अफ़ग़ानिस्तान: 'टूट व बिखर चुके लोगों को मदद की तत्काल ज़रूरत'

संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी (IOM) के प्रमुख एंतोनियो वितोरिनो ने, अफ़ग़ानिस्तान में आम लोगों के हालात के बारे में गुरूवार को बेबाक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि वर्षों से जारी संघर्ष व अशान्ति, दमनात्मक निर्धनता और जलवायु सम्बन्धी आपदाओं ने, देश को पतन के किनारे पर पहुँचा दिया है.
एजेंसी के महानिदेशक एंतोनियो वितोरिनो ने जोर देकर कहा, “हम इन लोगों को सर्दियों के मौसम की सख़्तियों का सामना करने में तैयार करने के लिये, दरअसल, समय के ख़िलाफ़ एक दौड़ में शामिल हैं.”
There is hope amid the alarm.” @IOMChief concludes his two day visit to Afghanistan and urges solidarity for the Afghan people. pic.twitter.com/mb9oRGjF37
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उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान का दो दिन का दौरा करने के बाद, रेखांकित करते हुए कहा कि देश के लोग “टूट और बिखर” चुके हैं.
“आधी से ज़्यादा आबादी को भरपेट भोजन का इन्तेज़ाम करने के लिये जद्दोजेहद करनी पड़ रही है, कुपोषण का स्तर नाटकीय ऊँचाई पर पहुँच गया है, विशेष रूप में बच्चों के लिये."
"और जिन लोगों से हमने सम्पर्क किया व बाचतीत की, उनमें से 80 प्रतिशत लोगों का कहना है कि उनका कामकाज, रोज़गार और आजीविकाएँ ख़त्म हो गए हैं.”
“लाखों (सम्भवतः करोड़ों) लोगों को बहुत छोटे-छोटे घरों व ठिकानों में रहना पड़ रहा है जहाँ बुनियादी सेवाओं की उपलब्धता भी बहुत कम है, जिनमें स्वच्छता और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की भी क़िल्लत है.”
इस बीच संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने बताया है कि उत्तरी शहर कुन्दूज़ के एक घर में, एक युद्धक सामग्री मे विस्फोट हो जाने से, एक ही परिवार के नौ लोगों की मौत हो गई है.
यूएन बाल एजेंसी ने एक वक्तव्य में कहा है कि मृतकों में चार लड़कियाँ और दो लड़के शामिल हैं. विस्फोट में दो अन्य बच्चे घायल भी हुए हैं.
वक्तव्य के अनुसार, ऐसी ख़बरें हैं कि उस परिवार का कोई बच्चा, घर के पास ही मैदान में पड़ी विस्फोटक सामग्री, अनजाने में, अपने घर ले आया, उसके साथ खेलने के लिये, या फिर उसे बाज़ार में बेचने की उम्मीद के साथ.
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन एजेंसी के मुखिया ने कहा है कि मानवीय सहायताकर्मी, ऐसे परिवारों की तलाश करके मदद करने की कोशिश कर रहे हैं जिनके पास भरपेट भोजन के लिये सामग्री उपलब्ध नहीं है.
और उनके पास सर्दियों का सामना करने के लिये भी पर्याप्त साधन मौजूद नहीं हैं. ऐसे परिवारों की संख्या लगभग 50 प्रतिशत है.
एंतोनियो वितोरिनो ने कहा कि इन प्रयासों के बावूजूद वो, देश के भविष्य को लेकर बहुत चिन्तित हैं क्योंकि हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, “हम घर-घर जाकर ये मालूम करने की कोशिश कर रहे हैं कि किस तरह की ज़रूरतें हैं. साथ ही हम आवास, कम्बल, सर्दियों में काम आने वाले कपड़े और ईंधन व गर्माहट बनाए रखने के लिये नक़दी भी वितरित किये जा रहे हैं.”
“हम देश के हर प्रान्त में लगभग दो लाख लोगों तक, सर्दियों का सामना करने के लिये काम आने वाली सहायता सामग्री पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं.”