विश्व पर्यावरण दिवस: प्रकृति के घावों पर मरहम लगाने का समय

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जारी अपने सन्देश में, ‘पारिस्थितिकी तंत्र बहाली के यूएन दशक' की शुरुआत की घोषणा की है. उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि दुनिया, जैव-विविधता की क्षति, जलवायु व्यवधान और बढ़ता प्रदूषण, तीन पर्यावरणीय संकटों का सामना कर रही है, जिसके मद्देनज़र, यह प्रकृति को पहुँचाये गए नुक़सान की भरपाई करने का समय है.
यूएन प्रमुख ने शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस से पहले जारी अपने सन्देश में चिन्ता जताई कि बहुत लम्बे समय से मानवता ने, धरती के जंगलों को काटा हैं, अपनी नदियों और महासागरों को दूषित किया है और चारागाहों को जोतकर मिटाया है.
Resetting humanity’s relationship with nature will be the focus of #WorldEnvironmentDay, which also marks the launch of the @UN Decade on Ecosystem Restoration, a global push to prevent, halt and reverse ecosystem degradation. #GenerationRestoration https://t.co/5gZetiWQyF
UNEP
"हम तेज़ी से ऐसी दिशा में बढ़ रहे है जहाँ से पृथ्वी के लिये वापिस लौट पाना सम्भव नहीं होगा. हम उसी पारिस्थितिकी को नष्ट करते जा रहे हैं, जो हमारे समाजों का आधार हैं."
उन्होंने आगाह किया कि ऐसा करते हुए हम अपने अस्तित्व के लिये आवश्यक भोजन, जल एवँ संसाधनों से, स्वयं को वंचित करने का ख़तरा मोल ले रहे हैं.
बताया गया है कि प्रकृति के क्षरण से 3.2 अरब लोगों - यानी मानव समुदाय के 40 प्रतिशत हिस्से के कल्याण को चोट पहुंच रही है.
"भाग्यवश, यह धरती सहनशील है. लेकिन उसे हमारी मदद की आवश्यकता है. अब भी समय है कि हमने जो नुकसान पहुँचाया है, उसकी भरपाई कर दें."
महासचिव के मुताबिक पारिस्थितिकी तंत्र बहाली के संयुक्त राष्ट्र दशक की शुरुआत के ज़रिये, सरकारों, व्यवसायों, प्रबुद्ध समाज और नागरिकों को एकजुट कर, धरती के घाव भरने के अभूतपूर्व प्रयास किए जाएँगे.
उन्होंने कहा, "पारिस्थितिकी तंत्र बहाल कर हम ऐसा परिवर्तन ला सकते हैं, जिससे समस्त टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद मिलेगी."
"ऐसा करने से न केवल पृथ्वी के संसाधनों को संरक्षण मिलेगा, बल्कि 2030 तक लाखों नए रोज़गार पैदा होंगे, हर वर्ष 70 ख़रब डॉलर से अधिक की आमदनी होगी और ग़रीबी तथा भुखमरी मिटाने में मदद मिलेगी."
यूएन प्रमुख ने पारिस्थितिकी तंत्र बहाली दशक को, विश्व भर से कार्रवाई करने का आहवान बताया है.
उन्होंने कहा कि यह "बड़े पैमाने पर बहाली के लिये, यह राजनैतिक समर्थन, वैज्ञानिक अनुसंधान और वित्तीय प्रबन्धन में सहायक होगा."
महासचिव ने चेतावनी जारी करते हुए कहा, "विज्ञान के अनुसार जलवायु त्रासदी से बचने, प्रदूषण के घातक ज्वार का रुख़ पलटने और प्रजातियों को विलुप्त होने से रोकने के लिये हमारे पास केवल अगले 10 वर्षों का समय है."
उनके मुताबिक हालात में सुधार के लिये सभी योगदान दे सकते हैं.
"आइए, आज ही से एक नए दशक की शुरूआत करें, जिसमें हम अंतत: प्रकृति के साथ तालमेल स्थापित करें और सबके लिये बेहतर भविष्य सुनिश्चित करें."