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बेल्जियम की लोकप्रिय किण्डर चॉकलेट से, 11 देशों में खाद्य विष फैलने के मामलों की पुष्टि

बेल्जियम में बनने वाली चॉकलेट से सैलमोनेला संक्रमण फैलने का पता चला है
Unsplash/Tetiana Bykovets
बेल्जियम में बनने वाली चॉकलेट से सैलमोनेला संक्रमण फैलने का पता चला है

बेल्जियम की लोकप्रिय किण्डर चॉकलेट से, 11 देशों में खाद्य विष फैलने के मामलों की पुष्टि

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को कहा है कि बेल्जियम में बनने वाली एक लोकप्रिय – किण्डर (Kinder) चॉकलेट में सैलमोनेला खाद्य ज़हरीला पदार्थ पाए जाने के 150 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं, जोकि मुख्य रूप से 11 योरोपीय देशों में हुए हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने बुधवार को कहा कि ब्रिटेन के नियामकों ने एक महीना पहले इस चॉकलेट में सैलमोनेला बैक्टीरिया के थक्के पाए जाने पर सावधान किया था, जिसके बाद ये मामले बेल्जियम से अमेरिका तक पाए गए हैं, जिनकी संख्या 150 से ज़्यादा है. 

संक्रमण के ये मामले सामने आने के बाद इस चॉकलेट को दुनिया भर में बिक्री से हटा लिया गया है.

संक्रमण के इन मामलों में ज़्यादातर 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे प्रभावित हुए हैं और कुल मामलों में बच्चों की संख्या 89 प्रतिशत है. 

उपलब्ध आँकड़ों से संकेत मिलते हैं कि नौ मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इस संक्रमण से किसी की मौत होने की ख़बर नहीं है.

स्वास्थ्य संगठन ने एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा है, “WHO के योरोपीय क्षेत्र और वैश्विक स्तर पर ख़तरे के फैलाव को मध्यम या सीमित बताया गया है, जब तक कि इस चॉकलेट के तमाम पदार्थों को वापिस ले लिये जाने के बारे में ज़्यादा जानकारी हासिल नहीं होती है.”

जीन में

खाद्य संक्रमण फैलाने वाले सैलमोलेना बैक्टीरिया की जेनेटिक जाँच में पाया गया है कि ये पैथोजैन बेल्जियम से निकला है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि ख़तरे की अवधि के दौरान योरोप और दुनिया भर के कम से कम 113 देशों में किण्डर चॉकलेट के पदार्थ पहुँचे हैं और लोगों में मौजूदा संक्रमण के मामलों से मेल खाने वाले सैलमोलेना बैक्टीरिया गत दिसम्बर और जनवरी में, बेल्जियम के एक शहर अरलॉन में मक्खन दूध की एक फ़ैक्टरी में पाए गए थे, जिसका संचालन चॉकलेट बनाने वाली कम्पनी फ़ेरेरो (Ferrero) करती है.

मीडिया ख़बरों के अनुसार, इस फ़ैक्टरी को अप्रैल के शुरू में अस्थाई रूप से बन्द करने के आदेश दिये गए थे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक वक्तव्य में कहा है कि संक्रमण फैलाने वाले सैलमोलेना बैक्टीरिया का यह रूप या वैरिएण्ट छह प्रकारों की ऐण्टीबायोटिक दवाओं के लिये प्रतिरोधी क्षमता रखता है, यानि इन दवाओं का उस पर असर नहीं होता. 

सैलमोनेलॉसिस के लक्षण हल्के ही हैं और ज़्यादातर मामलों में मरीज़, कुछ ख़ास उपचार के ज़रिये इस संक्रमण से उबर जाएंगे.

अलबत्ता, कुछ बच्चों व वृद्ध लोगों के लिये ज़्यादा जोखिम हो सकता है, जब शरीर में तरल पदार्थों की कमी ज़्यादा गम्भीर रूप ले सकती है और जीवन के लिये ख़तरनाक भी बन सकती है.

 बेल्जियम में बनने वाली चॉकलेट से फैलने वाले संक्रमण का देशगत दायरा. ये चॉकलेट 113 देशों में बेची गई है और संक्रमण के 151 मामले सामने आए हैं. (22 अप्रैल 2022)
WHO
बेल्जियम में बनने वाली चॉकलेट से फैलने वाले संक्रमण का देशगत दायरा. ये चॉकलेट 113 देशों में बेची गई है और संक्रमण के 151 मामले सामने आए हैं. (22 अप्रैल 2022)

बिक्री से हटी चॉकलेट

विश्व स्वास्थ्य संगठन के वक्तव्य में ध्यान दिलाया गया है कि जिन 11 देशों में संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई है उनका ब्यौरा कुछ इस तरह है – बेल्जियम (26), फ्रांस (25), जर्मनी (10), आयरलैण्ड (15), लक्ज़मबर्ग (1), नैदरलैण्ड (2), नॉर्वे (1), स्पेन (1), स्वीडन (4), ब्रिटेन (65) और अमेरिका में एक मामला. 

वैसे तो सैलमोनेला के लगभग ढाई हज़ार वैरिएण्ट या प्रकार पाए जाते हैं मगर इनसानों में संक्रमण फैलाने वाले, मुख्य रूप से दो ही प्रकार हैं – टाइफ़िमुरियम और एण्टराइटाइडिस - Typhimurium and Enteritidis.

बुख़ार, वमन और बदतर

सैलमोनेलॉसिस के संक्रमण के कारण गम्भीर बुख़ार, पेट में दर्द, मतली, कै या उल्टी होना जैसे लक्षण हो सकते हैं, और डायरिया तो बहुत गम्भीर भी हो सकता है, जैसाकि मौजूदा संक्रमण के मामलों में देखा गया है. 

ये लक्षण आमतौर पर संक्रमित खाद्य वस्तु खाने के बाद छह से 72 घण्टों के दरम्यान शुरू होते हैं और सैलमोनेला से संक्रमित पानी और उससे उपजी बीमारी, दो से सात दिनों तक जारी रह सकती है.
सैलमोनेला बैक्टीरिया घरेल और जंगली जानवरों में बड़े पैमाने पर पाया जाता है जिनमें मुर्ग़ियाँ, बत्तख़ें, सुअर, और मवेशी शामिल हैं.

पालतू पशु-पक्षी भी इसके संक्रमण से सुरक्षित नहीं हैं और यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि यह सम्पूर्ण खाद्य श्रृंखला में शामिल हो सकता है – पशुओं के चारे से लेकर, प्राथमिक उत्पादन और घरों व खाद्य सेवाओं वाले स्थलों व संस्थानों तक में.

सैलमोनेला बैक्टीरिया, इनसानों में, आमतौर पर संक्रमित भोज्य पदार्थ खाने के कारण फैलता है जिनमें अण्डे, माँस, पॉल्ट्री और दुग्ध पदार्थ शामिल हैं.