IAEA प्रमुख की चेतावनी: यूक्रेन के ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में स्थिति 'बेहद ख़तरनाक'
अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक, रफ़ाएल मारियानो ग्रॉसी ने सुरक्षा परिषद को आगाह किया है कि यूक्रेन के ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थिति तेज़ी से ख़राब हुई है और अब "बेहद ख़तरनाक" स्तर पर पहुँच गई है.
गुरूवार को रूस के अनुरोध पर बुलाई गई बैठक में आईएईए प्रमुख ने कहा, "इतनी बड़ी परमाणु सुविधा के निकट सैन्य कार्रवाई के परिणाम बहुत गम्भीर हो सकते हैं." बढ़ती सुरक्षा चिन्ताओं के कारण, बैठक के दौरान, एजेंसी के तकनीकी विशेषज्ञों को क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति देने की मांग ज़ोर-शोर से उठाई गई.
आईएईए, उभरती परिस्थितियों की स्पष्ट तस्वीर की जानकारी सुनिश्चित करने के लिये, यूक्रेन और रूस दोनों के लगातार सम्पर्क में है.
योरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र पर गोलाबारी
.@rafaelmgrossi at #UNSC: "Since 24 Feb IAEA has closely monitored the situation at nuclear facilities as well as activities involving radioactive sources & nuclear material in #Ukraine, focusing on implications for nuclear safety, security & safeguards." https://t.co/fmm6Li3dVQ
iaeaorg
IAEA प्रमुख ने विस्तृत जानकारी जेते हुए हुए कहा कि 5 अगस्त को, योरोप के सबसे बड़े ज़ैपोरिझझिया संयंत्र पर गोलाबारी की गई, जिससे बिजली के स्विचबोर्ड के पास कई विस्फोट हुए और बिजली आपूर्ति ठप हो गई.
एक रिएक्टर यूनिट, विद्युत ग्रिड से कट गई, जिससे इसकी आपातकालीन सुरक्षा प्रणाली हरकत में आई और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये जैनेरेटर चालू हो गए.
संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नाइट्रोजन ऑक्सीजन स्टेशन पर भी गोलाबारी हुई. हालाँकि, अग्निशामकों ने आग बुझा दी, फिर भी मरम्मत की जाँच और मूल्याँकन किया जाना ज़रूरी है.
तत्काल कोई ख़तरा नहीं
उन्होंने कहा कि आईएईए विशेषज्ञों के प्रारम्भिक आकलन से यही संकेत मिल रहा है कि गोलाबारी या अन्य सैन्य कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप परमाणु सुरक्षा को तत्काल कोई ख़तरा नहीं है.
लेकिन, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "यह स्थिति किसी भी क्षण बदल सकती है."
व्यापक लक्ष्य
उन्होंने परमाणु अप्रसार सन्धि के पक्षकारों के चल रहे दसवें समीक्षा सम्मेलन में अपने हाल के सम्बोधन की याद दिलाई, जहाँ उन्होंने, परमाणु सुरक्षा के लिये महत्वपूर्ण, सात अपरिहार्य स्तम्भों का ज़िक्र किया था.
इनमें संयंत्र की भौतिक अखण्डता, ऑफ-साइट बिजली आपूर्ति, शीतलन प्रणाली और आपातकालीन तैयारी उपायों से सम्बन्धित पहलू शामिल थे.
आईएईए प्रमुख ने ज़ोर देते हुए कहा "भले ही पूरी तरह न हो, लेकिन संकट के दौरान किसी न किसी समय, इन सभी स्तम्भों से समझौता किया गया है."
उन्होंने कहा, "कोई भी परमाणु आपदा अस्वीकार्य है और इसलिये इसे रोकना ही हमारा व्यापक लक्ष्य होना चाहिये."
उन्होंने दोनों पक्षों से संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी के साथ सहयोग करने को कहा.
"यह एक संगीन समय है, और IAEA को जल्द से जल्द ज़ैपोरिझझिया में मिशन के संचालन की अनुमति दी जानी चाहिये."
परस्पर दोषारोपण
रूसी प्रतिनिधि ने अपना पक्ष पेश करते हुए कहा कि 5 अगस्त को यूक्रेनी सेना ने ज़ैपोरिझझिया पर तोपों से भारी गोलीबारी की, जोकि कामकाज की शिफ़्ट बदलने के समय अपने ही कर्मचारियों को भयभीत करने के मकस़द से की गई.
उन्होंने कहा कि इन्ही बलों ने 6 अगस्त को, क्लस्टर हथियारों के साथ हमला किया, और 7 अगस्त को, ताक़त दिखाते हुए उन्हें दोषी ठहराया.
रूसी राजदूत ने आईएईए द्वारा जारी एक त्रिपक्षीय दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के लिये कईफ़ को दोषी ठहराया. साथ ही, इस बात पर ज़ोर दिया कि मॉस्को, आईएईए महानिदेशक के सात सिद्धान्तों का सख़्ती से पालन करता है.
बदले में, यूक्रेन के प्रतिनिधि ने कहा कि रूसी सैनिकों की वापसी और यूक्रेन के वैध नियंत्रण में स्टेशन की वापसी, ज़ैपोरिझझिया में परमाणु ख़तरे को दूर करने का एकमात्र तरीक़ा है.
यूक्रेनी राजदूत ने स्थल पर एक मिशन भेजने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और उसके बारे में एजेंसी से विस्तृत बातचीत की.
उन्होंने कहा, "सार्वजनिक रूप से वो कुछ भी घोषणा करें, लेकिन सच यह है कि कब्ज़ा करने वालों ने, स्थल के दौरे को लेकर हेरफेर और अनुचित तरीक़े अपनाए हैं."
रूसी सशस्त्र बलों द्वारा स्थल के सैन्यीकरण को देखते हुए, इस तरह के मिशन में सैन्य पहलुओं के योग्य विशेषज्ञ शामिल होने चाहिये.