कोविड-19: मौजूदा टीकों में सम्भवत: बदलाव की ज़रूरत, विशेषज्ञों की चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समूह ने कहा है कि कोविड-19 से बचाव के लिये, मौजूदा टीकों में बदलाव करने की ज़रूरत पड़ सकती है, ताकि ओमिक्रॉन और भविष्य में उभरने वाले वैरीएण्ट्स के विरुद्ध भी, उनका असर बरक़रार रहे.
WHO continues to gather the evidence on #COVID19 and work with partners as more data are needed on vaccine effectiveness against new virus variants, particularly against hospitalization, severe disease and death https://t.co/GCxlp2xfg9https://t.co/EwgZinEjh3
WHO
कोविड-19 वैक्सीन के विषय पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी परामर्शदाता समूह द्वारा, मंगलवार को जारी एक अन्तरिम वक्तव्य में यह राय व्यक्त की गई है.
यह समूह, सितम्बर 2021 में गठित किया गया था.
कोरोनावायरस के बेहद संक्रामक वैरीएण्ट, ‘ओमिक्रॉन’ के तेज़ फैलाव के बीच, सदस्यों ने मौजूदा कोविड-19 वैगक्सीन के टीके तत्काल व्यापक स्तर पर सुलभ बनाए जाने का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा है कि कोविड-19 टीकों के ज़रिये रक्षा कवच प्रदान किये जाने के साथ-साथ, कोरोनावायरस के नए, चिन्ताजनक प्रकारों को उभरने से भी रोका जाना होगा.
ये 18 विशेषज्ञ एक फ़्रेमवर्क विकसित कर रहे हैं ताकि नए उभरते, चिन्ताजनक वैरीएण्ट्स के सम्बन्ध में तथ्यों का विश्लेषण किया जा सके.
कोविड-19 टीकों की संरचना में आवश्यकता अनुसार, बदलाव किये जाने के सन्दर्भ में इसे महत्वपूर्ण माना गया है.
साथ ही इस फ़्रेमवर्क के ज़रिये विश्व स्वास्थ्य संगठन को परामर्श दिया जाएगा.
विशेषज्ञों के मुताबिक़, संक्रमण व फैलाव की रोकथाम और गम्भीर बीमारी व मौतों को टालने में बेहद कारगर, कोविड-19 टीकों की ज़रूरत है और उन्हें विकसित किया जाना चाहिये.
उन्होंने अपने वक्तव्य में लिखा है कि जब तक ये टीके उपलब्ध नहीं हैं, और जैसे-जैसे SARS-CoV-2 वायरस में बदलाव आ रहे हैं, मौजूदा कोविड-19 वैक्सीन की बनावट में बदलाव लाना पड़ सकता है.
इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोविड-19 टीके, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की अनुशन्सा द्वारा तय स्तर पर, चिन्ताजनक वैरीएण्ट्स से संक्रमण और बीमारी के विरुद्ध रक्षा कवच प्रदान कर सकें.
इनमें, फ़िलहाल फैल रहा ओमिक्रॉन वैरीएण्ट और भविष्य में उभरने वाले नए प्रकार हैं.
तकनीकी परामर्शदाता समूह को, वैक्सीन की बनावट में एक ऐसे बदलाव पर विचार करना है, जिसका उद्देश्य विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानदण्डों पर खरा उतरना है.
विशेषज्ञों के मुताबिक़, वैक्सीन को ऐसे प्रकारों (strain) पर आधारित रखने की आवश्यकता है, जोकि फ़िलहाल फैल रहे वैरीएण्ट्स से समानता रखते हों.
साथ ही, उन्हें गम्भीर बीमारी और मौत से रक्षा में कारगर बनाना होगा, और संक्रमण से बचाव में भी असरदार रहना होगा.
इससे वायरस के फैलाव और सख़्त सार्वजनिक स्वास्थ्य व सामाजिक उपायों की आवश्यकता को कम किया जा सकेगा.
विशेषज्ञ समूह ने कोविड-19 वैक्सीन विनिर्माताओं से मौजूदा और ओमिक्रॉन के लिये तैयार विशिष्ट टीकों के सम्बन्ध में आँकड़े जुटाने और साझा करने का अनुरोध किया है.
SARS-CoV-2 वायरस, दिसम्बर 2019 में चीन के वूहान शहर में उभरा था, और उसके बाद से उसमें निरन्तर बदलाव आए हैं.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने अब तक पाँच चिन्ताजनक वैरीएण्ट की शिनाख़्त की है: अल्फ़ा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमिक्रॉन.
विशेषज्ञ समूह ने कहा है कि ओमिक्रॉन वैरीएण्ट, दुनिया भर में तेज़ी से फैल रहा है और ऐसी सम्भावना कम ही है कि ओमिक्रॉन, अन्तिम चिन्ताजनक वैरीएण्ट साबित हो.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने अब तक निम्न टीकों को, आपात प्रयोग सूची में शामिल किये जाने की स्वीकृति दी है: कोवोवैक्स, मॉडर्ना, फ़ाइज़र, जैनसन, ऐस्ट्राज़ेनेका, कोविशील्ड, कोवैक्सीन, सिनोफ़ार्म, सिनोवाक, नुवैक्सोविड.