वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां
इटली में ओमिक्रॉन वैरीएण्ट के पहले संक्रमण मामले की पुष्टि हो चुकी है.

सर्दियों और छुट्टियों का मौसम: कोविड-19 से बचाव के उपाय

Unsplash/Matteo Jorjoson
इटली में ओमिक्रॉन वैरीएण्ट के पहले संक्रमण मामले की पुष्टि हो चुकी है.

सर्दियों और छुट्टियों का मौसम: कोविड-19 से बचाव के उपाय

स्वास्थ्य

शीत ऋतु के आगमन के संग आने वाली छुट्टियाँ, पारम्परिक रूप से हर आयु के लोगों के लिये अपने प्रियजन से मिलने-जुलने, पारिवारिक आयोजनों, धार्मिक उत्सवों और मित्रों-परिचितों के साथ घुलने-मिलने का अवसर रहा है. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग, घरेलू या अन्तरराष्ट्रीय यात्रा करने की योजना भी बनाते हैं. मगर, कोविड-19 महामारी अब भी फैल रही है और इसलिये बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है. चन्द महत्वपूर्ण ऐहतियाती उपायों पर एक नज़र...

यह लगातार दूसरी बार है जब सर्दियों के दौरान, लोगों को वैश्विक महामारी के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है. इन हालात में, ज़्यादा यात्राएँ होने और घरों के भीतर लोगों के मिलने-जुलने से, वायरस के फैलने का ख़तरा भी बढ़ जाता है.

तेज़ रफ़्तार से फैलने वाला डेल्टा वैरीएण्ट पहले ही एक बड़ी चिन्ता थी, और अब कोरोनावायरस के नए वैरीएण्ट, ओमिक्रॉन, ने हालात और भी जटिल व ख़तरनाक बना दिये हैं. 

ओमिक्रॉन वैरीएण्ट के सम्बन्ध में अभी तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, और यूएन स्वास्थ्य एजेंसी अभी मौजूदा आँकड़ों व जानकारी की समीक्षा व विश्लेषण में जुटी है.   

इसके मद्देनज़र, उचित विकल्पों को चुन कर, और सावधानी बरत कर, महामारी के फैलाव के जोखिम को, कम किया जा सकता है.

इस क्रम में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के योरोपीय क्षेत्र में स्थित कार्यालय ने सर्दियों की छुट्टियों में सुरक्षित ढंग से आनन्द लेने के लिये कुछ अहम सलाह दी है:

1. जल्द से जल्द टीकों की पूरी ख़ुराक लेना

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक़, उपलब्ध टीकों की पूरी ख़ुराकें जल्दी पूरी करना, कोरोनावायरस के कारण गम्भीर बीमारी और मौत से बचने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय है. 

यह उन लोगों के लिये विशेष रूप से अहम है, जिन्हें वायरस से जोखिम अपेक्षाकृत अधिक है, जैसेकि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, या फिर पहले से बीमार या स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित लोग. 

भारत में, मध्य प्रदेश के झाबुआ ज़िले के एक टीकाकरण केन्द्र पर एक महिला को कोविड-19 वैक्सीन का पहला टीका लगाए जाते हुए.
© UNICEF India/Sujay Reddy
भारत में, मध्य प्रदेश के झाबुआ ज़िले के एक टीकाकरण केन्द्र पर एक महिला को कोविड-19 वैक्सीन का पहला टीका लगाए जाते हुए.

हाल ही में कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक़, योरोप व मध्य एशिया के 33 देशों में कोविड-19 टीकाकरण शुरू होने के बाद से, 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के क़रीब पाँच लाख लोगों की जान बचाने में मदद मिली है. 

यह अध्ययन यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के योरोपीय क्षेत्र में स्थित कार्यालय और और बीमारियों की रोकथाम के लिये योरोपीय केन्द्र ने किया है. 

बताया गया है कि कोविड-19 संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले अधिकतर लोगों ने टीके नहीं लगवाए हैं. मौजूदा टीके, कोविड-19 के डेल्टा वैरीएण्ट सहित अन्य प्रकारों से होने वाले गम्भीर संक्रमण से रक्षा मुहैया कराते हैं.

कोरोनावायरस के नए प्रकार, ओमिक्रॉन के सम्बन्ध में अभी जानकारी जुटाई जा रही है, मगर उम्मीद जताई गई है कि मौजूदा वैक्सीन के ज़रिये, इस वैरीएण्ट से भी कुछ हद तक रक्षा सम्भव है. 

2. निजी सुरक्षा व समाजों को खुला रखने के लिये रोकथाम उपाय अपनाना 

टीकाकरण के साथ-साथ, अन्य रोकथाम उपाय भी रोज़मर्रा के जीवन में अपनाए जाने महत्वपूर्ण हैं, ताकि वायरस के फैलाव पर नियंत्रण के साथ-साथ, व्यापक स्तर पर तालाबन्दियों से बचा जा सके.

