अफ़ग़ानिस्तान: काबुल की मस्जिद पर हमला, आमजन के लिये एक और 'दर्दनाक झटका'
संयुक्त राष्ट्र ने अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार को एक सूफ़ी मस्जिद में हुए घातक विस्फोट की निन्दा की है, जिसमें कम से कम 10 लोगों के मारे जाने और 15 से अधिक के घायल होने का समाचार है.
काबुल के पश्चिम में दारुलअमन इलाक़े में स्थित ख़लीफ़ा साहिब मस्जिद में यह विस्फोट, अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी और प्रान्तों में नागरिक प्रतिष्ठानों पर हो रहे हमलों की श्रृंखला में नवीनतम कड़ी है.
“No words are strong enough to condemn this despicable act, targeting a place of worship, as Muslims across Afghanistan prepare to celebrate Eid,” says @UN deputy envoy for #Afghanistan @Metknu, appalled by today's deadly attack on a mosque in #Kabul. https://t.co/ub24OOhVZ7 pic.twitter.com/VsRJQTCuLg
UNAMAnews
मानवीय मामलों में संयोजन के लिये यूएन कार्यालय (OCHA) ने आरम्भिक रिपोर्टों के आधार पर बताया है कि धमाके से मस्जिद की छत को नुक़सान पहुँचा, और मलबे में श्रृद्धालु दब गए.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने शनिवार को जारी किये गए अपने एक वक्तव्य में इस हमले की कड़े शब्दों में निन्दा की है.
“आमजन और मस्जिदों समेत नागरिक प्रतिष्ठानों के विरुद्ध हमलों पर अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण क़ानून में सख़्त पाबन्दी है.”
यूएन प्रमुख ने इस हमले में पीड़ितों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना प्रकट की है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है.
इस विस्फोट में हताहत होने वाले लोगों की संख्या अधिक होने की आशंका जताई गई है, जिनमें कई बच्चे भी हैं.
अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) ने भी कहा कि शुक्रवार को विस्फोट, हाल के दिनों में काबुल, कुन्दूज़ और मज़ार-ए-शरीफ़ में घातक हमलों के बाद हुआ है.
ऐसा प्रतीत होता है कि ये हमले हज़ारा, शिया और सूफ़ी अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाकर किये गए हैं.
अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के मानवीय राहत समन्वयक रमीज़ ऐलकबरोफ़ ने अपने एक बयान में इस "जघन्य" हमले की निन्दा की है.
निशाने पर आमजन
उन्होंने कहा, "रमदान के पवित्र सप्ताह के अन्तिम शुक्रवार को हुआ यह विस्फोट, अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के लिये एक और दर्दनाक झटका है, जिन्हें लगातार असुरक्षा और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है."
यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने क्षोभ ज़ाहिर किया कि अपने दैनिक कामकाज में जुटे, नमाज़ के लिये एकत्र हो रहे, स्कूल या बाज़ार जा रहे या फिर अपने काम के लिये रवाना हो रहे नागरिकों को अंधाधुंध निशाना बनाया जाना नितान्त अनुचित है.
इससे पहले, गुरूवार को उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान के मज़ार-ए-शरीफ़ शहर में दो मिनी बसों में हुए अलग-अलग विस्फोटों में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हुए थे.
रमीज़ ऐलकबरोफ़ ने ध्यान दिलाया है कि आम नागरिकों और मस्जिदों सहित नागरिक बुनियादी ढाँचों पर हमले, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का हनन हैं.