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हेती: भूकम्प प्रभावित देश में, तीव्र बाढ़ और भूस्खलन की ताज़ा आशंका

हेती में, 14 अगस्त को आए, 7.2 की तीव्रता वाले भूकम्प ने, भारी तबाही मचाई है
IOM/Federica Cecchet
हेती में, 14 अगस्त को आए, 7.2 की तीव्रता वाले भूकम्प ने, भारी तबाही मचाई है

हेती: भूकम्प प्रभावित देश में, तीव्र बाढ़ और भूस्खलन की ताज़ा आशंका

मानवीय सहायता

हेती, एक तरफ़ तो सप्ताहान्त के दौरान आए भीषण भूकम्प से हुए जानमाल के भारी नुक़सान से उबरने के लिये संघर्ष कर रहा है, ऐसे में संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि सोमवार और मंगलवार को, ट्रॉपिकल दबाव लाले तूफ़ान से बहुत सारे लोगों के प्रभावित होने की आशंका है. इस तूफ़ान में बड़े पैमाने पर भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन होने की सम्भावना है.

सप्ताहान्त के दौरान आए भूकम्प में अभी तक लगभग 1300 लोगों के मारे जाने की ख़बरें हैं.

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संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी (IOM) ने घोषणा की है कि एजेंसी, भूकम्प के कारण विस्थापित हुए हज़ारों लोगों के लिये, सुरक्षित इमारतें व अन्य आश्रय स्थलों का प्रबन्ध करने पर ध्यान केन्द्रित किये हुए है.

इस भकम्प में लगभग 13 हज़ार 600 घर या तो पूरी तरह तबाह हो गए हैं या उन्हें व्यापक नुक़सान पहुँचा है.

शुरुआती ख़बरों में बताया गया है कि हताहतों के अलावा, 700 से ज़्यादा इमारतें ढह गई हैं जिनमें अस्पताल और स्कूल भी शामिल हैं. सड़कों को भी भारी नुक़सान पहुँचा है.

हेती में, अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन एजेंसी (IOM) मिशन की उप प्रमुख फ़ेडेरिका सेक्शेट का कहना है कि जानमाल के नुक़सान की संख्याओं में बढ़ोत्तरी होने की सम्भावना है.

“आने वाले सप्ताहों के दौरान, विस्थापित हुए हज़ारों लोगों के लिये, आपदा आश्रय स्थलों व मानवीय सहायता के उपयुक्त प्रबन्धन पर ध्यान रहेगा.”

भूकम्प के तीन दिन बाद भी, बहुत सी मानवीय सहायता टीमें, अनेक प्रभावित इलाक़ों तक नहीं पहुँच पाई हैं.

हेती में, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के मुखिया पियर हॉनोरैट ने रविवार को, एक ट्वीट सन्देश में कहा था कि लेस कायेस और जेरेमी के बीच सड़क मार्ग कट जाने के कारण, ज़रूरतमन्दों तक आपात खाद्य सामग्री पहुँचाना मुश्किल साबित हो रहा है. 

विशालकाय मानवीय ज़रूरतें

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ की मुखिया हैनरिएटा फ़ोर ने रविवार को कहा कि स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल, पुल और अन्य आवश्यक सुविधाओं व ढाँचों को नुक़सान पहुँचा है, कुछ मामलों में तो इतना बड़ा नुक़सान कि उसकी मरम्मत या भरपाई नहीं हो सकती. इन सुविधाओं व ढाँचों पर बच्चे व परिवार निर्भर होते हैं.

“प्रभावित इलाक़ों में मानवीय ज़रूरतों का दायरा बहुत विशाल है, आवश्यक सेवाएँ बाधित हुई हैं. बहुत से लोगों को स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छ पानी की सख़्त ज़रूरत है. विस्थापित हुए लोगों को तुरन्त आश्रय की आवश्यकता है. जो बच्चे अपने परिवारों से बिछड़ गए हैं, उन्हें हिफ़ाज़त मुहैया कराए जाने की ज़रूरत है.”

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यों के कार्यालय  (OCHA) के अनुसार, स्थानीय अस्पताल, पहले ही घायलों से भर गए हैं, विशेष रूप में लेस कायेस और जेरेमी में. रैडक्रॉस और अस्पताल भी सहायता उपलब्ध करा रहे हैं.