बुनियादी शिक्षा को बढ़ावा देने की मुहिम को, अभिनेत्री करीना कपूर ख़ान का समर्थन

बॉलीवुड अभिनेत्री और भारत में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की पैरोकार करीना कपूर ख़ान ने, सभी बच्चों के लिए आरम्भिक कक्षाओं में बुनियादी शिक्षा हासिल किए जाने को बढ़ावा देने, और महाराष्ट्र में अप्रैल माह में शुरू होने वाले #EveryChildReading नामक अभियान का समर्थन करने के लिए, मुम्बई के एक नगरपालिका स्कूल का दौरा किया.
करीना कपूर ख़ान ने शिक्षकों और प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों के साथ बातचीत के दौरान, यह जानने में गहरी दिलचस्पी ली कि महामारी के दौरान और उसके बाद बच्चों ने पढ़ाई-लिखाई जारी रखने में किन चुनौतियों का सामना किया.
Every child must learn to read, regardless of their background or circumstances.
Having spent a day with children in Mumbai, this is what UNICEF India Celebrity Advocate Kareena Kapoor Khan has to say.
#ForEveryChild, Education https://t.co/CsSajb6Ioa
UNICEFIndia
उन्होंने बच्चों के लिए जल्दी पढ़ना, लिखना व गिनती सीखने और मातृभाषा में सीखने के विकल्प प्रदान करने के महत्व पर ज़ोर दिया. उसके बाद, उन्होंने बच्चों को कल्पना की उड़ान भरने वाली एक रोचक कहानी सुनाई.
इस अवसर पर करीना कपूर ख़ान ने कहा, "आज मैं छोटे बच्चों से मिली और उनमें पढ़ने व सीखने के लिए अपार उत्साह देखा. एक माँ के रूप में, मैं पढ़ने और कहानी कहने की शक्ति को समझती हूँ, जोकि युवा दिमाग को प्रेरित कर सकती है, ख़ासतौर पर अगर यह उस भाषा में हो जिसे वे अच्छी तरह समझते हैं.”
यूनीसेफ़ महाराष्ट्र की प्रमुख, राजेश्वरी चंद्रशेखर ने बताया कि, “यह आवश्यक है कि हम मूलभूत शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित करें और अपने बच्चों को जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक बुनियादी कौशल से लैस करें. इसमें पढ़ना, लिखना और बुनियादी संख्यात्मक कौशल शामिल हैं."
भारतीय शिक्षा नीति 2020 में यह स्पष्ट किया गया है कि अंक ज्ञान व लिखने और समझकर पढ़ने की क्षमता 'भविष्य की सभी स्कूली शिक्षा और आजीवन शिक्षा का आवश्यक आधार है.
'रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरसी (निपुण) मिशन का उद्देश्य 2026-27 तक कक्षा 3 तक, प्रत्येक बच्चे के लिए साक्षरता और संख्या ज्ञान में सार्वभौमिक दक्षता के लक्ष्य को प्राप्त करना है.
नवम्बर 2021 में किए गए राष्ट्रीय मूल्यांकन सर्वेक्षण के अनुसार, महाराष्ट्र में कक्षा 3 में 30 प्रतिशत से अधिक बच्चे छोटे पाठ पढ़ने में असमर्थ पाए गए. कक्षा 5 तक, अपनी कक्षा के हिसाब से उपयुक्त पाठ न पढ़ पाने वाले बच्चों की यह संख्या 41 प्रतिशत तक बढ़ गई, और कक्षा 8 में यह संख्या 43 प्रतिशत हो गई.
2020 में शिक्षा विभाग, महाराष्ट्र सरकार द्वारा यूनीसेफ़ और प्रथम बुक्स के साथ साझेदारी में शुरू किए गए, पढ़ाई अभियान, ‘गोष्ठीचे शनिवार’ (यानि शनिवार पाठन) के तहत, बच्चों के भावनात्मक कल्याण व भाषा प्रवीणता को बढ़ावा देने के साथ-साथ, हर हफ़्ते उन्हें कहानियों की एक पुस्तक भी दी जाती है.
इस अभियान के अन्तर्गत, मराठी, उर्दू और अंग्रेज़ी में प्रत्येक शनिवार को कक्षा 1-8 के छात्रों के साथ एक-एक कहानी साझा की जाती है. यह अभियान, महाराष्ट्र के 36 ज़िलों में चलाया जा रहा है, और इसके ज़रिये एक लाख से अधिक स्कूलों, 2.6 लाख शिक्षकों और 31 लाख बच्चों तक पहुँच रहा है.
करीना कपूर ख़ान ने कहा, "हमें ऐसा माहौल बनाने की ज़रूरत है जहाँ बच्चे सीखना पसन्द करें. स्कूल एक ऐसी जगह है और घर में सीखने का माहौल भी उतना ही महत्वपूर्ण है."
"हमें इन जगहों को बच्चों के पढ़ने के लिए सहायक और दिलचस्प बनाने की ज़रूरत है. शिक्षक, माता-पिता, दादा-दादी, सभी छोटे बच्चों को ऐसे कौशल सीखने में मदद कर सकते हैं जो उन्हें जीवन भर मदद करेंगे.”
यूनीसेफ़ महाराष्ट्र की प्रमुख, राजेश्वरी चंद्रशेखर ने का मानना है कि, "गोष्ठीचे शनिवार पढ़ाई अभियान और #EveryChildReading मुहिम जैसी पहलों के ज़रिए, हम राज्य के प्रत्येक नागरिक व प्रत्येक बच्चे की पढ़ाई सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं."
"एक मज़बूत नींव के साथ, बच्चे ना केवल कहानियों के जादू का आनन्द ले सकते हैं, बल्कि इससे उनकी पूर्ण क्षमता बाहर आकर, भविष्य में कामयाबी के रास्ते खुलते हैं.”
वहीं, भारत में यूनीसेफ़ इण्डिया की संचार, पैरोकारी व साझेदारी प्रमुख, ज़ाफरीन चौधरी ने, करीना कपूर ख़ान के साथ एक सेलिब्रिटी एडवोकेट के रूप में अपने सम्बन्धों और पिछले एक दशक में बच्चों के मुद्दों के लिए जागरूकता प्रसार में उनके प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया.
भारत में यूनीसेफ़, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सरकार के साथ मिलकर काम करता है और शिक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित मूलभूत शिक्षा सम्बन्धी राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के लिए तकनीकी समर्थन प्रदान करता है.
यूनीसेफ़ ने मार्च 2022 में भारत सरकार के साथ मिलकर, देश के पहले बुनियादी शिक्षा अध्ययन में सहयोग दिया है. यूनीसेफ़ द्वारा, निपुण भारत, और न्यूमेरसी मिशन व मूलभूत साक्षरता की पंचवर्षीय योजनाओं को विकसित करने और लागू करने में राज्य सरकारों को तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है.