कोविड-19: विषमतापूर्ण पुनर्बहाली के बीच, वैश्विक निवेश के स्तर में सुधार

पिछले वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ़डीआई) में आई बड़ी गिरावट के बाद, वर्ष 2021 की पहली छमाही में निवेश में मज़बूत सुधार देखने को मिला है और छह महीनों में इसने 852 अरब डॉलर के स्तर को छुआ है. यह सुधार अनुमान से कहीं बेहतर बताया गया है.
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, विकासशील देशों में आर्थिक प्रगति और बुनियादी ढाँचे से जुड़ी परियोजनाओं के लिये निवेश का एक महत्वपूर्ण स्रोत है.
व्यापार एवँ विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) की नवीनतम Investment Trends Monitor रिपोर्ट को मंगलवार को जारी किया गया है.
Global #FDI flows in the first half of 2021 rebounded to $852 billion, recovering more than 70% of last year's #COVID19-induced crash. But the recovery has been highly uneven, a new @UNCTAD report warns. https://t.co/okC60teXxU pic.twitter.com/RCqY0wehfQ
UNCTAD
रिपोर्ट दर्शाती है कि वर्ष की पहली दो तिमाही में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफ़डीआई) में बढ़ोत्तरी हुई है, और पिछले साल कोविड-19 संकट के कारण हुए नुक़सान के 70 प्रतिशत की क्षतिपूर्ति हो गई है.
हालांकि यूएन एजेंसी में निवेश एवँ उद्यम मामलों के निदेशक जेम्स झान ने सचेत किया कि इस अच्छी ख़बर के पीछे विकसित और विकाशील अर्थव्यवस्थाओं में एफ़डीआई के प्रवाह में दर्ज किया जा रहा अन्तर छिप गया है.
उन्होंने आगाह किया कि अनिश्चितताएँ अब भी व्याप्त हैं.
स्वास्थ्य संकट की अवधि, टीकाकरण की दर, विशेष रूप से विकासशील देशों में, और बुनियादी ढाँचों के लिये आर्थिक स्फूर्ति पैकेज को लागू किये जाने की दर – ये सभी अनिश्चितता के हालात से बाहर निकलने के लिये अहम कारक हैं.
अन्य महत्वपूर्ण जोखिम कारकों में श्रम और आपूर्ति श्रृंखला में आने वाली दिक्कतें, ऊर्जा की बढ़ती क़ीमतें और मुद्रास्फीति सम्बन्धी दबाव हैं.
इन चुनौतियों के बावजूद, पहले के अनुमानों की तुलना में पूरे वर्ष के लिये वैश्विक हालात बेहतर होते नज़र आ रहे हैं.
अगले कुछ महीनों में आर्थिक वृद्धि में, साल के पहले छह महीनों की तुलना में नरमी देखे जाने की सम्भावना है, मगर एफ़डीआई की मात्रा के फिर भी महामारी के पूर्व के स्तर को पार करने का अनुमान है.
जनवरी और जून महीने के बीच, विकसित अर्थव्यवस्थाओं में एफ़डीआई में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी देखी गई, और निवेश को 424 अरब डॉलर आंका गया.
यह आँकड़ा, वर्ष 2020 में दर्ज किये गए असाधारण निचले स्तर के तीन गुना से अधिक है.
योरोप में अनेक बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बड़ी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है और निवेश का मौजूदा स्तर, महामारी के पूर्व के स्तर से औसतन पाँच फ़ीसदी ही कम देखा गया है.
अमेरिका में एफ़डीआई मात्रा में 90 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है, जिसकी वजह सीमा-पार विलय और अधिग्रहण में दर्ज की गई वृद्धि को बताया गया है.
विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में एफ़डीआई प्रवाह बढ़ा है और साल की पहली छमाही में इसे 427 अरब डॉलर आंका गया है.
पूर्व और दक्षिणपूर्व एशिया (25 प्रतिशत) में तेज़ी से हालात में सुधार आया है, मध्य और दक्षिण अमेरिका में पुनर्बहाली, अब महामारी-पूर्व स्तर के क़रीब पहुँच गई है.
अफ़्रीका और पश्चिमी व मध्य एशिया की क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं में भी परिस्थितियों में सुधार हो रहा है. पुनर्बहाली प्रक्रिया में हो रही कुल बढ़ोत्तरी में से, 75 प्रतिशत विकसित अर्थव्यवस्थाओं में देखी गई है.
बुनियादी ढाँचा सैक्टर में निवेशकों के विश्वास को मज़बूती मिल रही है, इसकी वजह दीर्घकालीन वित्त पोषण हालात, पुनर्बहाली के लिये आर्थिक स्फूर्ति पैकेज और विदेशी निवेश कार्यक्रम बताई गई है.
अन्तरराष्ट्रीय परियोजनाओं के वित्त पोषण समझौतों की संख्या में 32 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, और मुख्य रूप से ऐसा उच्च-आय वाले क्षेत्रों, एशिया और दक्षिण अमेरिका में हुआ है.
इसके विपरीत, यूएन एजेंसी के मुताबिक़, उद्योग और वैल्यू चेन सैक्टर में निवेशकों का भरोसा अभी पूरी तरह नहीं लौट पाया है.
सभी सैक्टरों में दर्ज की गई गिरावट के बाद, विकासशील देशों में टिकाऊ विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति के लिये हालात अभी नाज़ुक ही बताए गए हैं.