यूक्रेन के लिये संयुक्त राष्ट्र की तत्काल मानवीय सहायता प्राथमिकताएँ

संयुक्त राष्ट्र के आपातकालीन राहत समन्वयक, मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया कि यूक्रेन में सैन्य अभियान की चपेट में आने वाले क्षेत्रों से नागरिकों को सुरक्षित रूप से जाने देने की अनुमति देना और इन स्थानों पर अत्यन्त आवश्यक सहायता पहुँचाना मानवतावादियों के लिये तत्काल प्राथमिकताओं में से एक है.
मार्टिन ग्रिफ़िथ्स और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की प्रमुख कैथरीन रसैल ने राजदूतों को बताया कि 11 दिन पहले रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से, संयुक्त राष्ट्र और साझीदार, बढ़ती ज़रूरतों को किस तरह पूरी करने की कोशिशें कर रहे हैं.
Latest on #Ukraine: The human cost of the current conflict continues to rise. 📈As of 5 March, @UNHumanRights reports at least 1,123 civilians casualties.“Safe passage” is urgently needed to relocate people whose lives are at risk. #NotATarget.https://t.co/5u5S2S8b2s pic.twitter.com/DQ1kc3w3tZ
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उन्होंने कहा, “लोग हालात पर अपनी नज़रें गड़ाए हुए हैं क्योंकि यह अनावश्यक संघर्ष शहरों और नागरिकों को अपनी चपेट में ले रहा है. साथ ही यूक्रेन में जो कुछ हो रहा है, व्यापक दुनिया पर उसके प्रभाव के बारे में भी अतिरिक्त भय व्याप्त है. मैं ख़ुद भी इसी श्रेणी में शामिल हूँ.”
मार्टिन ग्रिफ़िथ्स संयुक्त राष्ट्र के मानवीय समन्वयक भी हैं. उन्होंने धरातल पर लोगों के दर्द और पीड़ा को कम कम करने के लिये, तीन तात्कालिक प्राथमिकताएँ रेखांकित कीं.
सबसे पहले, सभी पक्षों को ये सुनिश्चित करने के लिये पूरी सावधानी बरतनी होगी कि सैन्य अभियानों में आम लोगों, उनके घरों और अन्य बुनियादी ढाँचे को कोई नुक़सान नहीं पहुँचे. इसके अलावा, सघन संघर्ष वाले क्षेत्रों को छोड़ने के इच्छुक लोगों को सुरक्षित और स्वेच्छा से ऐसा करने की अनुमति दी जानी चाहिये.
मारियुपोल, ख़ार्किफ़ और अन्य जगहों पर हमलों की चपेट में आए लोगों को सहायता की सख़्त ज़रूरत है, विशेष रूप से जीवन रक्षक चिकित्सा आपूर्ति. साथ ही, मानवीय आपूर्ति के लिये सुरक्षित मार्ग की भी आवश्यकता है.
उनके तीसरे बिन्दु में सहायता वितरण का समर्थन करने के लिये पक्षों के साथ एक निरन्तर संचार प्रणाली की तत्काल आवश्यकता को रेखांतिक किया गया. उन्होंने बताया कि मानवीय अधिसूचना प्रणालियाँ अन्य परिस्थितियों में लागू की गई हैं.
मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने, बताया कि वो पहले ही यूक्रेन के अधिकारियों और रूसी संघ को इन तीन बिन्दुओं से अवगत करा चुके हैं.
उनके कार्यालय से एक टीम बेहतर मानवीय नागरिक-सैन्य समन्वय पर काम करने के लिये मास्को भेजी गई है. ऐसा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश और देश के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के बीच शुक्रवार को फ़ोन पर हुई बातचीत के बाद किया गया है.
रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ पहली तकनीकी बैठक भी हो चुकी है.
मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा, "मैं दोनों पक्षों के दरम्यान सहयोग का स्वागत करता हूँ और आने वाले कुछ घण्टों में और ज़्यादा प्रगति देखने की उम्मीद करता हूँ."
संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगी संगठन यूक्रेन में मौजूदा संकट शुरू होने से पहले ही मौजूद थे जो, यूक्रेन के पूर्वी हिस्से डोनबास में, पिछले आठ वर्षों से सरकारी बलों और रूसी समर्थक अलगाववादियों के बीच लड़ाई से प्रभावित लगभग 15 लाख लोगों को सहायता मुहैया कराते रहे हैं.
रूसी हमले के शुरुआती हफ्तों में, उन्होंने पहले से ही बदतर हालात का सामना करने की तैयारी शुरू कर दी थी.
मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि "जैसा कि अकल्पनीय वास्तविकता हमारे सामने आ गई", उन्होंने एक चुस्त मानवीय ऑपरेशन शुरू किया जो बदलती स्थिति के अनुकूल अपनी गति व दायरा बदल सकता है.
पिछले 11 दिनों में, मानवीय सहायता कर्मियों ने सैकड़ों लोगों को भोजन सामग्री उपलब्ध कराई है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने यूक्रेन के भीतर 50 लाख लोगों को तत्काल भोजन और नक़दी की सहायता मुहैया कराने के उद्देश्य से, आपूर्ति श्रृंखला स्थापित की है.
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी - WHO ने ट्रॉमा केयर, आपातकालीन शल्य चिकित्सा उपकरण और अन्य चिकित्सा सामान की आपूर्ति कराई है.
संघर्ष ने अब तक 17 लाख से अधिक लोगों को पड़ोसी देशों, विशेष रूप से पोलैण्ड में पहुँचने के लिये मजबूर किया है, और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी - UNHCR उन्हें सहायता उपलब्ध करा रही है.
