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नैट शून्य उत्सर्जन संकल्पों के लिये, नया उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समूह 

लेबनान में एक महिला अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगा रही है.
© UNDP Lebanon
लेबनान में एक महिला अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगा रही है.

नैट शून्य उत्सर्जन संकल्पों के लिये, नया उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समूह 

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये मज़बूत मानक विकसित किये जाने की एक योजना को पेश किया है. ये मानक उन साझीदारों के लिये तैयार किये जाएंगे, जिन्होंने राष्ट्रीय सरकारों से इतर कार्बन तटस्थता हासिल करने के संकल्प व्यक्त किये हैं. 

उन्होंने गुरूवार की बैठक के दौरान लिये गए संकल्प की सराहना की, जिसमें नैट शून्य उत्सर्जन के संकल्प को वास्तविकता में बदलने के लिये, एक उच्च-स्तरीय विशेषज्ञ समूह के रूप में नया ट्रस्ट सृजित किया जाएगा. 

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यूएन प्रमुख ने निजी निवेशकों, व्यवसायियों, शहरों, प्रान्तों व क्षेत्रों से हानिकारक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों में कटौती लाने के लिये और अधिक प्रयास किये जाने का आग्रह किया है.

महासचिव गुटेरेश ने आगाह किया कि “जलवायु कार्रवाई के लिये बढ़ते संकल्पों के बावजूद, वैश्विक उत्सर्जन सर्वाधिक ऊँचे स्तर पर हैं,” और उसमें निरन्तर वृद्धि हो रही है. 

नवीनतम वैज्ञानिक शोध दर्शाते हैं कि जलवायु व्यवधान से विश्व के अनेक क्षेत्रों में भीषण असर हो रहा है.

जलवायु संकल्पों का एक लक्ष्य, वैश्विक तापमान में वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक काल के स्तर की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस तक ही सीमित रखना है. 

वर्ष 2015 में पैरिस में यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन में इस मुद्दे पर सहमति बनी थी.

जलवायु कार्रवाई की धीमी रफ़्तार

मगर, यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने सचेत किया कि वैश्विक तापमान में वृद्धि को घटाने के प्रयासों में दुनिया पिछड़ रही है.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि इस सदी के मध्य तक नैट-शून्य उत्सर्जनों को हासिल करने की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी, देशों की सरकारों की है, विशेष रूप से जी20 समूह की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं की.

मगर, हर व्यवसाय, निवेशक, शहर, प्रान्त और क्षेत्र को भी अपने नैट-शून्य वादों को पूरा करना होगा.

जलवायु परिवर्तन पर अन्तरसरकारी पैनल (IPCC) के अनुसार, विश्व की आधी आबादी पहले से ही ख़तरे वाले इलाक़े के दायर में आ चुकी है. 

“अगर हम इस दशक में, उत्सर्जनों में ठोस और सतत गिरावट नहीं देखते हैं, तो 1.5 डिग्री सेल्सियस को जीवित बनाए रखने का अवसर बन्द हो जाएगा, और हमेशा के लिये बन्द हो जाएगा.”

“और यह हर किसी के लिये त्रासदी होगी.”

नए मानक व मानदण्ड

पिछले वर्ष, यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप26) के दौरान महासचिव ने ग़ैर-सरकारी निकायों द्वारा लिये गए नैट शून्य संकल्पों के आकलन, विश्लेषण और रिपोर्टिंग के लिये अधिक विश्वसनीय और ठोस मानकों व अहर्ताओं की आवश्यकताओं को रेखांकित किया था.

जर्मनी के मोएलशाइम में एक पवनचक्की फ़ार्म.
Unsplash/Karsten Würth
जर्मनी के मोएलशाइम में एक पवनचक्की फ़ार्म.

यूएन प्रमुख ने कहा कि इस आवश्यकता को पूरा करने और पर्यावरणीय अखण्डता व पारदर्शिता को सुनिश्चित करने की दिशा में क़दम आगे बढ़ाया गया है. 

“जलवायु विनाश को टालने के लिये, हमें निडर संकल्पों की आवश्यकता है, मगर उन्हें ठोस, मापे जाने योग्य कार्रवाई से मिलाना होगा.” 

यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि नैट शून्य मानकों को गतिविधियों के हर स्तर में शामिल करना होगा और उन्हें लागू करने में जवाबदेही प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जाना होगा.

महासचिव के मुताबिक़, विशेषज्ञ समूह इस वर्ष के अन्त तक चार अहम विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी सिफ़ारिशें पेश करेगा:

- नैट शून्य लक्ष्य स्थापित करने के लिये मौजूदा मानक और परिभाषा 

- नैट शून्य संकल्पों के उद्देश्यों, मापन और रिपोर्टिंग के आकलन के लिये विश्वसनीय मानदण्ड 

- नैट शून्य संकल्पों और विकार्बनीकरण योजनाओं की दिशा में प्रगति के सत्यापन के लिये प्रक्रिया

- मानकों व मानदण्डों को राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय नियामकों में बदलने के लिये एक रोडमैप