2022 में, महामारी के ख़ात्मे के लिये, 23 अरब डॉलर की अपील

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश समेत अन्य विश्व नेताओं ने वैश्विक महामारी कोविड-19 का वर्ष 2022 में ख़ात्मा करने के इरादे से बुधवार को, न्यायसंगत उपचार, निदान व वैक्सीन वितरण पर केन्द्रित व्यवस्था, एक्ट एक्सीलरेटर (ACT-Accelerator) के लिये 16 अरब डॉलर की रक़म इकट्ठा करने की एक अपील जारी की है.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि कोविड-19 महामारी का अन्त करने के लिये यह ज़रूरी है कि टीके, परीक्षण और उपचार, हर किसी के लिये उपलब्ध कराए जाएँ.
महासचिव गुटेरेश ने तत्काल कार्रवाई की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा कि, “वैक्सीन विषमता हमारे दौर की सबसे बड़ी नैतिक विफलता है – और लोग इसकी क़ीमत चुका रहे हैं.”
LIVE with @DrTedros: @ACTAccelerator Campaign Launch. #ACTogether https://t.co/Gc7huUL1W9
WHO
उन्होंने कहा कि जब तक कोविड-19 से निपटने के लिये ज़रूरी औज़ारों की सुलभता सुनिश्चित नहीं की जाएगी, महामारी का ख़ात्मा नहीं होगा, और लोगों में असुरक्षा की भावना और गहरी होगी.
एक्ट-एक्सीलरेटर योजना अप्रैल 2020 में शुरू की गई थी, ताकि कोविड-19 परीक्षणों, उपचारों और टीकों का त्वरित वितरण सुनिश्चित किया जा सके.
न्यायोचित वैक्सीन वितरण के लिये वैश्विक एकजुटता पहल, कोवैक्स, इसी के चार स्तम्भों में से है.
बुधवार को शुरू की गई मुहिम के ज़रिये, 16 अरब डॉलर के वित्त पोषण की कमी को दूर करने और देश के भीतर वितरण के लिये क़रीब सात अरब डॉलर का प्रबन्ध करने का प्रयास किया जाएगा.
बताया गया है कि इसका उद्देश्य, इस वर्ष कोविड-19 का वैश्विक महामारी के रूप में ख़ात्मा करना है.
एक्ट-एक्सीलरेटर की परिषद उच्चस्तरीय राजनैतिक नेतृत्व प्रदान करती है ताकि संसाधन लामबन्दी की पैरवी की जा सके.
परिषद के सह-प्रमुखों ने हाल ही में 50 से अधिक देशों को न्यायसंगत ढंग से अपना योगदान देने के लिये प्रोत्साहित किया था.
वित्त पोषण के इस फ़्रेमवर्क को विकसित करने के लिये, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के आकार, तेज़ी से वैश्विक आर्थिक व व्यापार पुनर्बहाली से उन्हें होने वाले लाभ के आधार पर गणना की गई है.
यूएन महासचिव ने कहा, “अगर हम इस वैश्विक महामारी के ख़ात्मे के लिये हर किसी के लिये टीकाकरण सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो हमें पहले प्रणाली में निष्पक्षता फूँकनी होगी.”
विश्व नेताओं ने कहा है कि वित्त पोषण से कोरोनावायरस के फैलाव पर क़ाबू पाने, नए वैरीएण्ट के उभरने के चक्र को तोड़ने, काम के बोझ तले दबे स्वास्थ्यकर्मियों व स्वास्थ्य प्रणालियों को राहत प्रदान करने और ज़िन्दगियों की रक्षा करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने आगाह भी किया है कि हर महीने की देरी होने से, वैश्विक अर्थव्यवस्था को होने वाला नुक़सान, एक्ट-एक्सीलरेटर के लिये ज़रूरी निवेश का चार गुना होगा.
इस धनराशि का इस्तेमाल निम्न और मध्य-आय वाले देशों में, जीवनरक्षक औज़ार और स्वास्थ्यकर्मियों के लिये निजी बचाव उपकरण (पीपीई) ख़रीदने में किया जाएगा.
