रंगहीनता वाले लोगों के साथ भेदभाव का अन्त हो – यूएन प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने रविवार, 13 जून, को ‘अन्तरराष्ट्रीय ऐल्बीनिज़्म जागरूकता दिवस' पर, ऐल्बीनिज़्म यानि रंगहीनता की स्थिति वाले लोगों के साथ अपनी एकजुटता दोहराई है. उन्होंने कहा कि यह अन्तरराष्ट्रीय दिवस, अपने जीवन में बहुत से अवरोधों और चुनौतियों का सामना कर रहे, रंगहीनता वाले लोगों के लिये समर्थन जुटाने का एक अवसर है.
रंगहीनता एक दुर्लभ, ग़ैरसंक्रामक और आनुवांशिक रूप से जन्म के समय से ही मौजूद रहने वाली स्थिति है जो दुनिया के हर देश में पाई जाती है.
On International #AlbinismDay, I reiterate my solidarity with people with albinism.We must demystify the condition and end misconceptions, discrimination and violence. I urge all nations & communities to fulfill the human rights of all people with albinism. pic.twitter.com/izHRmj75KL
antonioguterres
रंगहीनता की वजह से बालों, त्वचा और आंखों में रंजकता यानि पिंगमेंटेशन (मेलेनिन) की कमी हो जाती है जिससे सूरज और तेज़ रोशनी में मुश्किल का सामना करना पड़ता है.
यही वजह है कि रंगहीनता की स्थिति वाले अधिकांश लोग मंददृष्टि की समस्या से पीड़ित होते हैं और उन्हें त्वचा का कैंसर होने का ख़तरा भी ज़्यादा होता है.
इस वर्ष की थीम है - ‘विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत रखना.’
यूएन प्रमुख ने कहा कि यह थीम, व्याप्त भ्रान्तियों, भेदभाव और हिंसा जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे, रंगहीनता की स्थिति वाले लोगों की सहनक्षमता, दृढ़ता और उपलब्धियों को दर्शाती है.
उन्होंने कहा कि कल्याण और सुरक्षा की बाधाओं के बावजूद, रंगहीन व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों के नेता सबसे कमज़ोर तबके के लोगों की मदद के लिये कड़ी मेहनत कर रहे हैं."
"मैं इस बात से उत्साहित हूँ कि रंगहीनता की स्थिति वाले लोग, दुनिया भर में निर्णयात्मक भूमिकाओं में आगे आ रहे हैं, जिससे सार्थक प्रतिबद्धताएँ हासिल हो रही हैं, जैसे कि अफ्रीका में रंगहीनता पर बनी कार्ययोजना."
"और मैं रंगहीनता की स्थिति वाले व्यक्तियों के अधिकारों को बढ़ावा देने में, एल्बीनिज़म पर संयुक्त राष्ट्र के स्वतन्त्र विशेषज्ञ के कार्य की सराहना करता हूँ.
महासचिव ने आगाह किया कि इसके बावजूद अभी बहुत कुछ किया जाना बाक़ी है और मौजूदा स्थिति को पूरी तरह स्पष्टता से समझने और भेदभाव का अन्त करने की बहुत ज़रूरत है.
यूएन प्रमुख ने, इस अवसर पर सभी राष्ट्रों और समुदायों से रंगहीनता की स्थिति वाले व्यक्तियों के मानवाधिकारों की रक्षा करने और उन्हें आवश्यक सहायता व देखभाल प्रदान करने का आग्रह किया है.