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एकीकृत मौसम व जलवायु सेवाओं में अधिक निवेश किए जाने का आग्रह

स्पेन के बार्सिलोना में एक तूफ़ान उठता हुआ.
© WMO/Carlos Castillejo Balsera
स्पेन के बार्सिलोना में एक तूफ़ान उठता हुआ.

एकीकृत मौसम व जलवायु सेवाओं में अधिक निवेश किए जाने का आग्रह

जलवायु और पर्यावरण

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने कहा है कि दुनिया को नवीकरणीय ऊर्जा भविष्य की ओर ले जाते समय, एकीकृत मौसम व जलवायु सेवाओं में विशाल निवेश किए जाने की भी आवश्यकता होगी. सौर, पवन, जलविद्युत जैसे नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत, मौसम व जलवायु रुझानों के अनुरूप बदलते हैं, और इसलिए इनके बारे में पुख्ता जानकारी की उपलब्धता ज़रूरी है.

यूएन एजेंसी के अनुसार यह निवेश अति-महत्वपूर्ण है, और यह सुनिश्चित किया जाना होगा कि जलवायु-सम्बन्धी व्यवधानों के लिए ऊर्जा का बुनियादी ढाँचा सहनसक्षम हो.

साथ ही, सूर्य और पवन जैसे स्रोतों से ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया को संवारने के नज़रिये से भी यह अहम होगा.

इस क्रम में, मौसम विज्ञान संगठन ने अपनी गतिविधियों का विस्तार किया है ताकि आवश्यकता-अनुरूप उन मौसम व जलवायु जानकारी और पूर्वानुमानों को बढ़ावा दिया जा सके, जिनसे जीवाश्म ईंधन से हटकर हरित ऊर्जा की दिशा में बढ़ने में मदद मिलती हो.

हाल ही में जारी एक नए प्रकाशन में, विश्व भर से एकीकृत मौसम व जलवायु सेवाओं के सर्वोत्तम उदाहरणों व दिशानिर्देशों को साझा किया गया है.

यूएन एजेंसी के महासचिव पेटेरी टालस ने बताया कि यह प्रकाशन, नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में ऊर्जा के भविष्य की दृष्टि से एक सामयिक समर्थन है.

इस प्रकाशन को लगभग 50 लेखकों की विशेषज्ञता में तैयार किया गया है, और इसके समन्वय का ज़िम्मा यूएन एजेंसी की एकीकृत ऊर्जा सेवाओं के अध्ययन समूह ने सम्भाला.

यह पिछले सप्ताह एक वेबिनार के दौरान जारी किया गया, जहाँ वक्ताओं ने विकार्बनीकृत व सुदृढ़ ऊर्जा प्रणालियों के लिए एकीकृत ऊर्जा सेवाओं की अहमियत को रेखांकित किया.

जर्मनी के बिडेशाइम में पवन चक्की का इस्तेमाल.
Unsplash/Karsten Würth

नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत

विश्व मौसम विज्ञान संगठन की उप महासचिव ऐलेना मानेनकोव ने बताया कि उनका संगठन किस प्रकार से अहम सामाजिक-आर्थिक सैक्टरों, विशेष रूप से ऊर्जा क्षेत्र में कारगर सेवाओं के निर्माण पर बल दे रहा है.

“तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए, ऊर्जा उत्पादन को जीवाश्म ईंधन जलाने से हटकर, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसेकि पवन, सौर व जलविद्युत की ओर बढ़ाना होगा.”

उनके अनुसार, नवीकरणीय ऊर्जा के ये स्रोत, मौसम व जलवायु रुझानों के अनुरूप बदलते रहते हैं, और इसलिए मौसम, जल व जलवायु सेवाओं की भूमिका को समझना, नए ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है.

उत्सर्जन में कटौती

हाल ही में, जलवायु परिवर्तन पर अन्तर-सरकारी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पिछले सवा लाख वर्षों में किसी अवधि की तुलना में, पिछला दशक कहीं अधिक गर्म साबित हुआ है.

आईपीसीसी के अनुसार, संसाधनों के ग़ैर-टिकाऊ इस्तेमाल की वजह से वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि जारी रही है.

बताया गया है कि विशाल मात्रा में उत्सर्जन के लिए ऊर्जा सैक्टर ज़िम्मेदार है, और इसलिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती लाने और बढ़ती ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए ऊर्जा उत्पादन में त्वरित, रूपान्तरकारी बदलाव लाने की आवश्यकता है.