यमन: कोविड-19 वैक्सीन का पहुँचना, पासा पलटने वाला क़दम

यमन में कोविड-19 केे टीकों की पहली खेप बुधवार को पहुँचने पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि इससे इस युद्धग्रस्त देश में फैले कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ अहम जीत हासिल होगी और हालात बेहतर होंगे.
3 लाख 60 हज़ार खुराकों की यह खेप, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में चलाई जा रही साझा वैश्विक पहल, कोवैक्स के ज़रिये भेजी गई है, जिससे स्वास्थ्य कार्यकर्ता और प्राथमिकता वाले अन्य लोगों को इस बीमारी से हिफ़ाज़त मुहैया कराई जा सकेगी.
महामारी सम्बन्धी नवाचार तैयारी (CEPI) के लिये Gavi, वैक्सीन अलायन्स, और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के गठबन्धन के साथ, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) के प्रतिनिधि, फिलिप डुआमेले ने कहा, "कोविड-19 वैक्सीन की ख़ुराकों का आगमन यमन के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है."
उन्होंने कहा, “कोविड-19 से दुनिया भर में लोगों की मौतें हो रही है. यह वैक्सीन पहुँचने के बाद, अब यमन के पास स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं सहित जोखिम के दायरे में आने वाले लोगों को बचाने की क्षमता है, ताकि वो बच्चों और परिवारों को जीवन रक्षक सेवाएँ प्रदान करते रहें. टीके कारगर हैं, टीके जान बचाते हैं, चलिये, अब लोगों को टीका लगवाना शुरू करें."
यमन भेजे गए ऑतक्सफ़र्ड - एस्ट्राज़ेनेका टीके, भारत के सीरम संस्थान द्वारा बनाए गए हैं और भविष्य के लिये वादा किये गए कुल 19 लाख ख़ुराकों में से पहली खेप है.
उनके साथ 13 हज़ार सुरक्षा बक्से और 13 लाख सीरिंज भी भेजे गए हैं, जो सुरक्षित और प्रभावी टीकाकरण के लिये अहम हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के यमन में प्रतिनिधि, डॉक्टर एड्हैम इस्माइल ने इस खेप को कोविड-19 से निपटने में एक "महत्वपूर्ण पहला क़दम" बताया.
उन्होंने कहा, "यह वैक्सीन गम्भीर बीमारी से ग्रस्त उच्च जोखिम वाले लोगों का जीवन बचाने और स्वास्थ्य प्रणाली की रक्षा करने में मदद करेगी. ये सुरक्षित और प्रभावी टीके - हालात बदलने में सहायक होंगे, लेकिन फ़िलहाल हमें मास्क पहनना , शारीरिक दूरी बनाए रखना, और भीड़-भाड़ से बचना जारी रखना होगा."
यमन में GAVI के देश प्रबन्धक, रेहान हाफ़िज़ भी टीकाकरण अभियान के लिये उत्सुक नज़र आए.
उन्होंने कहा, "यमन की सरकार और कोवैक्स भागीदारों को धन्यवाद. हमारे दाताओं के सहयोग से, हम अब, अपनी सबसे कमज़ोर आबादी की रक्षा करने में सक्षम हैं. हमारा काम तो अब शुरू हुआ है, लेकिन कौवैक्स के तहत पहली, कोविड-19 ख़ुराकों का आगमन, यमन के लोगों के लिये निस्सन्देह मील का पत्थर है."