साथ ही टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाने वाले उपायों को समर्थन दिया जाएगा.
इसके तहत, वैक्सीन को 60 करोड़ टीकों की व्यवस्था की जाएगी, 70 करोड़ परीक्षण ख़रीदे जाएंगे, 12 करोड़ मरीज़ों के लिये उपचार सुनिश्चित किये जाएंगे और निम्न आय वाले देशों में ऑक्सीजन सम्बन्धी 100 फ़ीसदी ज़रूरतों को पूरा किया जाएगा
वैश्विक महामारी के फैलाव का यह तीसरा वर्ष है, और संयुक्त राष्ट्र व साझीदार संगठनों ने विषमताओं में निहित ख़तरो के प्रति आगाह किया है.
दुनिया भर में अब तक चार अरब 70 करोड़ कोविड-19 परीक्षण किये जा चुके हैं. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने आगाह किया है कि इनमें से केवल दो करोड़ 20 लाख (0.4 फ़ीसदी) ही निम्न-आय वाले देशों में हुए हैं.
इन देशों में केवल 10 प्रतिशत लोगों को ही वैक्सीन की कम से कम एक ख़ुराक मिल पाई है.
बताया गया है कि पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था होने से, ज़रूरतमन्दों के लिये एक्ट-एक्सीलरेटर के तहत ‘कोवैक्स’ पहल और अन्य उपायों के ज़रिये वैक्सीन, निदान, उपचारों के लिये दोगुने प्रयास किये जा सकेंगे.
इसके अलावा, महत्वपूर्ण शोध एवं विकास कार्य को जारी रख पाना सम्भव होगा, जिनसे वैज्ञानिक जानकारी में मौजूदा कमियों को दूर करने और वायरस व उसके वैरीएण्ट के विरुद्ध रक्षा कवच को मज़बूती प्रदान करने में मदद मिलेगी.
अपनी स्थापना के बाद से ही, एक्ट-एक्सीलरेटर ने नए उपचारों, वैक्सीन, निदान पर शोध एवं उनके विकास कार्य को वित्त पोषित किया है.
इसकी कोवैक्स पहल के अन्तर्गत अन्य उपलब्धियों के साथ-साथ ज़रूरतमन्द देशों में एक अरब से अधिक वैक्सीन ख़ुराकें भेजी गई हैं.
इस व्यवस्था का कुल बजट 23 अरब 40 करोड़ डॉलर है और दानदाताओं से 16 अरब 80 करोड़ डॉलर दान देने का आग्रह किया गया है.
81 करोड़ 40 लाख डॉलर का संकल्प पहले ही लिया जा चुका है, इसलिये अब 16 अरब डॉलर की व्यवस्था की जानी है.
शेष साढ़े छह अरब डॉलर की रक़म की व्यवस्था, मध्य-आय वाले देशों द्वारा स्वयं की जाएगी.
एक्ट एक्सीलरेटर के 23 अरब डॉलर के बजट से इतर, वैक्सीन और निदान, देशों के भीतर वितरित किये जाने के उद्देश्य से छह अरब 80 करोड़ डॉलर की आवश्यकता होगी.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वैरीएण्ट के तेज़ फैलाव ने परीक्षणों, उपचारों और टीकों के न्यायसंगत वितरण की अहमियत को रेखांकित किया है.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि अगर उच्च-आय वाले देश एक्ट-एक्सीलरेटर के लिये अपना न्यायसंगत हिस्सा देते हैं, तो उससे निम्न और मध्य आय वाले देशों में कोविड-19 टीकाकरण के स्तर को बेहतर बनाने, कमज़ोर टैस्टिंग को सहारा देने और दवाओं की क़िल्लत दूर करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि विज्ञान ने कोविड-19 से लड़ाई के लिये औज़ार प्रदान किये हैं, और उन्हें न्यायोचित ढंग से साझा करके, इस वर्ष वैश्विक स्वास्थ्य आपात स्थिति का अन्त किया जा सकता है.