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IAEA: यूक्रेन के परमाणु संयंत्र के आसपास बढ़ते तनाव की स्थिति

यूक्रेन में ज़ैपोरिझझिया परमाणु संयंत्र.
Ⓒ IAEA
यूक्रेन में ज़ैपोरिझझिया परमाणु संयंत्र.

IAEA: यूक्रेन के परमाणु संयंत्र के आसपास बढ़ते तनाव की स्थिति

शान्ति और सुरक्षा

अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी – IAEA ने यूक्रेन में युद्ध के दौरान, देश के ज़ैपोरिझझिया परमाणु संयंत्र के आसपास बढ़ते तनाव के मद्देनज़र, सम्भावित परमाणु जोखिम के बारे में एक बार फिर आगाह किया है.

यूएन परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक रफ़ाएल मैरियानो ग्रॉस्सी ने शुक्रवार को एक वक्तव्य में कहा है कि ऐनेरहोडर नामक एक क़स्बे में, दिन शुरू होने के समय तोपख़ानों की गोलाबारी हुई. परमाणु संयंत्र के ज़्यादातर कर्मचारी इसी क़स्बे में बसते हैं.

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रफ़ाएल मैरियानो ग्रॉस्सी ने कहा कि ये नवीनतम घटनाक्रम, इस क्षेत्र में बढ़ी हुई तनावपूर्ण सैन्य स्थिति का संकेत देता है.

सैन्य गतिविधि के बारे में क़यास

ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (ZNPP), योरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, जो ऐनेरहोडर नामक इस क़स्बे से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित है.

इस संयंत्र में मौजूद, यूएन परमाणु ऊर्जा एजेंसी के विशेषज्ञों ने ख़बर दी है कि ये संयंत्र प्रभावित नहीं हुआ है, मगर मौजूदा स्थिति, लगातार दरपेश परमाणु सुरक्षा और सुरक्षा जोखिमों को एक बार फिर रेखांकित करती है, वो भी ऐसे समय में जब क्षेत्र में, निकट भविष्य में सैन्य अभियानों के बारे में क़यासबाज़ी तेज़ हो गई है.

रफ़ाएल मैरियानो ग्रॉस्सी ने, ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अपना संकल्प एक बार फिर दोहराया, जिस पर इस युद्ध के दौरान पहले ही, अनेक बार गोलाबारी हो चुकी है.

परमाणु जोखिम की रोकथाम

महानिदेशक ग्रॉस्सी ने कहा कि इस अति महत्वूपूर्ण लक्ष्य की प्राप्ति और महाद्वीप पर किसी गम्भीर परमाणु दुर्घटना के जोखिम को रोकने में मदद करने के लिए, सभी पक्षों के साथ सघन वार्ता कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, “ये बिल्कुल आसान है: संयंत्र को गोलाबारी का निशाना नहीं बनाएँ और इस संयंत्र को एक सैन्य अड्डे के रूप में इस्तेमाल नहीं करें. युद्ध के दौरान इस संयंत्र की सुरक्षा के सिद्धान्तों पर सहमत होना, सभी के हित में होना चाहिए.”

ग़ौरतलब है कि ज़ैपोरिझझिया संयंत्र पर, फ़रवरी 2022 में रूसी आक्रमण शुरू होने के कुछ ही दिन बाद, रूसी सेनाओं का नियंत्रण स्थापित हो गया था.

स्टाफ़ पर दबाव

युद्ध शुरू होने के बाद से कर्मचारियों की संख्या में ख़ासी बड़ी गिरावट आई है क्योंकि कर्मचारी और उनके परिवार, इस युद्ध के दौरान अग्रिम मोर्चे वाले क्षेत्र में, बहुत कठिन व दबाव वाले हालात का सामना कर रहे हैं.

एजेंसी के मुखिया ने कहा, “हमारे विशेषज्ञों ने, इस सप्ताह संयंत्र में कर्मचारियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है. फ़िलहाल चूँकि संयंत्र के रिएक्टर बन्द हैं, तो वहाँ कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त है. हालाँकि अनिवार्य देखरेख और मरम्मत व अन्य नियमित काम के लिए, ये संख्या स्पष्ट रूप से अपर्याप्त है.”

उन्होंने इस स्थिति को अपोषणीय क़रार दिया.

उन्होंने आगाह करते हुए ये भी कहा कि संयंत्र में जितने लम्बे समय तक कर्मचारियों की कमी की ये स्थिति बनी रहेगी, परमाणु सुरक्षा और मज़बूती का जोखिम उतना ही ज़्यादा बड़ा बना रहेगा.