संयुक्त राष्ट्र की अन्य पहलों में यूक्रेन के लिये एक संकट समन्वयक की नियुक्ति, और देश में लोगों व सीमाओं को पार करने वाले लोगों का समर्थन करने के लिये दो "मजबूत" मानवीय योजनाओं का पिछले सप्ताह शुभारम्भ किया जाना शामिल हैं.
मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सुरक्षा परिषद को बताया कि जिन क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति बेहतर है वहाँ मानवीय सहायता जारी है.
उन्होंने बताया कि "संकट समन्वयक, और देश में संयुक्त राष्ट्र के रैज़िडैण्ट कोऑर्डिनेटर और मानवीय समन्वयक के नेतृत्व में, हमारे पास अब इस बारे में भी निश्चित रूप से नई योजनाएँ हैं कि जहाँ मानवीय ज़रूरतें सबसे ज़्यादा हैं, वहाँ कैसे पहुँचाएँ."
"इसमें वे शहर शामिल हैं जहाँ हमने इन आख़िरी दिनों में बहुत कुछ तबाही देखी है जैसे कि मारियुपोल, ख़ार्किफ़ और ख़ेरसॉन. हमारे सहायता कार्यों को विन्नुत्स्या, उज़ोरोड और ल्वीव में बनाए गए केन्द्रों से बढ़ाया जा रहा है."
यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशिका कैथरीन रसैल ने बताया कि पिछले आठ वर्षों के संघर्ष ने यूक्रेन में 75 लाख बच्चों को पहले ही गहरा और स्थाई नुक़सान पहुँचाया है, और वर्तमान संकट के साथ जोखिम और बढ़े हैं.
मौजूदा लड़ाई शुरू होने के बाद से, कम से कम 27 लड़के और लड़कियाँ मारे गए हैं, और 42 घायल हुए हैं.
यूनीसेफ़ के अनुमान के अनुसार, बच्चों के हताहत होने की संख्या के साथ-साथ विस्थापन में भी वृद्धि होगी. शरणार्थियों में आधे बच्चे हैं.
इस बीच, घरों, स्कूलों, अनाथालयों और अस्पतालों पर हमले हुए हैं, जबकि पानी और स्वच्छता सुविधाएँ, और अन्य नागरिक बुनियादी ढाँचे प्रभावित हुए हैं, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए हैं.
कैथरीन रसैल ने कहा, "यूक्रेन में बच्चों के साथ जो हो रहा है वह एक नैतिक अपमान है."
दिसम्बर 2021 में यह पद संभालाने के बाद, कैथरीन रसैल ने सुरक्षा परिषद में अपनी पहली ब्रीफ़िंग में कहा, "सड़क पर पड़े हुए एक मृत माँ, उसके दो बच्चों और एक दोस्त की तस्वीरों से... दुनिया की अन्तरात्मा झकझोर हो जानी चाहिये. ये लोग उस समय एक मोर्टार हमले का निशाना बने जब सुरक्षा के लिये भाग रहे थे. हमें बच्चों को इस क्रूरता से बचाने के लिये कदम उठाने होंगे."
कैथरीन रसैल हाल ही में यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर थीं, जहां उन्होंने बच्चों और माताओं से मुलाक़ात की.
उन्होंने बताया, “बच्चों ने अचानक स्कूल से निकाले जाने, प्यारे खिलौनों को खोने और गोलाबारी व गोलियों की भयानक आवाज़ों के बारे में बात की. इतने सारे बच्चों को गहरा आघात लगा है."
यूक्रेन में इस समय यूनीसेफ़ के 135 कर्मचारी मौजूद हैं, और अधिक तैनात किये जा रहे हैं. एजेंसी द्वारा समर्थित टीमें बच्चों तक जहाँ कहीं भी पहुँच सकती हैं वहाँ, मनो-सामाजिक देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और सुरक्षा सेवाएं प्रदान कर रही हैं.
अन्य कार्रवाइयों में यूक्रेनी शरणार्थियों की मेज़बानी करने वाले देशों में सीमा पार पर 'ब्लू डॉट' हब स्थापित करना शामिल है. ये केन्द्र बच्चों और परिवारों के लिये एक सुरक्षित स्थान हैं, जो मनो-सामाजिक सहायता, बुनियादी क़ानूनी परामर्श और खेलने के लिये स्थान जैसी सेवाएँ प्रदान करते हैं.
यूनीसेफ़ और यूएन शरणार्थी एजेंसी ने सीमा पार करने वाले अकेले और अलग-अलग बच्चों के लिये और देखभाल संस्थानों या बोर्डिंग स्कूलों में रहने वाले यूक्रेन में क़रीब एक लाख बच्चों के लिये अधिक सुरक्षा का आहवान किया है, जिनमें से आधे विकलांग हैं.
कैथरीन रसैल ने कहा कि यूनीसेफ़ यूक्रेन के बच्चों की मदद करने के लिये "सब कुछ करना जारी रखेगा", मगर "क्रूरता बन्द होनी चाहिये."
उन्होंने कहा, "यूक्रेन में बच्चों को मदद और सुरक्षा की ज़रूरत है. उन्हें ज़रूरी सामान की आपूर्ति और अन्य महत्वपूर्ण सहायता की आवश्यकता है. उन्हें स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सामाजिक सेवाओं तक पहुँच की आवश्यकता है. उन्हें भविष्य के लिये आशा की ज़रूरत है. लेकिन सबसे बढ़कर यूक्रेन में बच्चों को शान्ति की ज़रूरत है. यही एक मात्र स्थाई समाधान है.”