आपबीती: अफ़ग़ान महिलाओं को सदमों से उबरने में मदद का सिलसिला
*नजीबा, एक माँ हैं, एक काउंसलर हैं, विश्वविद्यालय में लैक्चरर रह चुकी हैं, वो अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं को सदमों से उबरने में मदद करती हैं...
*नजीबा, एक माँ हैं, एक काउंसलर हैं, विश्वविद्यालय में लैक्चरर रह चुकी हैं, वो अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं को सदमों से उबरने में मदद करती हैं...
अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) ने राजधानी काबुल में गुरूवार को हुए एक घातक हमले की निन्दा की है.
36 वर्षीय नसीमा* अफ़ग़ानिस्तान में एक शान्ति निर्मात्री और महिला अधिकार कार्यकर्ता हैं. अगस्त 2021 में तालेबान द्वारा देश की सत्ता पर क़ब्ज़ा किये जाने के बाद से, नसीमा देश में ही रहकर काम कर रही हैं, जबकि देश के हालात दुनिया की सर्वाधिक जटिल मानवीय आपदाओं में शामिल होते जा रहे हैं. नसीमा की आपबीती...
संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने सोमवार को कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान के एक साल के शासन के दौरान महिलाओं और लड़कियों की ज़िन्दगियों के हालात बहुत ख़राब हुए हैं, जिससे मानवाधिकारों के तमाम क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. यूएन एजेंसियों ने तालेबान शासन के एक साल बाद, देश की महिलाओं और लड़कियों को अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है.
अफ़ग़ानिस्तान में अगस्त 2021 में सत्ता पर तालेबान का क़ब्ज़ा होने के एक वर्ष बाद, देश में वरिष्ठ यूएन अधिकारी – RCO रमीज़ अलअकबरोव ने लड़कियों की ज़िन्दगियों के बारे में अपने डर बयान किये हैं, और अफ़ग़ान अर्थव्यवस्था में फिर से जान फूँकने में, महिलाओं की पूर्ण भूमिका निभाए जाने की पुकार लगाई है…
संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता पर क़ाबिज़ अधिकारियों (तालेबान) को बुनियादी मानवाधिकार सिद्धान्तों का पालन करने का आग्रह करने के लिये अपने प्रयास बहुत तेज़ी से बढ़ाने की दरकार है.
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने सोमवार को कहा है कि विश्व बैंक ने, अफ़ग़ानिस्तान में बेहद नाज़ुक हालात का सामना कर रही ग्रामीण आबादी को अति महत्वपूर्ण व जीवनरक्षक सहायता मुहैया कराने के लिये सोमवार को, 15 करोड़ डॉलर की असाधारण रक़म जारी करने की घोषणा की है, और ये राशि, अति महत्वपूर्ण आजीविका व जीवनरक्षक सहायता के लिये, व्यापक साढ़े 19 करोड़ डॉलर के पैकेज का हिस्सा है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाशेलेट ने अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान द्वारा देश के स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग को विघटित करने के फ़ैसले पर घोर निराशा व्यक्त की है.
संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने अफ़ग़ानिस्तान में बहुत ख़राब मानवीय स्थिति पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त करते हुए, सोमवार को अमेरिका से, देश की विदेशी सम्पदाओं पर लगे प्रतिबन्ध (Freeze) हटाने का आहवान किया है.
संयुक्त राष्ट्र ने अफ़ग़ानिस्तान में गुरूवार को बल्ख़, काबुल और कुन्दूज़ प्रान्तों में हुए तीन अलग-अलग हमलों की कठोर निन्दा की है, जिनमें कम से कम 30 लोगों की मौत हुई है और अनेक घायल हुए हैं. अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने आगाह किया है कि आम नागरिकों के विरुद्ध हमले एक चिन्ताजनक रुझान दिखाते हैं.