ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन

यूएन महासचिव ने स्विट्ज़रलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक को सम्बोधित किया.
© World Economic Forum

यूक्रेन युद्ध: गम्भीर शान्ति वार्ता के लिए फ़िलहाल अवसर नहीं, यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को स्विट्ज़रलैंड के दावोस शहर में 'विश्व आर्थिक मंच' की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा  है कि यूक्रेन में युद्धरत पक्षों के बीच शान्ति के लिए गम्भीर वार्ता आयोजित करने का अवसर फ़िलहाल अभी हासिल नहीं हो पाया है. उन्होंने विश्व में मौजूदा हालात की एक कटु तस्वीर उकेरते हुए आगाह किया कि वैश्विक समस्याओं के समाधानों के रास्ते दरारों से पटे हैं. 

 

शर्म अल-शेख़ में युवा जलवायु कार्यकर्ता जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल बन्द करने की मांग कर रहे हैं.
UNFCCC/Kiara Worth

कॉप27: "जीवाश्म ईंधन की ओर जाने वाला रास्ता एक बन्द गली है", नवीकरणीय ऊर्जा पर बल    

मिस्र के तटीय शहर शर्म अल-शेख़ में जारी यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन, कॉप27 में शुक्रवार को कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिये समाधानों को साझा किया गया. साथ ही, जलवायु संकट से सर्वाधिक प्रभावित विकासशील देशों के लिये जलवायु न्याय और वित्त पोषण भी चर्चा के केंद्र में रहा.

पूर्वोत्तर बांग्लादेश में भीषण बाढ़ के कारण सिलहट में प्रोतिवा का स्कूल बन्द हो गया है.
© UNICEF/Parvez Ahmad Rony

‘हमारा भविष्य चुराया जा रहा है’, कॉप27 में गूंजी युवजन की आवाज़

टी-शर्ट पहने, हाथ में बैनर, तख़्तियाँ, और लाउडस्पीकर लिए और जलवायु प्रभावों की हृदयविदारक आपबीती के साथ, युवा जलवायु कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को कॉप27 सम्मेलन के दौरान, पुरज़ोर ढँग से अपनी बात विश्व नेताओं के सामने रखी. उन्होंने जलवायु वार्ताकारों से जलवायु ‘हानि व क्षति’ के मुद्दे पर कारगर कार्रवाई का आहवान किया है.

मिस्र के शर्म अल-शेख़ में कॉप27 सम्मेलन के आयोजन स्थल पर मुख्य कक्ष के बाहर का दृश्य.
UNFCCC/Kiara Worth

'सहयोग या नाश' - कॉप27 में जलवायु कार्रवाई के लिये एकजुटता पर बल

बढ़ते ऊर्जा संकटों, ग्रीन हाउस गैसों की रिकॉर्ड सघनता, और चरम मौसम की बढ़ती घटनाओं के बीच, मिस्र के शर्म अल-शेख़ में संयुक्त राष्ट्र का वार्षिक जलवायु सम्मेलन कॉप27 आयोजित हो रहा है, जहाँ यूएन महासचिव ने जलवायु आपदा को टालने के रास्ते पर आगे बढ़ाने की पुकार लगाई है. उन्होंने आगाह किया है कि दुनिया इस लड़ाई में फ़िलहाल पिछड़ रही है, मगर “मानवता के पास विकल्प मौजूद है: सहयोग या नाश. ये विकल्प है – या तो जलवायु एकजुटता समझौता – या फिर सामूहिक आत्महत्या समझौता.” एक वीडियो रिपोर्ट...

विश्व भर में पर्यावरण रक्षा के समर्थन में होने वाले विरोध प्रदर्शनों में, मुनाफ़े की बजाय पृथ्वी पर ध्यान देने की मांग की जाती है.
© Unsplash/Markus Spiske

कॉप27: ‘हरित लीपापोती के लिये शून्य सहिष्णुता’, महासचिव ने खोखले नैट-शून्य संकल्पों के प्रति किया आगाह

विश्व भर में कार्बन उत्सर्जन से मुक्त होने का संकल्प लेने वाले देशों और ग़ैर-सरकारी पक्षों की संख्या बढ़ रही है, मगर नैट-शून्य उत्सर्जन प्रतिबद्धताओं के लिये मानदण्डो में बचाव के इतने रास्ते हो सकते हैं कि उनके बेअसर होने की आशंका बढ़ जाती है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समूह द्वारा, शर्म अल-शेख़ में कॉप27 सम्मेलन के दौरान इस विषय में अपनी पहली रिपोर्ट मंगलवार को प्रकाशित किये जाने पर यह चिंता व्यक्त की गई है.

