वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

वैश्विक तापमान

वैज्ञानिकों के अनुसार, मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के अनुरूप बदलाव लाने के लिए कारगर समाधान मौजूद हैं.
© WMO/Alfred Lee

सर्वाधिक गर्म सितम्बर महीने का बना रिकॉर्ड, 2023 सबसे गर्म साल साबित होने की राह पर

अतीत के वर्षों की तुलना में इस साल सितम्बर का महीना अब तक का सर्वाधिक गर्म साबित हुआ है जबकि 2023 सबसे गर्म साल होने का रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने योरोपीय संघ की जलवायु परिवर्तन सेवा के आँकड़ों के आधार पर यह विश्लेषण जारी किया है.

वियतनाम के कुआंग त्री प्रान्त में एक वायु ऊर्जा मैदान.
© ADB/Viet Tuan

यूएन जलवायु महत्वाकांक्षा शिखर सम्मेलन: एक सरल अवलोकन

विश्व नेतागणव्यापारिक दिग्गज और विशेषज्ञ, 20 सितम्बर को जलवायु महत्वाकांक्षा शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए एकत्र हो रहे हैं, जिसके साथ ही, पृथ्वी के संरक्षण की दौड़ तेज़ी पकड़ने वाली है. 

कॉप27 सम्मेलन के आयोजन स्थल के बाहर प्रदर्शनकारी, अफ़्रीका में तेल एवं गैस परियोजनाओं के विस्तार का विरोध कर रहे हैं.
UN News/Laura Quinones

कॉप27: वैश्विक तापमान में वृद्धि के 1.5°C लक्ष्य को जीवित रखने की पुकार

जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल से जलवायु परिवर्तन और उसके दुष्परिणामों की चेतावनियों के बावजूद, तेल, गैस और कोयला परियोजनाओं का चिन्ताजनक विस्तार जारी है. मंगलवार को कॉप27 सम्मेलन के दौरान ‘ऊर्जा दिवस’ की थीम पर इस अहम मुद्दे पर चर्चा हुई, और अनेक विशेषज्ञों ने आशंका जताई कि वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य ख़तरे में है.  

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज़ शरीफ़ ने यूएन महासभा के 77वें वार्षिक सत्र को सम्बोधित किया.
UN Photo/Cia Pak

पाकिस्तान: विनाशकारी बाढ़ की चपेट में आए देश के लिये, वैश्विक समर्थन की पुकार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज़ शरीफ़ ने यूएन महासभा के 77वें वार्षिक सत्र के दौरान उच्चस्तरीय जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए कहा है कि हाल के दिनों में आई विनाशकारी बाढ़ के कारण, देश का विशाल हिस्सा अब भी जलमग्न है. इसके मद्देनज़र, उन्होंने अभूतपूर्व जलवायु तबाही के नतीजों का सामना करने के लिये वैश्विक समर्थन की पुकार लगाई है.

कैनेडा के एक जंगल में आग.
Unsplash/Landon Parenteau

जलवायु संकट: ग़लत दिशा में आगे बढ़ रही है दुनिया, नई रिपोर्ट में चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और साझीदार संगठनों की एक नई रिपोर्ट में स्पष्ट शब्दों में एक गम्भीर चेतावनी जारी करते हुए कहा गया है कि जलवायु विज्ञान स्पष्टता से दर्शाता है कि मानवता ग़लत दिशा में आगे बढ़ रही है. रिपोर्ट के अनुसार आकाँक्षाओं और वास्तविकताओं के बीच की विशाल खाई है और महत्वाकाँक्षी कार्रवाई के अभाव में जलवायु परिवर्तन के विनाशनकारी सामाजिक-आर्थिक प्रभाव होंगे.

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त में, एक स्कूल में वॉलीबॉल खेलती कुछ स्कूली लड़कियाँ. ये तस्वीर 2016 की है.
UNAMA

जलवायु संकट से निपटने में खेलकूद व एथलीट का नेतृत्व अहम

संयुक्त राष्ट्र उपमहासचिव आमिना मोहम्मद ने ‘शान्ति व विकास के लिये अन्तरराष्ट्रीय खेलकूद दिवस’ पर अपने सन्देश में कहा है कि एथलीट, विश्व की सबसे प्रभावशाली हस्तियों में हैं और अपने प्रबन्धकों, प्रशंसकों व अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर वैश्विक जलवायु कार्रवाई में अहम योगदान दे सकते हैं.    

लेबनान में एक महिला अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगा रही है.
© UNDP Lebanon

नैट शून्य उत्सर्जन संकल्पों के लिये, नया उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समूह 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये मज़बूत मानक विकसित किये जाने की एक योजना को पेश किया है. ये मानक उन साझीदारों के लिये तैयार किये जाएंगे, जिन्होंने राष्ट्रीय सरकारों से इतर कार्बन तटस्थता हासिल करने के संकल्प व्यक्त किये हैं. 

चीन के दक्षिणी पर्वतीय इलाक़े में धान की सीढ़ीदार खेती.
© FAO/ Zhongshan Luo

वैश्विक जल संकट पर पार पाने के लिये, भूजल की अहमियत पर बल

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की एक नई रिपोर्ट में सचेत किया गया है कि एक अति महत्वपूर्ण संसाधन होने के बावजूद, भूजल (groundwater) अनदेखी, कुप्रबन्धन व अत्यधिक दोहन का शिकार है.

जीवाश्म ईंधन जलाये जाने से हवा में अनेक प्रकार के प्रदूषक घुल जाते हैं, जोकि पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य, दोनों के लिये नुक़सानदेह हैं.
Unsplash/Malcolm Lightbody

कॉप26: संकल्पों पर पानी फेरती है अरबों डॉलर की जीवाश्म ईंधन सब्सिडी; जलवायु वार्ता में तेज़ी लाए जाने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने देशों की सरकारों से, कार्बन उत्सर्जन में कटौती, अनुकूलन और वित्त पोषण के विषय में, नपे-तुले अन्दाज़ में ज़्यादा महत्वाकांक्षा दर्शाने पर बल दिया है. स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो शहर में कॉप26 सम्मेलन के दौरान महासचिव ने गुरूवार को प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए स्पष्ट किया कि आम सहमति वाले, सबसे निचले स्तर के उपाय पर्याप्त नहीं हैं. 

ग्लासगो में 31 अक्टूबर को यूएन के 26वें वार्षिक जलवायु सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत हुई है.
UNFCCC/Kiara Worth

जलवायु सम्मेलन - कॉप26, ग्लासगो में - महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई पर ज़ोर

जलवायु मामलों पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था (UNFCCC) की कार्यकारी सचिव पैट्रीशिया ऐस्पिनोसा ने रविवार को, संयुक्त राष्ट्र के 26वें वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप26) के उदघाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए आगाह किया है कि कार्बन उत्सर्जनों में त्वरित और व्यापक कटौती के अभाव में, मानवता के भविष्य के लिये गम्भीर संकट पैदा होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि जलवायु चुनौती पर पार पाने के लिये संसाधन मौजूद हैं और साझा उद्देश्य के प्रति एकता, भरोसे का स्रोत है.