है. 

उन्होंने कहा, “बच्चों को सभी प्रकार की हिंसा और गम्भीर मानवाधिकार उल्लंघनों से सुरक्षित रखना होगा. ध्यान रहे कि अन्तरराष्ट्रीय मानवीय और मानवाधिकार क़ानूनों के अनुसार, आम लोगों, ख़ासतौर पर बच्चों की रक्षा करने का दायित्व सभी पक्षों पर है.”

यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान, बच्चों ने हिंसा के अनेक चक्र देखे हैं, जिनमें गाज़ा पट्टी और उसके आस-पास के इलाक़ो में तीन बार हिंसा में वृद्धि शामिल है. साथ ही, पूर्वी येरूशेलम सहित पश्चिमी तट में भी संघर्ष-सम्बन्धी अनेक घटनाएँ हुई हैं.

वर्ष 2023 के शुरू में ही, 33 बच्चे मारे गए जिनमें 27 फ़लस्तीनी और 6 इसराइली बच्चे थे. ये संख्या पूरे वर्ष 2022 में हुई मौतों के बराबर है, जिसे पश्चिमी तट में बच्चों के लिए बहुत घातक वर्ष समझा गया था.

उन्होंने कहा, “बच्चों की हत्याएँ और उन्हें अंपग बनाने जैसे गम्भीर उल्लंघन अस्वीकार्य हैं. यूएन बाल कोष सभी पक्षों से बच्चों को उनके अधिकार अनुरूप, विशेष संरक्षण सुनिश्चित किए जाने का आग्रह करता है. संगठन, साथ ही बच्चों के जीवन अधिकार का संरक्षण और विशेष रूप में बच्चों के विरुद्ध हिंसा प्रयोग से बचने का भी आहवान करता है, चाहें वो किसी भी स्थान पर हों.”

“बार-बार होने वाली हिंसा पर विराम सुनिश्चित करना ही, ये सुनिश्चित करने का सर्वश्रेष्ठ रास्ता हो सकता है कि बच्चे शान्ति और सुरक्षा के माहौल में बड़े हो सकें.”