हेती: गैंग हिंसा पर लगाम कसने के लिये, सुरक्षा परिषद ने ‘प्रतिबन्ध पैकेज’ को किया पारित

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को सर्वमत से हेती के लिये एक प्रतिबन्ध व्यवस्था को स्वीकृति दी है, जिसके ज़रिये आपराधिक गुटों के नेताओं और उन्हें पोषित करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. इन प्रतिबन्धों की मदद से एक गम्भीर मानवीय संकट से गुज़र रहे हेती में हिंसा और अराजकता पर नियंत्रण पाने की उम्मीद जताई गई है.
The @UN Security Council today voted to impose sanctions on the individuals and groups responsible for the current violence in #Haiti, setting out a travel ban, asset freeze and arms embargo. Read more on Politically Speaking: https://t.co/p5Bom2CkC2
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हेती की राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स में आपराधिक गैंग ने देश के मुख्य ईंधन टर्मिनल तक पहुँचने का रास्ता अवरुध कर दिया है, जिससे अति-आवश्यक सेवाएँ ठप हो गई हैं.
गम्भीर राजनैतिक व आर्थिक चुनौतियों के बीच, हेती में लोगों को हैज़ा के प्रकोप से भी जूझना पड़ रहा है, जिसका दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है.
हेती में इस महीने पहली बार, विनाशकारी स्तर पर भूख की मार झेलने वाले लोगों के मामले दर्ज किये गए हैं, जबकि 47 लाख लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है.
बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका के साधन ख़त्म हो गए हैं, और उनके पास बाज़ार, स्वास्थ्य व पोषण सुविधाएँ सुलभ नहीं हैं.
अमेरिका और मैक्सिको ने इस सन्दर्भ में प्रस्ताव 2653 का मसौदा तैयार किया. पाँच वर्ष पहले माली के बाद यह पहली बार है जब प्रतिबन्ध व्यवस्था को पारित किया गया है.
इसके तहत एक समिति गठित की गई है, जिसका दायित्व उन व्यक्तियों व संस्थानों को चिन्हित करना है, जिन पर प्रतिबन्ध लगाए जाएंगे.
शुक्रवार को पारित प्रस्ताव में एक गैंग के कुख्तात प्रमुख, जिम्मी चेरिज़ियर उर्फ़ ‘बारबेक्यू’ का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है, जोकि अतीत में एक पुलिस अधिकारी रह चुका है.
‘बारबेक्यू’ तथाकथित “G9 Families and Allies” का प्रमुख है और उसे देश में सबसे ताक़तवर गैंग नेता के रूप में देखा जाता है.
प्रस्ताव में दी गई जानकारी के अनुसार, उस पर ऐसे कृत्यों में संलिप्त होने का आरोप है, जिससे हेती की शान्ति, सुरक्षा व स्थिरता के लिये ख़तरा पैदा हुआ है.
साथ ही, ऐसे कृत्यों को अंजाम देने या उनकी योजनाएं बनाने का, जिनसे मानवाधिकारों का गम्भीर हनन हुआ.
इस प्रस्ताव के अन्तर्गत, उन चिन्हित व्यक्तियों की सम्पत्तियों को ज़ब्त किये जाने, यात्रा प्रतिबन्ध लगाये जाने, हथियारों पर पाबन्दी लगाये जाने का प्रावधान है, जो आपराधिक गतिविधियों व हिंसा में या तो शामिल हैं या फिर उसे समर्थन दे रहे हैं.
चिन्हित गतिविधियों में बच्चों की भर्ती करना, अपहरण व तस्करी, हत्या और यौन-आधारित हिंसा को अंजाम देना है.
प्रस्ताव में हेती के लिये और देश के भीतर मानवीय सहायता पहुँचाने के कार्य में बाधा उत्पन्न करने, यूएन मिशन व अभियानों और कर्मचारियों व परिसरों पर हमलों के मामलों में कार्रवाई का उल्लेख किया गया है.