सुरक्षित, हरित व टिकाऊ पर्यटन के लिये रूपान्तरकारी बदलावों की पुकार
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को, ‘विश्व पर्यटन दिवस’ के अवसर पर जारी अपने सन्देश में कहा है कि वैश्विक महामारी की वजह से पर्यटन में आए भीषण व्यवधान के बाद, अब फिर से शुरुआत करने और हरित व टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने का समय है. उन्होंने कहा कि पर्यटन सैक्टर, अर्थव्यवस्था व समाज के हर पहलू को प्रभावित करता है और इसके ज़रिये ऐतिहासिक रूप से वंचित और पीछे छूट गए लोगों तक विकास का लाभ पहुँचाने में मदद मिल सकती है.
व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी से पर्यटन सैक्टर पर हुए असर से वैश्विक अर्थव्यवस्था को चार हज़ार अरब डॉलर का नुक़सान हो सकता है.
Tourism generates opportunities for all.After being profoundly impacted by #COVID19, this key sector has the potential to advance prosperity & drive inclusive, sustainable development. https://t.co/0bqeAEuFLa #WorldTourismDay pic.twitter.com/FF53XG1pGO
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महासचिव गुटेरेश ने बताया कि इस वर्ष के शुरुआती महीनों में, विश्व के कुछ हिस्सों में अन्तरराष्ट्रीय पर्यटकों की आवाजाही में 95 फ़ीसदी की भीषण गिरावट दर्ज की गई है.
उन्होंने आगाह किया कि वैश्विक महामारी के कारण, पर्यटन क्षेत्र अब भी विकट हालात से गुज़र रहा है.
“यह विकसित अर्थव्यवस्थाओं के लिये एक बड़ा झटका है, मगर विकासशील देशों के लिये, यह एक आपात स्थिति है.”
“जलवायु परिवर्तन भी अनेक पर्यटक स्थलों को गम्भीर रूप से प्रभावित कर रहा है, विशेष रूप से लघु द्वीपीय विकासशील देशों को.” इन देशों में पर्यटन, सभी आर्थिक गतिविधियों का लगभग 30 फ़ीसदी है.
समावेशी प्रगति के लिये पर्यटन
यूएन प्रमुख ने चिन्ता जताई कि लाखों-करोड़ों लोगों की आजीविका ख़तरे में हैं, और कि यह समय पुनर्विचार, हालात की दिशा बदलने और सुरक्षित ढंग से पर्यटन की फिर शुरुआत करने का है.
“सही सुरक्षा उपायों के प्रबन्ध के साथ, पर्यटन सैक्टर उपयुक्त व शिष्ट रोज़गार प्रदान कर सकता है, और सुदृढ़, टिकाऊ, लैंगिक रूप से समान, समावेशी अर्थव्यवस्थाओं व समाजों के निर्माण में मदद कर सकता है, जो कि सभी के लिये कार्य करें.”
संयुक्त राष्ट्र की विशेषीकृत एजेंसी – विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) ज़िम्मेदार और टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये प्रयासरत है.
यूएन एजेंसी के मुताबिक़, पर्यटन की अहमियत को टिकाऊ विकास लक्ष्यों में भी बल दिया गया है, विशेष रूप से एसडीजी 1 (निर्धनता-उन्मूलन), एसडीजी 5 (लैंगिक समानता), एसडीजी 8 (उपयुक्त व शिष्ट कामकाज और आर्थिक प्रगति) और एसडीजी 10 (विषमताओं में कमी).
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अपने सन्देश में लक्षित कार्रवाई और निवेश की पुकार लगाते हुए हरित व टिकाऊ पर्यटन की आवश्यकता को रेखांकित किया है.
उन्होंने कहा कि वायु व समुद्री परिवहन और अतिथि-सत्कार सहित, उच्च कार्बन उत्सर्जन वाले सैक्टरों से कार्बन तटस्थता की दिशा में बढ़ना.
टिकाऊ विकास में सहायक
यूएन प्रमुख ने कहा कि पर्यटन के ज़रिये भविष्य को आकार दिये जाने की प्रक्रिया में, सर्वजन आवाज़ें शामिल की जानी चाहिये.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि समावेशी निर्णय-निर्धारण प्रक्रिया के ज़रिये ही समावेशी, टिकाऊ प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है और टिकाऊ विकास लक्ष्यों के वादे, पूरे किये जा सकते हैं.
साथ ही, इससे पर्यटन क्षेत्र में रूपान्तरकारी बदलाव लाकर, उनसे उपजने वाली सम्भावनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी.
यूएन प्रमुख ने कहा कि पर्यटन सैक्टर, समृद्धि व एकीकरण का एक वाहन साबित हो सकता है, और इसके ज़रिये पृथ्वी व जैवविविधता की रक्षा करना भी सम्भव होगा.
उन्होंने बताया कि पर्यटन विभिन्न समुदायों व लोगों के बीच सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के वाहक के रूप में काम करता है.