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यूक्रेन: युद्ध के दौरान परमाणु दुर्घटना को टालने के लिए पाँच सिद्धान्त

यूक्रेन में स्थित ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा केन्द्र पर, विशेषज्ञों की एक टीम.
© IAEA/Fredrik Dahl
यूक्रेन में स्थित ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा केन्द्र पर, विशेषज्ञों की एक टीम.

यूक्रेन: युद्ध के दौरान परमाणु दुर्घटना को टालने के लिए पाँच सिद्धान्त

शान्ति और सुरक्षा

अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के मुखिया रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने सुरक्षा परिषद से, यूक्रेन में युद्ध के दौरान परमाणु दुर्घटना से बचने पर लक्षित पाँच सिद्धान्तों को, स्पष्ट व निश्चित समर्थन देने का आग्रह किया है. यूक्रेन में युद्ध अब 15वें महीने में दाख़िल हो चुका है.

यूएन परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में बताया कि ज़ैपोरिझझिया स्थित, योरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र में, स्थिति बहुत ही नाज़ुक और अत्यन्त ख़तरनाक बनी हुई है.

उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि उस इलाक़े में सैन्य अभियान जारी हैं, और निकट भविष्य में इनमें ख़ासी बढ़ोत्तरी होने की आशंका है.

भाग्य पर निर्भरता

उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान, ज़ैपोरिझझिया परमाणु संयंत्र पर भी गोलाबारी हुई है. सात बार इस संयंत्र की बिजली आपूर्ति ठप हुई है और उसका संचालन, आपात डीज़ल जैनरेटरों पर करना पड़ा है – जोकि किसी परमाणु दुर्घटना की स्थिति में, अन्तिम रक्षा विकल्प है.

रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने सुरक्षा परिषद में स्थित राजदूतों को बताया, “हम भाग्यशाली हैं कि अभी तक कोई परमाणु दुर्घटना नहीं घटी है.”

“जैसाकि मैंने गत मार्च में IAEA के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स की बैठक में कहा था – हम केवल तुक्के से काम चला रहे हैं और अगर यही स्थिति जारी रही तो एक दिन, हमारा भाग्य हमारा साथ देना छोड़ देगा. इसलिए हमें केवल तुक्के पर इस निर्भरता को ख़त्म करने के लिए, यथाशक्ति कार्रवाई करनी होगी.”

एक विशिष्ट अनुरोध

अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी, सुरक्षा परिषद में जानकारी देते हुए.
UN Photo/Eskinder Debebe

रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि यूक्रेन संकट, इतिहास में ऐसी पहली घटना बन गया है, जिसमें एक विशाल परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के संयंत्र के इर्दगिर्द युद्ध लड़ा जा रहा है.

उन्होंने कहा कि देश में स्थित विभिन्न परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में से अनेक पर, सीधे तौर पर गोलाबारी की गई है, और किसी ना किसी समय, सभी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की बिजली आपूर्ति ठप हो चुकी है.

अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA), ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में, सितम्बर 2022 से अपनी मौजूदगी क़ायम रखी है.

इस संयंत्र पर, युद्ध के शुरुआती दिनों में ही, रूसी सेनाओं ने अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था, और यूक्रेनी स्टाफ़ संचालन अभियान चला रहे हैं, जबकि इस स्टाफ़ की संख्या भी बहुत कम है.

रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने अब कहा है कि जो कुछ कार्रवाई करना बहुत ज़रूरी है, उसके बारे में बहुत विशिष्ट होने का समय आ गया है. “हमें रेडियोधर्मी पदार्थों के ख़तरनाक रिसाव को रोकना होगा.”

पाँच ठोस सिद्धान्त

रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने युद्धरत पक्षों सहित अनेक पक्षों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद, पाँच ऐसे ठोस सिद्धान्त तैयार किए हैं, जो ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में, “एक त्रासद दुर्घटना” को टालने के लिए अनिवार्य हैं.

उन्होंने इन सिद्धान्तों की जानकारी देते हुए बताया कि इस परमाणु संयंत्र पर, किसी भी पक्ष की तरफ़ से कोई भी हमला नहीं होना चाहिए.

परमाणु संयंत्र का प्रयोग, भारी हथियारों के अड्डे या भंडार के रूप में भी नहीं होना चाहिए.

इस संयंत्र को, दूरस्थ स्रोतों से मिलने वाली बिजली को कभी भी जोखिम में नहीं डालना चाहिए, और इसके लिए हर सम्भव प्रयास होने चाहिए कि ये बिजली आपूर्ति हर समय उपलब्ध रहे.

उससे भी ज़्यादा, तमाम ढाँचों, प्रणालियों और इस संयंत्र के सुरक्षित संचालन के लिए अनिवार्य, तमाम घटकों की, हमलों व विध्वंस से पुख़्ता सुरक्षा हो.

अन्ततः ऐसी कोई भी कार्रवाई नहीं की जाए, जिससे इन सिद्धान्तों की अहमियत कम हो.

रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने कहा, “मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूँ: ये सिद्धान्त किसी भी पक्ष के लिए हानिकारक नहीं और हर किसी के लिए लाभदायक हैं. परमाणु दुर्घटना को टालना सम्भव है. IAEA के पाँच सिद्धान्तों का पालन ही, शुरुआत करने का रास्ता है.”