यूक्रेन: यूएन राहत क़ाफ़िला पहुँचा सोलेदार, परमाणु संयंत्रों के सुरक्षा के प्रयासों में तेज़ी

यूक्रेन में भीषण लड़ाई से बेहाल पूर्वी शहर सोलेदार में ज़रूरतमन्द 800 लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिए, संयुक्त राष्ट्र का पहला राहत क़ाफ़िला शुक्रवार को शहर के नज़दीक पहुँच गया है. इस बीच, अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने देश में परमाणु सुरक्षा व बचाव उपायों की मज़बूती के लिए अपने प्रयास तेज़ किए हैं, ताकि परमाणु हादसे की रोकथाम की जा सके.
मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय के प्रवक्ता येंस लार्क ने बताया कि तीन ट्रकों को, डोनबास क्षेत्र के बेहद विवादित क्षेत्र के लिए रास्ता दिया गया है.
यहाँ भीषण लड़ाई जारी है और रूसी सैन्य बलों ने रणनैतिक रूप से महत्वपूर्ण माने जाने वाले बख़मूत नगर की ओर बढ़ने के लिए अपना अभियान तेज़ किया है.
We are at this moment in areas close to #Soledar, #Donetsk region, with a 3-truck humanitarian convoy to support 800+ people who remain in communities surrounding the town.
We are bringing food, water, hygiene kits & medicines provided by @WHO, @UNICEF, @UNmigration & @WFP. https://t.co/n7yGWBAVPd
OCHA_Ukraine
यूएन एजेंसी प्रवक्ता ने जिनीवा में शुक्रवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि इस राहत क़ाफ़िले में भोजन, जल, स्वच्छता किट, दवाएँ और अन्य चिकित्सा सामग्री हैं, जो यूएन एजेंसियों ने उपलब्ध कराई हैं.
“यह उन 800 लोगों के लिए हैं, जो अब भी उस इलाक़े में मौजूद हैं, जहाँ भारी टकराव और व्यापक तबाही हुई है. इसलिए वहाँ मौजूद लोगों को राहत की सख़्त ज़रूरत है. इसलिए हमें ख़ुशी है कि यह क़ाफ़िला निसन्देह वहाँ पहुँच गया है.”
बताया गया है कि आने वाले दिनों में अनेक अन्य क़ाफ़िलों के वहाँ पहुँचने की सम्भावना है. यूएन कार्यालय प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठन यूक्रेन में अग्रिम मोर्चों पर अन्तर-एजेंसी राहत अभियान का दायरा व स्तर बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं, चूँकि वहाँ विशेष रूप से मानवीय आवश्यकताएँ हैं.
यूक्रेन पर रूसी सैन्य बलों के आक्रमण के बाद से ही वहाँ स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा के प्रति चिन्ता गहरी हुई है.
अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख रफ़ाएल ग्रॉस्सी ने गुरूवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर ज़ेलेंस्की को मौजूदा हालात की जानकारी देते हुए कहा कि यूएन एजेंसी अपनी गतिविधियों के दायरे में गहनता से विस्तार कर रही है.
इसका उद्देश्य यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा केन्द्रों की सुरक्षा और बचाव उपायों को सुनिश्चित करना है. यूएन परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख ने बताया कि देश के कई हिस्सों में इस सप्ताह, अनेक स्थाई विशेषज्ञ मिशन स्थापित किए गए हैं.
बताया गया है कि अगले कुछ दिनों में, यूएन एजेंसी की विशेषज्ञ टीम, राजधानी कीयेव के पश्चिम में स्थित ख़्मेलनित्सिकी प्लांट पर भी तैनात की जाएगी.
इसके साथ ही, देश में एक साथ कुल 11 परमाणु सुरक्षा विशेषज्ञ तैनात होंगे, और इस घटनाक्रम को, संगठन का एक अभूतपूर्व क़दम माना गया है.
इसके अलावा, रूसी-नियंत्रण वाले ज़ैपरोझिझिया परमाणु ऊर्जा प्लांट के आस-पास परमाणु सुरक्षा और सलामती ज़ोन स्थापित किए जाने पर भी चर्चा हो रही है.
यह योरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, जोकि हाल के महीनों में अनेक बार गोलाबारी की चपेट में आया है, जिससे परमाणु सुरक्षा से जुड़ी चिन्ताएँ गहरी हुई हैं.
परमाणु ऊर्जा एजेंसी प्रमुख ने कहा कि इस विशाल संयंत्र को हर दिन ख़तरों का सामना करना पड़ता है. “हमारी टीम को वहाँ हर दिन संयंत्र के पास धमाके सुनाई देते हैं, और दो धमाके तो गुरूवार को ही हुए.”
रफ़ाएल ग्रॉस्सी ने ज़ोर देकर कहा कि यह ज़ोन एक गम्भीर परमाणु हादसे की रोकथाम करने के लिए अति आवश्यक है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए रूसी महासंघ और यूक्रेन के साथ गहन विमर्श जारी रखा जाएगा.
“यूक्रेन में, उत्तर से लेकर दक्षिण तक, युद्धकाल में एक गम्भीर परमाणु हादसे को टालने के लिए देश के प्रयासों को ज़मीनी स्तर पर समर्थन देने के लिए, इस सप्ताह IAEA द्वारा किए जा रहे प्रयसों में विस्तार हुआ है.”
“यूक्रेन के अनुरोध पर अब इन महत्वपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर IAEA का झंडा फहरा रहा है.”
महानिदेशक ग्रोस्सी ने कहा कि यह पहली बार है कि शीर्ष विशेषज्ञों को स्थाई रूप से यूक्रेन के सभी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और चेरनॉबिल में तैनात किया गया है.
उनके महत्वपूर्ण कार्य से देश के समक्ष इस वास्तविक परमाणु ख़तरे में कमी लाने में मदद मिलेगी.