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लेबनान: जीवितों की तलाश के बीच विशाल ज़रूरतों की चेतावनी 

बेरूत बन्दरगाह में भीषण विस्फोट से शहर के कई इलाक़ों को भारी नुक़सान हुआ है.
© UNOCHA
बेरूत बन्दरगाह में भीषण विस्फोट से शहर के कई इलाक़ों को भारी नुक़सान हुआ है.

लेबनान: जीवितों की तलाश के बीच विशाल ज़रूरतों की चेतावनी 

मानवीय सहायता

लेबनान के बेरूत शहर में भारी तबाही का सबब बनने वाले भीषण विस्फोट के बाद यूएन एजेंसियों ने शुक्रवार को कहा है कि मौजूदा हालात में ज़रूरतों का दायरा और स्तर बहुत व्यापक हैं और तत्काल व्यापक सहायता उपलब्ध करानी होगी. इस विस्फोट में अब तक 150 से ज़्यादा लोगों के मौत हो चुकी है और हज़ारों लोग घायल व बेघर हुए हैं. राहत और बचाव अभियान के बीच हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता क्रिस्टियान लिन्डमियर ने कहा कि बहुत से लोग अब भी लापता हैं और अस्पतालों को भारी दबाव में काम करना पड़ रहा है. 

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जिनीवा में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के ज़रिये उन्होंने बताया कि तीन स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य सेवाएँ ठप हो गई हैं जबकि दो अन्य केन्द्रों को आंशिक रूप से क्षति पहुँची है – अस्पतालों में 500 बिस्तरों की सेवा प्रभावित हुई है. 

मलबे में दबे लोग

यूएन एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा, “फ़िलहाल घायलों का इलाज करने और तलाश एवँ बचाव अभियान चलाने पर तात्कालिक ध्यान है जो बेहद अहम है. अब भी बहुत से लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं और मीडिया रिपोर्टों में हम देख सकते हैं कि उनमें कुछ लोग जीवित हैं.”

उन्होंने कहा कि बचाव अभियान चलाने के साथ-साथ प्रभावित लोगों के लिये भोजन, शरण, दवाएँ, मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही ऐसी बीमारियों के उपचार की व्यवस्था भी की जा रही है जिनका इलाज अब अस्पताल में सम्भव नहीं है. 

बेरूत में ढाई हज़ार टन अमोनियम नाइट्रेट के उस भीषण विस्फोट के बाद शहर की आबोहवा में हानिकारक कण घुल गए हैं जिसके प्रति चिन्ता जताई गई थी.

यूएन एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि लेबनानी स्वास्थ्य मन्त्रालय ने विस्फोट के दो घण्टे बाद विषाक्तता के स्तर में गिरावट दर्ज की है. 

सबसे निर्बलों की मदद

विस्फोट के बाद सर्वोपरि प्राथमिकता सबसे निर्बल लोगों को चिकित्सा सहित अन्य ज़रूरी मदद प्रदान करना है, कोविड-19 के कारण शहर में अस्पतालों पर बोझ है. 

विस्फोट में महामारी के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई के लिये जुटाए गई मेडिकल बचाव सामग्री भी नष्ट हो गई है जिसके कारण हालात और चुनौतीपूर्ण हो गए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने राहत अभियान को सहारा देने के लिये डेढ़ करोड़ डॉलर की राशि की अपील जारी की है. 

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के मुताबिक विस्फोट में 80 हज़ार से ज़्यादा ऐसे घर क्षतिग्रस्त हुए हैं  जिनमें बच्चे रहते थे और अनेक घरों में जल व बिजली की आपूर्ति ठप है. 

इन हालात में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में भी उछाल आया है और गुरुवार को संक्रमण के 255 मामले दर्ज किये गए.

लेबनान में कोविड-19 के अब तक पाँच हज़ार 672 मामले दर्ज किये गए हैं और 70 लोगों की मौत हुई है. विस्फोट प्रभावित इलाक़ों में संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं.

शरणार्थी भी प्रभावित

राहत अभियान में जुटी संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने बेरूत में रह रहे शरणार्थियों के भी हताहत होने की आशंका जताई है. 

अनेक देशों में हिंसक संघर्षों के कारण विस्थापित हुए लगभग 15 लाख लोग भी लेबनान में रहते हैं जिनमें एक बड़ी संख्या सीरियाई नागरिकों की है. 

बेरूत बन्दरगाह में भीषण विस्फोट से शहर के कई इलाक़ों को भारी नुक़सान हुआ है.
© UNOCHA
बेरूत बन्दरगाह में भीषण विस्फोट से शहर के कई इलाक़ों को भारी नुक़सान हुआ है.

शुरुआती आकलन दर्शाता है लाखों लोगों के घर बर्बाद या क्षतिग्रस्त हुए हैं जिससे बहुत से लोगों के लिये व्यापक पैमाने पर शरण सम्बन्धी ज़रूरतें पैदा हुई हैं. 

हालात के मद्देनज़र शरण सम्बन्धी किट, प्लास्टिक शीट, कम्बल, गद्दे सहित अन्य राहत सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथा वेण्टीलेटर, मेडिकल आपूर्ति और अन्य उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है. 

बेरूत बन्दरगाह पर विस्फोट के कारण वहाँ अनाज के भण्डार बर्बाद हो गए जिसके बाद पहले से ही वित्तीय संकट और कोविड-19 महामारी से जूझ रहे देश में खाद्य सुरक्षा पर संकट की आशंका जताई गई थी. 

ये भी पढ़ें - लेबनान: भीषण विस्फोट के बाद अस्पतालों की मदद करना यूएन की शीर्ष प्राथमिकता

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने प्रभावित लोगों की ज़रूरतें पूरी करने के वास्ते लेबनान में खाद्य सुरक्षा के लिये अनाज और आटे का आयात करने घोषणा की है.   

यूएन एजेंसी लेबनान में लोगों को नक़दी प्रदान करने और खाद्य सहायता सुनिश्चित करने में पहले से ही हाथ बँटा रही थी और अब आपूर्ति श्रृंखला व सहायका सेवाओं की व्यवस्था करने में भी जुटी है. 

हाल ही में यूएन एजेंसी के सर्वेक्षण में मालूम हुआ था कि तालाबन्दी के बाद लेबनान में भोजन की उपलब्धता बड़ी चिन्ता का एक कारण बन गया है – हर दो में से एक व्यक्ति ने पर्याप्त भोजन ना मिल पाने के प्रति चिन्ता ज़ाहिर की थी. 

विस्फोट में सबसे ज़्यादा प्रभावित लोगों की मदद के लिये यूएन एजेंसी भोजन के पाँच हज़ार पैकेट बाँट कर रही है. हर पैकेट में चावल, छोले, नमक, जैसे अन्य ज़रूरी सामान होते हैं जो पाँच सदस्यीय परिवार के लिये एक महीने के लिये पर्याप्त भोजन राशित है.