वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

'मैं अपनी आपबीती बताना कभी बन्द नहीं करूंगी'

"आपने क्या पहना था?"(What were you wearing) कला प्रदर्शनी ने दर्शकों को 103 पोशाक पहने पुतलों की क़तारों पंक्तियों को देखने के लिये आकर्षित किया, जो वैश्विक स्तर पर यौन उत्पीड़न के 1.3 अरब पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
UN News/Elizabeth Scaffidi
"आपने क्या पहना था?"(What were you wearing) कला प्रदर्शनी ने दर्शकों को 103 पोशाक पहने पुतलों की क़तारों पंक्तियों को देखने के लिये आकर्षित किया, जो वैश्विक स्तर पर यौन उत्पीड़न के 1.3 अरब पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

'मैं अपनी आपबीती बताना कभी बन्द नहीं करूंगी'

मानवाधिकार

फ़ैशन की दुनिया में सवाल "आपने क्या पहना था?" सशक्तिकरण का प्रतीक होता है, रचनात्मकता का जश्न मनाता हुआ प्रतीत होता है और व्यक्ति की सामाजिक हैसियत दर्शाता है. लेकिन यौन हिंसा से बचे लोगों के लिये, यह सवाल, एक परम्परागत दोष मढ़ने की रणनीति बन जाता है. यौन हिंसा के इर्द-गिर्द सवालों और मुद्दों पर रौशनी डालती एक प्रदर्शनी पर वीडियो फ़ीचर...