कच्चे तेल के शोधन से निकलने वाले उत्सर्जन, जीवाश्म ईंधन के कुल उत्सर्जनों में एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
© Unsplash/Zbynek Burival

अतीत के आठ वर्ष, सर्वाधिक गर्म साल होने की राह पर, WMO की नई रिपोर्ट

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की रविवार को जारी एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले आठ वर्ष, रिकॉर्ड पर अब तक के सर्वाधिक गर्म साल के रूप में दर्ज किये जाने के रास्ते पर हैं, और ग्रीनहाउस गैस की सघनता में निरन्तर वृद्धि व उससे उपजी गर्मी से ये रुझान जारी है. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस रिपोर्ट को मौजूदा जलवायु अराजकता का एक लेखा-जोखा बताते हुए महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई की पुकार लगाई है.

जानवरों को एक प्रकार का समुद्री शैवाल, केल्प, खिलाने से, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने में मदद मिल सकती है.
Unsplash/Shane Stagner

तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री तक सीमित रखने के प्रयास - 'नहीं हैं लक्ष्य प्राप्ति का कोई 'विश्वसनीय रास्ता'

संयुक्त राष्ट्र के जलवायु विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि जलवायु आपदा को टालने के इरादे से हानिकारक उत्सर्जनों में कमी लाने के लिये जो राष्ट्रीय संकल्प लिये गए हैं, उनसे मौजूदा हालात में सुधार होने की उम्मीद बहुत कम है. इसके मद्देनज़र, उन्होंने और देरी ना करते हुए, ऊर्जा क्षेत्र में तत्काल आमूलचूल परिवर्तन किये जाने की पुकार लगाई है.

बांग्लादेश में युवा कार्यकर्ता, जलवायु परिवर्तन पर कारगर कार्रवाई की मांग के लिये प्रदर्शन कर रहे हैं.
© UNICEF/Jannatul Mawa

मौजूदा जलवायु कार्रवाई योजनाएँ, वैश्विक तापमान में 'विनाशकारी वृद्धि टालने के लिये अपर्याप्त'

जलवायु परिवर्तन मामलों के लिये यूएन संस्था (UNFCCC) ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि पेरिस जलवायु समझौते के अधिकांश हस्तारक्षरकर्ता देशों द्वारा प्रस्तुत की योजनाओं से, वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी अवश्य आएगी, लेकिन ये योजनाएंँ इस सदी के अन्त तक, वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिये पर्याप्त नहीं हैं.  

अफ़्रीकी आबादी के केवल 40 फ़ीसदी हिस्से के पास ही, चरम मौसम और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के विरुद्ध, समय पूर्व चेतावनी प्रणाली की सुलभता है.
IOM/Amanda Nero

अफ़्रीका में जलवायु परिवर्तन, समुदायों व अर्थव्यवस्थाओं के लिये ख़तरा

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने गुरूवार को प्रकाशित अपनी एक नई रिपोर्ट में सचेत किया है कि विनाशकारी बाढ़, सूखे समेत अन्य जोखिमों से अफ़्रीकी समुदायों, अर्थव्यवस्थाओं और पारिस्थितिकी तंत्रों के समक्ष गम्भीर चुनौती पैदा हो रही है.

दक्षिण सूडान में जूबा के निकट नील नदी में बाढ़ में, एक लड़की स्कूल से घर वापसी के रास्ते पर नदी पार करते हुए.
© UNICEF/Bullen Chol

'सम्पन्न देशों में संसाधनों की अति-खपत', बच्चों के स्वास्थ्य पर जोखिम 

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि अधिकांश सम्पन्न देशों में संसाधनों का उपभोग अधिक होने से, विश्व भर में बच्चों के लिये अस्वस्थ, ख़तरनाक व हानिकारक परिस्थितियाँ उत्पन्न हो रही हैं. यूनीसेफ़ ने बच्चों के स्वास्थ्य व पर्यावरण की रक्षा व उनके लिये बेहतर माहौल सुनिश्चित करने के लिये सुझाव प्रस्तुत किये हैं.