यूक्रेन में हालात बेहद नाज़ुक, युद्ध प्रभावितों के लिये सुरक्षित रास्तों की अपील
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने यूक्रेन में रूसी आक्रमण के 13वें दिन और हताहत होने वाले आम नागरिकों की बढ़ती संख्या के बीच, युद्धविराम की अपनी अपील दोहराई है. यूएन व साझीदार संगठनों के राहतकर्मियों ने आगाह किया है कि हिंसा प्रभावित इलाक़ों से लोगों को बाहर निकालने के लिये जल्द से जल्द सुरक्षित मार्गों की व्यवस्था की जानी होगी.
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने बताया कि रूस 24 फ़रवरी को हमला शुरू किया था, जिसके बाद से एक हज़ार 335 लोग हताहत हुए हैं.
474 लोगों की मौत हुई है और 861 घायल हुए हैं.
मानवाधिकार मामलों के लिये यूएन प्रवक्ता लिज़ थ्रोसेल के मुताबिक़ रूसी सैन्य बलों ने जिस तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया है उसे ध्यान में रखते हुए, हताहतों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका है.
“अधिकतर आम नागरिक, रूसी सेना द्वारा की गई हवाई कार्रवाई और इस्तेमाल किये गए विस्फोट हथियारों के बड़े इलाक़े में हुए असर के कारण हताहत हुए हैं. इनमें भारी तोपख़ाने और विविध प्रकार की रॉकेट प्रणालियाँ भी हैं.”
“इसके परिणामस्वरूप, चेरनीहिफ़, ख़ारकीफ़, खेरसन, मरियूपॉल और कीयेफ़ समेत अनेक शहरों में सैकड़ों आवासीय इमारतें क्षतिग्रस्त व ध्वस्त हो गई हैं.”
इस बीच, मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिये यूएन कार्यालय (OCHA) ने यूक्रेनी शहरों पर भारी गोलाबारी के मद्देनज़र, जल्द से जल्द एक सुचारू प्रणाली स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया है, ताकि आम नागरिकों को हिंसा प्रभावित इलाक़ों से बाहर, और राहतकर्मियों को वहाँ भेजा जा सके.
“आपको इस मार्ग के बारे में स्पष्टता की आवश्यकता है. यह एक ऐसा रास्ता होना होगा, जोकि सुरक्षित हो.”
यूएन एजेंसी के प्रवक्ता येन्स लार्क ने जिनीवा में जानकारी देते हुए कहा, “आपको आवाजाही के लिये समय रखना होगा.”
“आपको उन लोगों की सम्पर्क जानकारी रखने की ज़रूरत है, जोकि क़ाफ़िले को बाहर और भीतर ले जा रहे हैं. आपको हर गतिविधि का उद्देश्य जानने की आवश्यकता है.”
“और अगर यह काम नहीं करता है, तो फिर हॉटलाइन की भी ज़रूरत है.”
लाखों पर संकट
रूसी सैन्य आक्रामकता के कारण फँसे हुए लोगों को, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में सुरक्षित निकाले जाने के मुद्दे पर दोनों पक्षों से बातचीत के प्रयास जारी हैं.
यूएन एजेंसी प्रवक्ता ने कहा कि इस सिलसिले में सोमवार से ही एक टीम मॉस्को में है और रक्षा मंत्री समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से बात की जा रही है.
रूस के तथाकथित सैन्य अभियान के दो सप्ताह बाद, यूक्रेन में लाखों लोगों के लिये हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.
इण्टरनेशनल कमेटी ऑफ़ रेड क्रॉस के प्रवक्ता ऐवन वॉटसन ने बताया कि “लोगों के लिये सर्वनाशक हालात हैं, और स्थिति बिगड़ रही है, उनके पास अति-आवश्यक सामग्री ख़त्म होती जा रही है.“
“और इसलिये हमारी आज अपील, वास्तव में इन लोगों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाना है.”

स्वास्थ्य केन्द्र बने निशाना
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रवक्ता तारिक़ यासरविच ने पश्चिमी यूक्रेन के लिविफ़ से बताया कि बमबारी प्रभावित इलाक़ों में ज़रूरतमन्दों के लिये स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ भी प्रभावित हुई हैं.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने अब तक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 16 हमलों की पुष्टि की है, जिनमें 9 लोगों की मौत होने और 16 के घायल होने की बात कही गई है. इनमें कुछ स्वास्थ्यकर्मी भी हैं.
यूएन एजेंसी प्रवक्ता ने कहा कि ये हमले अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का उल्लंघन है, जिन्हें रोका जाना होगा.
हिंसा प्रभावित इलाक़ों में बमबारी के कारण मरीज़ों के लिये स्वास्थ्य केन्द्रों पर आना बहुत कठिन हो गया है – सुरक्षा हालात ख़राब हैं और बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को भी क्षति पहुँची है.
संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी के नवीनतम आँकड़े दर्शाते हैं कि यूक्रेन सीमा से होकर अन्य देशों में शरण लेने वाले लोगों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है.
बताया गया है कि युद्ध के कारण अब तक पड़ोसी देशों में 20 लाख से अधिक यूक्रेनी नागरिक पहुँचे हैं, जिनमें एक लाख से अधिक अन्य देशों के नागरिक हैं.