पहले आज़माए गए और सफल साबित हो चुके कुछ उपाय इस प्रकार हैं: 

- ज़रूरत होने पर एक अच्छी तरह से कसा हुआ मास्क पहनना

- कम से कम एक मीटर की शारीरिक दूरी बरतना

- खिड़कियाँ व दरवाज़े खोलकर, कमरों को हवादार बनाना

- भीड़-भाड़ वाले, बन्द व सीमित जगहों वाले स्थलों पर जाने से बचना

- हाथों को नियमित तौर पर साबुन से धोना

- छींकते या खाँसते हुए, मुँह ढँक लेना

भूटान के पारो में एक छात्र मास्क पहनने को बढ़ावा देने की मुहिम को आगे बढ़ा रहा है.
© UNICEF/Sonam Pelden
भूटान के पारो में एक छात्र मास्क पहनने को बढ़ावा देने की मुहिम को आगे बढ़ा रहा है.

यूएन एजेंसी का कहना है कि इनमें से हर उपाय, अपने आप में महत्वपूर्ण है, मगर एक साथ इस्तेमाल करने से इनका असर और भी ज़्यादा पैना हो जाता है. 

3. आयोजनों व मेल-जोल कार्यक्रमों को हरसम्भव ढंग से सुरक्षित बनाना

कमरों के भीतर होने वाले आयोजन, वायरस के लिये फैलने का एक अवसर है. जहाँ तक सम्भव हो सके, ऐसे आयोजनों व उत्सवों को खुले स्थान पर ही आयोजित किया जाना चाहिये. 

आपस में मिलते-जुलते समय, मास्क पहनना और शारीरिक दूरी बरता जाना महत्वपूर्ण है. 

घर के अन्दर होने पर, लोगों की संख्या सीमित रखी जानी चाहिये, और कमरों में हवा के प्रवाह की समुचित व्यवस्था की जानी आवश्यक है, ताकि वायरस फैलाव के जोखिम को कम किया जा सके.  

4. जोखिम होने पर यात्रा से बचना

जो व्यक्ति अस्वस्थ हैं, जिनका पूर्ण रूप से टीकाकरण नहीं हो पाया है, जिनके पास पहले हो चुके संक्रमण का सबूत नहीं है, या फिर जिनके लिये कोविड-19 से गम्भीर रूप से संक्रमित होने या जटिलताएँ विकसित होने का जोखिम हैं, उन्हें ऐसे स्थानों की यात्रा टाल देनी चाहिये, जहाँ सामुदायिक स्तर पर वायरस फैल रहा हो.

यह 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों, लम्बे समय से बीमार चल रहे व्यक्तियों, और हृदय रोग, कैंसर व डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों के लिये विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. 

कोविड-19 के लक्षणों की पहचान के लिये एयरपोर्ट पर तापमान जाँच की जा रही है.
WHO/P. Phutpheng
कोविड-19 के लक्षणों की पहचान के लिये एयरपोर्ट पर तापमान जाँच की जा रही है.

सभी यात्रियों को कोविड-19 के लक्षणों व संकेतों के प्रति सतर्क रहना चाहिये, अपनी बारी आने पर जल्द टीकाकरण कराना चाहिये, और टीकाकरण पूरा होने या ना होने, हर स्थिति में हर समय रोकथाम उपायों का पालन करना चाहिये. 

5. भरोसेमन्द स्रोत से जानकारी प्राप्त करना

भ्रामक सूचनाएँ व ग़लत जानकारी, लोगों के स्वास्थ्य व जीवन के लिये जोखिम की वजह बन सकती हैं. वे विज्ञान में भरोसा कमज़ोर बना सकती हैं, और लोगों को अपने स्वास्थ्य के सम्बन्ध में सही फ़ैसले लेने से रोक सकती हैं. 

इस वजह से, तथ्य-आधारित व वैज्ञानिकों के स्तर पर आम सहमति से जारी की गई सलाह और भरोसेमन्द स्रोतों से मिली जानकारी पर ही अमल करना चाहिये. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की 'HealthBuddy' ऐप, एक ऐसे उपाय का उदाहरण है, जिससे कोविड-19 के सम्बन्ध में विशेषज्ञ सलाह प्राप्त की जा सकती है.

भारत के नई दिल्ली शहर में लगा ये पोस्टर, कोविड-19 वैक्सीन के बारे में फैली भ्रामक जानकारियों को रद्द करने की अपील करता हुआ.
© UNICEF/Sujay Reddy
भारत के नई दिल्ली शहर में लगा ये पोस्टर, कोविड-19 वैक्सीन के बारे में फैली भ्रामक जानकारियों को रद्द करने की अपील करता हुआ.