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यूएन और साझीदारों ने किया, गम्भीर रूप से क्षतिग्रस्त जेनिन शरणार्थी शिविर का दौरा

दो दिवसीय इसराइली सैन्य अभियान में हुए विनाश को, 20 वर्षों में जेनिन शिविर का सबसे भीषण विनाश माना जा रहा है. इसमें इस घनी आबादी वाले समुदाय पर हुए हवाई हमले भी शामिल हैं.
© UNRWA/Tareq Shalash
दो दिवसीय इसराइली सैन्य अभियान में हुए विनाश को, 20 वर्षों में जेनिन शिविर का सबसे भीषण विनाश माना जा रहा है. इसमें इस घनी आबादी वाले समुदाय पर हुए हवाई हमले भी शामिल हैं.

यूएन और साझीदारों ने किया, गम्भीर रूप से क्षतिग्रस्त जेनिन शरणार्थी शिविर का दौरा

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र और दाता देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने, इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में स्थित जेनिन शरणार्थी शिविर का, रविवार को दौरा कियाजहाँ पिछले सप्ताह इसराइली सैन्य कार्रवाई के बाद "स्तब्धकारी" विनाश सामने आया था.

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन राहत एवं कार्य एजेंसी (UNRWA) के अनुसार, यह दो दिवसीय सैन्य अभियान, पिछले 20 वर्षों का सबसे भीषण अभियान था.

इस कार्रवाई में, चार बच्चों सहित कम से कम 12 लोग मारे गए और 140 अन्य घायल हो गए. साथ ही, लगभग 900 घर क्षतिग्रस्त हो गए, जिनमें से अनेक अब रहने लायक नहीं बचे हैं.

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UNRWA की डिप्टी कमिश्नर-जनरल, लेनी स्टेनसेथ ने कहा, "हम वहाँ के निवासियों के साथ एकजुटता जताने और उन्हें यह विश्वास दिलाने जेनिन शिविर गए थे कि वे ख़ुद को अकेला नहीं समझें."

सदमा, थकान और भय

इस प्रतिनिधिमंडल में एजेंसी के पश्चिमी तट फ़ील्ड कार्यालय के निदेशक एडम बौलोकोस और संयुक्त राष्ट्र रैज़िडेंट और मानवतावादी समन्वयक, लिन हेस्टिंग्स भी शामिल थे. उनके साथ अन्तरराष्ट्रीय एवं दाता समुदाय के कई वरिष्ठ प्रतिनिधि भी थे.

UNRWA की डिप्टी कमिश्नर-जनरल, लेनी स्टेनसेथ ने बताया, “मैंने जो विनाश देखा वह दिल दहलाने वाला था. कुछ घर पूरी तरह जल गए, कारें दीवारों से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई थीं, सड़कें तहस-नहस हो गईं थीं. यूएनआरडब्ल्यूए का स्वास्थ्य केन्द्र नष्ट हो गया था.”

उन्होने कहा, “लेकिन शारीरिक क्षति से अधिक, मैंने शिविर के निवासियों की आँखों में व्याप्त सदमा देखाा, जिन्होंने यह हिंसा देखी थी. उन्होंने अपनी थकान व डर के बारे में मुझसे बात की.”

स्कूल ख़ाली

पश्चिमी तट के उत्तरी भाग में स्थित जेनिन शरणार्थी शिविर में, लगभग 24 हज़ार लोग रहते हैं. एजेंसी ने कहा, वहाँ यूएनआरडब्ल्यूए स्वास्थ्य केन्द्र इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है कि अब इसका उपयोग करना असम्भव है. साथ ही, यहाँ स्थित चार स्कूलों को भी थोड़ी-बहुत क्षति पहुँची है.

हालाँकि कुछ छात्र रविवार को कक्षा में वापस आ गए थे, लेकिन उपस्थिति बहुत कम ही रही. कई माता-पिता ने बताया कि उनके बच्चे घर छोड़कर कहीं भी जाने में डर रहे हैं.

एडम बौलोकोस ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने एक कक्षा का दौरा किया जहाँ छात्रों ने उन्हें बताया कि केवल 10 दिन पूर्व ही, पहले की कारर्वाई में मारे गए उनके एक सहपाठी को दफ़नाया गया था. उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए स्कूल जाना बहुत कठिन हो गया है क्योंकि मुख्य सड़कें उपयोग करने लायक नहीं बची हैं.

उन्होंने कहा, “स्कूल जाने के लिए वैकल्पिक रास्ते खोजने की कोशिश करते समय, कुछ छोटे बच्चे रास्ता भटक गए. अविस्फोटिक आयुधों के ख़तरे को देखते हुए उनकी सुरक्षा का डर भी है. अब प्राथमिकता, बच्चों को उनके डर और चिन्ता से निपटने में मदद करने के लिए मानसिक एवं मनोसामाजिक सहायता प्रदान करनी होगी. ”

सफ़ाई जारी

UNRWA ने कहा कि जेनिन शरणार्थी शिविर में पिछले दो वर्षों में गम्भीर हिंसा देखी गई है, जिसमें 2023 में विशेष रूप से तेज़ी आई है.

एडम बौलोकोस ने कहा, "शिविर में अभी भी आंशिक रूप से बिजली और पानी की कमी है. भारी मशीनरी के कारण, लगभग आठ किलोमीटर लम्बी पानी की पाइप और तीन किलोमीटर लम्बी सीवेज लाइनें नष्ट हो गईं, जिन्होंने सड़कों को फाड़कर, उनमें विशालकाय गढ्ढे कर दिए."

बड़े पैमाने पर सफ़ाई अभियान जारी है, जिसके लिए UNRWA  ने , स्थानीय एवं नगर निगम अधिकारियों की सराहना की है.

सैन्य अभियान के कारण कम से कम साढ़े तीन लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. UNRWA ने कहा कि उनकी प्राथमिकता, शिविर में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और परिवारों को नक़द सहायता प्रदान करने जैसी सेवाएँ दोबारा शुरू करके, निवासियों के लिए सामान्य हालात बहाल करने की रहेगी.

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने दानदाताओं और साझीदारों से शिविर में मानवीय कार्रवाई के लिए तुरन्त धनराशि उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया.

लेनी स्टेनसेथ ने क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्रों में शान्ति की अधिक आवश्यकता पर बल देते हुए "एक अत्यन्त आवश्यक, न्यायसंगत राजनैतिक समाधान” खोजने पर ज़ोर दिया, “जो फ़लस्तीनी शरणार्थियों की दुर्दशा को ख़त्म कर सके."