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हेती: यूएन प्रवासन एजेंसी ने जारी की, डेढ़ करोड़ डॉलर की मदद अपील

हेती के दक्षिणी इलाक़े में, भूकम्प से प्रभावित लोगों की मदद के लिये, कैम्प पेरिन में, खाद्य सामग्री वितरित किये जाते हुे.
© WFP/Marianela González
हेती के दक्षिणी इलाक़े में, भूकम्प से प्रभावित लोगों की मदद के लिये, कैम्प पेरिन में, खाद्य सामग्री वितरित किये जाते हुे.

हेती: यूएन प्रवासन एजेंसी ने जारी की, डेढ़ करोड़ डॉलर की मदद अपील

मानवीय सहायता

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने हेती में, एक सप्ताह पहले आए शक्तिशाली भूकम्प और उष्णदेशीय तूफ़ान से प्रभावित हुए एक लाख 37 हज़ार परिवारों की मदद करने के लिये, डेढ़ करोड़ डॉलर की रक़म जुटाने की अपील जारी की है.

आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, हेती के दक्षिणी हिस्से में आए उस भूकम्प के कारण, 2 हज़ार 207 लोगों की मौत हुई है और 12 हज़ार से ज़्यादा घायल हुए हैं. सम्पत्ति को भी भारी नुक़सान हुआ है. 

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लगभग 53 हज़ार इमारतें ढह गईं, जबकि अन्य लगभग 77 हज़ार इमारतों को भारी क्षति पहुँची है.

यूएन प्रवासन एजेंसी के अनुसार, सोमवार को जारी की गई दान अपील के ज़रिये हासिल होने वाली रक़म, प्रभावित लोगों को मकान, अस्थाई आश्रय, मानसिक स्वास्थ्य सहायता मुहैया कराने के साथ-साथ, कोविड-19 की रोकथाम के लिये, हेती सरकार की मदद करने पर ख़र्च की जाएगी.

हेती में अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन एजेंसी (IOM) के मिशन की उप प्रमुख फ़ेडरीका सेश्सेट ने कहा, “प्रभावित लोगों को उनके घरों को वापिस लौटने और उन्हें दैनिक जीवन के लिये ज़रूरी चीज़ें मुहैया कराने में मदद करने के लिये, पहले ही महीने के दौरान, कम से कम एक करोड़ 50 लाख डॉलर की रक़म की ज़रूरत है.”

आकलन और सहायता

हेती के दक्षिणी हिस्से में, शनिवार, 14 अगस्त को, 7.2 तीव्रता वाले तूफ़ान ने एक ऐसे देश में ताज़ा संकट खड़ा कर दिया है, जहाँ की लगभग आधी आबादी यानि क़रीब 44 लाख लोगों के, भरपेट भोजन की व्यवस्था करने के लिये साधन मौजूद नहीं थे. 

भूकम्प के कुछ ही दिन बाद एक उष्णदेशीय तूफ़ान ने भी विनाशकारी दस्तक दी, जिसके दौरान भारी बारिश, त्वरित बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएँ हुईं.

यूएन प्रवासन एजेंसी ने भूकम्प के 48 घण्टों के भीतर ही, देश के, सर्वाधिक प्रभावित इलाक़ों में, प्रभावित लोगों की मदद करने के लिये, आधार शिविर स्थापित कर दिये थे. एजेंसी ने अब जेरेमी, लेस कायेस और मिरागोएन शहर में भी अतिरिक्त शिविर बनाए हैं.

एजेंसी, प्रभावित क्षेत्रों में, नुक़सान का आकलन करने के लिये उपग्रह टैक्नॉलॉजी का सहारा ले रही है.

एजेंसी ने, हज़ारों प्लास्टिक चादरें, स्वच्छता किटें, कम्बल व अन्य चीज़ें वितरित करने के साथ-साथ, किचन भी स्थापित किये हैं ताकि, जीवन जीने की न्यूनतम ज़रूरतें पूरी करने में, प्रभावित परिवारों की मदद की जा सके.

इंजानियरों का एक दल, प्रभावित इलाक़ों में, ढाँचागत नुक़सान का आकलन करने में, स्थानीय अधिकारियों की मदद कर रहा है.

मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता

इस बीच, प्रवासन एजेंसी की एक टीम, प्रभावित आबादियों की ज़रूरतें और उनके पते ठिकाने की जानकारी रखने के साथ-साथ, उनके रहने के स्थानों की परिस्थितियों का भी जायज़ा ले रही है, ताकि सहायता कार्यों का आकलन करके उनके लिये प्राथमिकता का स्तर तय किये जा सके.

प्रवासन एजेंसी, परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल और मनोवैज्ञानिक सहायता भी मुहैया कराना चाहती है जिसमें, ख़ास ज़ोर महिलाओं और लड़कियों पर होगा. 

यौन शोषण और दुर्व्यवहार से सुरक्षा करने के तरीक़ों में प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक, लोगों के लिये, उनके रहने के स्थानों पर ही उपलब्ध होंगे. जिन लोगों को सीधे तौर पर ये सहायता उपलब्ध नहीं हो सकेगी, उनकी मदद करने के लिये, निशुल्क फ़ोन सेवा स्थापित की जा रही है.

चूँकि असुरक्षा के हालात ने, कुछ प्रभावित समुदायों तक सहायता सामग्री की आपूर्ति बाधित की है, एजेंसी ने, स्थानीय संसाधनों की मदद से ही, ज़रूरमन्द लोगों लोगों तक सहायता पहुँचाने की योजना बनाई है.

संयुक्त राष्ट्र की उप प्रमुख आमिना जे मोहम्मद ने, गत शुक्रवार को, हेती का दो दिन का दौरा किया, जहाँ वो लोगों की सहनक्षता और हौसला देखकर, दंग रह गईं. 

उप महासचिव ने, हेती के लिये, संकट की इस घड़ी में, यह कहते हुए, संयुक्त राष्ट्र का समर्थन भी दोहराया, “हम हेती के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं, और राष्ट्रीय सरकार व यूए एजेंसियाँ, इस कठिन दौर में जो असाधारण काम कर रही हैं, उसे देखकर दंग और अति प्रसन्न हैं.”