'यूक्रेन में युद्धापराध किये गए हैं', यूएन जाँच आयोग की रिपोर्ट
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के लगभग सात महीने बाद, संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त स्वतंत्र मानवाधिकार जाँचकर्ताओं ने कहा है कि हिंसक संघर्ष के दौरान निश्चित रूप से युद्धापराध किये गए हैं.
मानवाधिकार परिषद के सदस्य देशों के अनुरोध पर मार्च में, यूक्रेन पर एक स्वतंत्र अन्तरराष्ट्रीय जाँच आयोग गठित किया गया था. स्वतंत्र आयोग ने अपनी पहली रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की है.
#HRC51 | "War crimes have been committed in #Ukraine," the Independent International Commission of Inquiry told the @UN Human Rights Council.Full STATEMENT ➡️ https://t.co/A2hMpLf7kT pic.twitter.com/gmwRe315X9
UN_HRC
इस आयोग ने अपना अधिकांश कामकाज यूक्रेन के कीयेव, चेरनिहीव, ख़ारकीव और सूमी क्षेत्रों में केन्द्रित किया, जहाँ रूसी सैनिकों या रूस-समर्थित सुरक्षा बलों पर मानवाधिकारों का गम्भीर उल्लंघन किये जाने के आरोप लगे हैं.
मानवाधिकार हनन के गम्भीर आरोप हिंसक संघर्ष के शुरुआती दिनों में सामने आए थे.
आयोग के प्रमुख ऐरिक मोसे ने बताया कि जाँचकर्ताओं ने 27 नगरों और बस्तियों का दौरा किया और 150 से अधिक पीड़ितों व प्रत्यक्षदर्शियों के बातचीत की.
उन्होंने तबाह हो चुके स्थलों, क़ब्रों, और हिरासत व यातना केन्द्रों का भी निरीक्षण किया, और हथियारों के अवशेषों की भी जाँच की.
आयोग प्रमुख ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया, “आयोग के गठन के बाद से अभी तक जुटाए गए तथ्यों के आधार पर, हमने जिन चार क्षेत्रों का उल्लेख किया, उनमें से तीन में जाँच करने के बाद हमने पाया कि यूक्रेन में युद्ध अपराधों को अंजाम दिया गया है.”
आयोग के निष्कर्ष, यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन की पड़ताल से मेल खाते हैं, जिसने अपनी रिपोर्ट कुछ समय पहले प्रकाशित की थी.
बर्बरतापूर्ण अपराध
अन्य अहम तथ्यों के अनुसार, 16 नगरों व बस्तियों में बड़ी संख्या में लोगों को जान से मार दिये जाने के मामले सामने आए.
इन सभी अपराधों में सभी शवों की जाँच में एक जैसे साक्ष्य दिखाई दिये: लोगों के हाथ पीछे बंधे हुए थे, सिर पर गोली के निशान थे और गले कटे हुए थे.
यह रिपोर्ट गत शुक्रवार को मानवाधिकार परिषद में प्रस्तुत की गई थी, जिसमें रूसी सेनाओं द्वारा विस्फोटक हथियारों को इस्तेमाल किये जाने के तौर-तरीक़ों पर भी जानकारी एकत्र की गई थी.
रिपोर्ट के अनुसार, आबादी वाले इलाक़ों में आम नागरिकों व लड़ाकों के बीच अन्तर किये बिना ही उनका इस्तेमाल किया गया.
“हम रूसी बलों द्वारा बड़ी संख्या में लोगों को मार दिये जाने और हनन के अन्य मामलों से हैरान थे, और आयोग को यातना व बुरे बर्ताव की घटनाओं की एक जैसी रिपोर्ट्स मिलीं.”
यौन हिंसा
आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी समुदाय के विरुद्ध यौन हिंसा के भयावह आरोप भी सामने आए हैं, जिनकी पुष्टि की गई. बताया गया है कि बच्चे भी इनका शिकार हुए हैं.
आयोग की आयुक्त जैसमिन्का ड्ज़ूमहुर ने कहा, “आयोग ने यौन, लिंग आधारित हिंसा के मामलों की जाँच की. उसने उन मामलों में तथ्य जुटाए, जहाँ रूसी महासंघ के सैनिकों ने ऐसे अपराध किये हैं.”
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यूक्रेन के सुरक्षा बलों को भी मानवाधिकार हनन का ज़िम्मेदार ठहराया है.
आयोग ने ऐसे दो मामलों का उल्लेख किया जहाँ यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी महासंघ के सैनिको के साथ बुरा बर्ताव किया, और आयोग ने इन मामलों का अपने वक्तव्य में उल्लेख किया है.
कमीशन का कहना है कि युद्ध अपराधों को अंजाम दिये जाने के अधिकतर मामले रूसी सैन्य बलों के विरुद्ध सामने आए हैं.