ज़रा सी परमाणु ग़लतफ़हमी मचा सकती है प्रलय, यूएन प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को न्यूयॉर्क में कहा है कि भूराजनैतिक तनाव, नई ऊँचाइयों पर पहुँच गए हैं, और कुछ देशों की सरकारें, शान्ति व सुरक्षा के नाम पर, परमाणु हथियारों पर अरबों डॉलर की रक़म ख़र्च कर रहे हैं, जबकि देशों को परमाणु हथियारों के प्रयोग के ख़िलाफ़ लगभग 80 वर्ष पुराने सिद्धान्त पर अमल करना चाहिये.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने परमाणु अप्रसार सन्धि के सम्बद्ध पक्षों के दसवें समीक्षा सम्मेलन के उदघाटन पर ये बात कही है. ये सम्मेलन 26 अगस्त तक चलेगा.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने वैश्विक शान्ति व सुरक्षा के लिये, कुछ मौजूदा वैश्विक चुनौतियों को रेखांकित करते हुए कहा कि दुनिया इस समय जलवायु संकट, गहरी विषमताओं, लड़ाई-झगड़ों और मानवाधिकार हनन; और कोविड-19 महामारी द्वारा मचाई भारी तबाही के कारण, बहुत दबाव का सामना कर रही है.
निरस्त्रीकरण, नाकि फूट
यूएन प्रमुख ने कहा कि ये सम्मेलन इन चुनौतियों के बीच ही आयोजित हो रहा है, और एक ऐसे दौर में - जब परमाणु ख़तरा, शीत युद्ध के उच्चतम स्तर के बाद सबसे ज़्यादा देखा जा रहा है.
उन्होंने कहा, “भूराजनैतिक तनाव, नई ऊँचाइयों पर हैं. प्रतिस्पर्धा, सहयोग व सहकारिता को कुचल रही है. सम्वाद का स्थान अविश्वास ने ले लिया है और निरस्त्रीकरण की जगह फूट व बिखराव ने ले ली है. देश नक़ली सुरक्षा के नाम पर परमाणु हथियार एकत्र कर रहे हैं और उन पर अरबों डॉलर की रक़म ख़र्च कर रहे हैं जबकि इन विनाशकारी हथियारों का हमारे ग्रह पर कोई स्थान नहीं है.”
उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया भर में लगभग 13 हज़ार परमाणु हथियार, भण्डारों में मौजूद हैं, मानवता “परमाणु के ज़रिये पूर्ण विनाश से, ग़लतफ़हमी व मिथ्या गणना के बस एक क़दम भर दूर है.”
एक नया रास्ता
यूएन महासचिव ने परमाणु अप्रसार सन्धि की अहमियत को यह कहते हुए रेखांकित किया कि अब इसकी, पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरत है, जबकि ये समीक्षा बैठक, मानवता को एक ऐसे रास्ते की तरफ़ मोड़ने के लिये एक अवसर मुहैया कराती है, जो परमाणु शस्त्रों से मुक्त हो.
उफनते तनावों को दूर करें
यूएन महासचिव ने मध्य पूर्व और एशिया में उफनते तनावों को दूर करने की ज़रूरत पर ख़ास ज़ोर दिया है.
उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र, लम्बे चल रहे लड़ाई-झगड़ों में परमाणु हथियारों का ख़तरा जोड़कर, एक पूर्ण विनाश की तरफ़ बढ़ रहे हैं. हमें तनावों को दूर करने और विश्वास के नए सम्बन्ध बनाने के लिये, सम्वाद और सुलह-सफ़ाई के अपने समर्थन में प्रयास दोगुने करने होंगे.
यूएन महासचिव ने परमाणु प्रोद्योगिकी के शान्तिपूर्ण प्रयोग को बढ़ावा देने की पुकार भी लगाई, जिनमें चिकित्सा उद्देश्य भी शामिल हैं, जोकि टिकाऊ विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में अति महत्वपूर्ण हैं.
और आख़िर में उन्होंने देशों की सरकारों से परमाणु अप्रसार सन्धि के लिये अधूरे पड़े तमाम संकल्पों को पूरा करने का भी आग्रह किया और कहा, “इस सन्धि को इस कठिन दौर में, सटीक बनाए रखें.”