यूएन प्रमुख की लेबनान यात्रा: 2022 में निष्पक्ष चुनाव, आमजन की आवाज़ सुनने का अहम अवसर

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपनी लेबनान यात्रा के दौरान, स्थानीय जनता की पीड़ा का प्रत्यक्ष अनुभव करने के बाद ध्यान दिलाया है कि राजनैतिक नेताओं के पास, समुदायों में दरार पैदा करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने आगाह किया कि इससे, पहले से ही अनेक संकटों में घिरा देश ठप हो जाता है.
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि सभी सरकारी संस्थाओं के कामकाज का नतीजों के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है: सामाजिक संरक्षा, बिजली व जल की सुलभता, शिक्षा व बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल, अच्छी शासन व्यवस्था और मानवाधिकारों का संरक्षण.
I'm proud to see the leading role women & young people play in our @UNPeacekeeping mission in Lebanon.The members of @UNIFIL_ come from 46 countries but work as one team in the name of peace.I'm grateful for their service & sacrifice. pic.twitter.com/VzwPvXJ6MG
antonioguterres
यूएन प्रमुख ने लेबनान में अपने एकजुटता मिशन का अन्त करते हुए, मंगलवार को एक प्रैस वार्ता को सम्बोधित किया.
उन्होंने कहा कि देश को सतत पुनर्बहाली के मार्ग पर वापिस ले जाने की प्रक्रिया में, नागरिक समाज, महिलाओं और युवजन की अहम भूमिका है.
“उनकी आवाज़ों को सुना जाना होगा, और उनके प्रस्तावों पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया जाना होगा.”
“स्वतंत्र एवं निष्पक्ष संसदीय चुनाव, 2022 में समय से कराया जाना, आमजन के लिये अपनी आवाज़ सुनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है.”
यूएन प्रमुख ने राजनैतिक व धार्मिक नेताओं और सैन्य अधिकारियों समेत, लेबनानी समाज के विविध वर्गों व समुदायों से बातचीत होने का अवसर मिलने पर आभार जताया.
उन्होंने देश के उत्तर व दक्षिण का भी दौरा किया और पत्रकारों को बताया कि एक ऐसे देश में फिर वापिस आने का अवसर, उनके लिये सम्मान की बात है जोकि उनके दिल के क़रीब है.
”मगर, मुझे इस सुन्दर देश के लोगों को इतनी पीड़ा में देखकर दुख होता है. लेबनान के लोग, अपार चुनौतियों का सामना करते हैं.”
“फिर भी, इतने दबावों को सहने के बावजूद, लेबनान के लोगों की गर्मजोशी व उदारता की चमक बरक़रार है.”
महासचिव ने कहा कि यह क्षेत्र और पूरी दुनिया, सीरिया व अन्य शरणार्थियों को शरण देने के लिये लेबनान की जनता की आभारी है, जोकि सह-अस्तित्व और सहिष्णुता की भावना को बढ़ावा देती है.
बेरूत में 4 अगस्त 2020 को बन्दरगाह पर हुए धमाके में शहर का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ, 200 से अधिक लोगों की मौत हुई, हज़ारों लोग घायल हुए, बड़ी संख्या में घर व इमारत क्षतिग्रस्त हुए. बेरूत को अरबों डॉलर का नुक़सान पहुँचा.
महासचिव गुटेरेश ने दोहराया कि हर पीड़ित, जवाब व न्याय पाने का हक़दार है, और इसे एक निष्पक्ष, विस्तृत और पारदर्शी जाँच के ज़रिये ही सुनिश्चित किया जा सकता है.
उन्होंने देश में बदतर होते आर्थिक व वित्तीय संकट के प्रभावों पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है. राजनैतिक गतिरोध, सम्प्रदायवाद, व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों और बढ़ती मानवीय आपात स्थिति की वजह से इन संकटों को हवा मिली है.
“मैंने कल लेबनान के उत्तर में त्रिपोली का दौरा किया और आज दक्षिण में टायर में. लोगों से सीधे सुनना कि यह संकट किस तरह उनके रोज़मर्रा के जीवन को प्रभावित कर रहा है, मुझे भावुक कर गया.”
महासचिव ने सचेत किया कि देश की जनता अपने राजनैतिक नेताओं से अपनी ज़रूरतों के प्रति हमदर्दी और अर्थव्यवस्था को पुनर्बहाल होते देखना चाहती है.
साथ ही, सरकारी व राज्यसत्ता संस्थाओं में प्रभावी ढँग से कामकाज और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई अहम है.
महासचिव ने कहा कि पिछले दो दिनों में, उन्होंने लेबनान के राजनैतिक नेताओं से ऐसे सुधारो को लागू करने का आग्रह किया है, जिनसे बेहतर कल्याण, जवाबदेही, संरक्षण व पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके.
यूएन प्रमुख के मुताबिक़ इन सुधारों से, देश के बेहतर भविष्य के लिये, उम्मीद फिर से बहाल करने में मदद मिलेगी.
इससे पहले, उन्होंने सोमवार को बेरूत बन्दरगाह का दौरा किया जहाँ पिछले वर्ष एक भीषण विस्फोट से बड़े पैमाने पर तबाही हुई थी.
महासचिव ने स्मारक स्थल जाकर, इस हादसे के पीड़ितों को अपने श्रृद्धासुमन अर्पित किये, और ध्यान दिलाया कि लेबनान की जनता को इस हादसे की सच्चाई जानने का अधिकार है.