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भारत: चक्रवाती तूफ़ान बिपोरजॉय का क़हर

समुद्री तूफ़ान, अक्सर भारी तबाही करते हैं. म्याँमार के राख़ीन प्रान्त में स्थित एक विस्थापन शिविर में एक व्यक्ति अपने क्षतिग्रस्त अस्थाई घर की मरम्मत कर रहा है.
© UNOCHA/Pierre Lorioux
समुद्री तूफ़ान, अक्सर भारी तबाही करते हैं. म्याँमार के राख़ीन प्रान्त में स्थित एक विस्थापन शिविर में एक व्यक्ति अपने क्षतिग्रस्त अस्थाई घर की मरम्मत कर रहा है.

भारत: चक्रवाती तूफ़ान बिपोरजॉय का क़हर

जलवायु और पर्यावरण

भारत के पश्चिमी प्रदेश गुजरात में, गुरूवार रात को आए चक्रवाती तूफ़ान बिपोरजॉय से कम से कम दो लोगों की मौत हो गई, अनेक लोग घायल हैं, जबकि 940 गाँवों की बिजली ठप्प होने से वो अन्धेरे में डूब गए हैं. इसके अलावा, भारी मात्रा में तटवर्ती इलाक़ों पर बन्दरगाहों, मकानों व पेड़ों को भारी नुक़सान पहुँचा है. 

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने गुरूवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि तूफ़ान की तेज़ रफ़्तार आंधियों, भारी बारिश और बाढ़ के कारण, सवा छह लाख से अधिक बच्चों के लिए तात्कालिक जोखिम था.

यूनीसेफ़ ने कहा कि वो, भारत में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कार्रवाई में सहयोग करने के लिए मुस्तैद है और विशेष ध्यान सबसे ज़्यादा निर्बल हालात वाले बच्चों व परिवारों पर दिया जा रहा था.

यूनीसेफ़ धरातल पर सरकार के साथ सम्पर्क में है, जो तैयारी, प्रतिक्रिया, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के प्रयासों की अगुवाई कर रही थी. साथ ही सर्वाधिक प्रभावित इलाक़ों में, ताज़ा जानकारी साझा करने और सटीक सूचना के प्रसार के लिए, अन्तर एजेंसी समूहों के साथ भी समन्वय किया जा रहा था.

यूनीसेफ़ ने ध्यान दिलाया कि चक्रवाती तूफ़ान बिपॉरजॉय ने, पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में भी बच्चों और परिवारों के लिए एक नया संकट उत्पन्न कर दिया. ध्यान रहे 

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कि सिन्ध प्रान्त में, वर्ष 2022 के दौरान भीषण बाढ़ से भारी तबाही हुई थी.

तट पर टकराकर धीमा पड़ा

बंगाली भाषा में में ‘बिपोरजॉय’ का मतलब होता है "आपदा." गुरूवार रात, तूफ़ान बिपोरजॉय भारत के गुजरात प्रदेश के बन्दरगाह शहर, जखाऊ से टकराया, जिससे 125 किमी प्रति घंटा की की रफ़्तार से हवाएँ चलीं.

मीडिया ख़बरों के अनुसार, तट से टकराने के बाद यह तूफ़ान कमज़ोर पड़ गया और भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक़ अब यह तूफ़ान, "बहुत गम्भीर" से बदलकर "गम्भीर" की श्रेणी में आ गया है. हालाँकि क्षेत्र में तेज़ हवाओं और बारिश का सिलसिला अब भी जारी था.

हालाँकि अभी नुक़सान का पूरा आकलन नहीं हुआ है, लेकिन तूफ़ान के वेग से कई ज़िलों में सैकड़ों पेड़ व बिजली के खम्भे गिर गए हैं, जिससे अनेक मवेशियों की मौत हो गई है. 

सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं और बिजली के खम्भे गिरने से, 900 से ज़्यादा गांवों में बिजली गुल हो गई है. गुजरात के अधिकारियों ने कहा कि प्रदेश भर में तूफ़ान के कारण लगभग 99 रेलगाड़ियाँ सेवाएँ रद्द रहेंगी. 

भारतीय अधिकारियों की तरफ़ से, राज्य के भावनगर शहर में चक्रवात से दो लोगों की मौत की सूचना मिली है.

उधर पाकिस्तान में भी इस तूफ़ान ने दस्तक दी, मगर किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन सिन्ध के तटीय क्षेत्र में 80 हज़ार से अधिक लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित इलाक़ों का रुख़ करने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

गुजरात से टकराने के बाद, यह तूफ़ान पाकिस्तान होता हुआ राजस्थान की तरफ़ बढ़ा था. अधिकारियों का कहना है कि अगले दो दिनों में, राजस्थान में भारी बारिश जारी रहने की अपेक्षा है.

चक्रवात बिपोरजॉय को श्रेणी एक के तूफ़ान के रूप में वर्गीकृत किया गया था, जो एक से पाँच के पैमाने पर सबसे कम गम्भीर माना जा सकता है, लेकिन पूर्वानुमानकर्ताओं का कहना था कि 25 वर्षों में इस क्षेत्र का सबसे ख़राब तूफान हो सकता है.

आपदा जोखिम न्यूनीकरण व प्रबन्धन उपाय

‘नीरंगी रंग/स्तर’ की चेतावनी के कारण, तूफ़ान से होने वाले नुक़सान को कम करने के लिए व्यापक क़दम उठाए गए थे. लगभग एक लाख लोगों को तटीय क्षेत्रों से निकालकर, अस्थाई शरण स्थलों में ले जाया गया था, जिसमें तीन हज़ार से अधिक नमककर्मी भी शामिल थे. 

तटीय क्षेत्रों में बसे गाँवो में धारा 144 लगाई गई और मछली पकड़ने की गतिविधियों पर पूर्णत: रोक लगा दी गई थी. अहतियात के तौर पर, 1400 विज्ञापन-बोर्ड उतार दिए गए थे और संचार व्यवस्था ठप होने से बचाव के लिए सैटेलाइट फ़ोन, हैम रेडियो आदि की व्यवस्था की गई थी.

इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 18 और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की 12 टीमें, राज्य सड़क और भवन विभाग की 115 टीमें और राज्य बिजली विभाग की 397 टीमें तटीय ज़िलों में तैनात हैं.