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मध्य पूर्व:संघर्ष का टिकाऊ समाधान निकालने पर काम करने की पुकार

कुछ फ़लस्तीनी शरणार्थी
© UNRWA
कुछ फ़लस्तीनी शरणार्थी

मध्य पूर्व:संघर्ष का टिकाऊ समाधान निकालने पर काम करने की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष संयोजक टोर वैनेसलैण्ड ने सुरक्षा परिषद में कहा है कि इसराइलियों और फ़लस्तीनियों को अपने बीच संघर्ष का केवल प्रबन्धन करने के दायरे से बाहर निकलकर, संघर्ष को हल करने की दिशा में आगे बढ़ना होगा.

विशेष संयोजक ने गुरूवार को इस बारे में विशेष चिन्ता व्यक्त की कि इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी इलाक़े -  पश्चिमी तट में मौजूदा भड़काऊ हालात, किसी भी समय नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं.

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टोर वैनेसलैण्ड ने कहा कि अगर राजनैतिक इच्छाशक्ति हो तो, कुछ ऐसे ठोस मौजूदा प्रयास हैं जिन्हें नियमित किया जा सकता है और तत्काल उनका दायरा बढ़ाया जा सकता है.

उन्होंने बताया कि वो एक ऐसे वार्ता आधारित मार्ग की तरफ़ फिर से वापसी सम्भव बनाने के लिये इसराइलियों, फ़लस्तीनियों और क्षेत्र के देशों व वृहद अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सक्रिय सम्पर्क में हैं, जिनके ज़रिये इसराइली क़ब्ज़े को ख़त्म किया जा सके और दो राष्ट्रों की स्थापना हो सके.

परिचित चलन

विशेष दूत ने कहा कि हाल के सप्ताहों के दौरान, दैनिक हिंसा का परिचित चलन देखने को मिला है: सशस्त्र झड़पें, यहूदी बस्तियों का विस्तार, फ़लस्तीनी लोगों को उनके घरों से जबरन बेदखल करना, घरों का विध्वंस और फ़लस्तीनी ढाँचों पर क़ब्ज़ा किये जाने के साथ ही, इसराइल में एक घातक आतंकी हमला.

इस बीच, फ़लस्तीनी प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति बहुत ख़राब है जिसमें इसराइली क़ब्ज़े से उत्पन्न बाधाएँ, गम्भीर फ़लस्तीनी सुधारों का अभाव और दानदाताओं के समर्थन की अस्पष्ट सम्भावनाओं जैसे कारक ज़िम्मेदार हैं. 

ये समीकरण, वित्तीय संकटों के साथ मिलकर ख़तरनाक रूप ले रहे हैं और ज़्यादा सघन हो रहे हैं.

आर्थिक राहत की दरकार

एक तरफ़ तो मौजूदा रुझानों को पलटने के लिये व फ़लस्तीनी लोगों को सहारा देने के लिये तात्कालिक प्रयास आवश्यक हैं, साथ ही, तमाम सम्बद्ध पक्षों और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा, एक बेहतर संयोजित व रणनैतिक रुख़ भी ज़रूरी है.

विशेष समन्वयक ने एक ज़्यादा वृहद व ज़्यादा टिकाऊ आर्थिक राहत का आहवान किया. 

इसराइली और फ़लस्तीनियों के आर्थिक सम्बन्धों में एक सहमत व ताज़ा-तरीन नियामक ढाँचा, ना केवल फ़लस्तीनियों के लिये सार्थक लाभ पहुँचाने की ख़ातिर ज़रूरी है, बल्कि उससे इन आर्थिक क़दमों में, एक टिकाऊ राजनैतिक नज़रिया भी जुड़ेगा. 

राजनैतिक क़दम

टोर वैनेसलैण्ड ने ऐसे राजनैतिक व सुरक्षा उपाय अपनाए जाने का भी आहवान किया जो संघर्ष के मूल कारणों का समाधान तलाश करें और अन्ततः इसराइली क़ब्ज़ा समाप्त करने की मंज़िल तक पहुँचें, और वार्ता के ज़रिये, दो राष्ट्रों की स्थापना की प्राप्ति हो.

एक हीरो की मौत

टोर वैनेसलैण्ड ने एक सम्मानित फ़लस्तीनी-अमेरिकी पत्रकार शिरीन अबू अक़लेह की हत्या का भी ज़िक्र किया. 

ध्यान रहे कि महिला पत्रकार शिरीन अबू अक़लेह को 11 मई को फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट के जेनिन शहर में उस समय गोली मार दी गई थी जब वहाँ वो, एक इसराइली छापे की रिपोर्टिंग कर रही थीं.

विशेष समन्वयक ने कहा कि शिरीन की मौत पर फ़लस्तीनियों और दुनिया भर में अनगिनत लोगों ने कन्धे से कन्धा मिलाकर शोक और क्रोध व्यक्त किया.

इस पत्रकार की मौत, संघर्ष के विध्वंसक मानवीय नुक़सान के बारे में एक और अनुस्मरण है.

इस सन्दर्भ में उन्होंने यूएन महासचिव की वो पुकार दोहराई जिसमें उन्होंने पत्रकारों के ख़िलाफ़ तमाम तरह के हमलों की निन्दी की और सम्बद्ध प्रशासन व अधिकारों से स्वतंत्र व पारदर्शी जाँच कारने का आहवान किया है. 

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “ज़िम्मेदार तत्वों की जवाबदेही अवश्य निर्धारित होनी चाहिये.”