कोविड-19: वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने व न्यायसंगत वितरण के लिये तत्काल प्रयास ज़रूरी
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सचेत किया है कि दुनिया, कोविड-19 वैक्सीन की न्यायसंगत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लक्ष्य से बहुत दूर है. उन्होंने शुक्रवार को इन जीवनरक्षक उपायों की न्यायोचित सुलभता के विषय पर आयोजित एक ऑनलाइन चर्चा के दौरान ज़ोर देकर कहा कि इस त्रासदी से हर हाल में बचा जाना होगा.
महासचिव ने Global Solutions Summit 2021 को सम्बोधित करते हुए कहा कि वायरस को हराने के लिये वैक्सीन की ख़ुराकों का दोगुना उत्पादन करना होगा, और फिर देशों में न्यायोचित वितरण करना होगा.
"हमने वैक्सीन राष्ट्रवाद देखा है, वैक्सीनों की जमाखोरी देखी है, बहुत से देश अपनी आबादी की तीन से चार गुना वैक्सीन ख़ुरीद रहे हैं."
उन्होंने आगाह किया कि दूसरी तरफ़ वे देश हैं जहाँ वैक्सीनों की आपूर्ति करने में दिक़्कतें पेश आ रही हैं.
"ये एक ऐसी त्रासदी है जिससे हमें हर क़ीमत पर बचने की ज़रूरत है."
इससे पहले, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने वैक्सीन वितरण में विषमता पर गहरी चिन्ता ज़ाहिर की थी.
अब तक, वैक्सीन की कुल ख़ुराकों में से 75 फ़ीसदी महज़ 10 देशों को प्राप्त हुई हैं, जबकि निम्न आय वाले देशों को 0.3 फ़ीसदी ही मिल पाई हैं.
महासचिव गुटेरेश के मुताबिक वैक्सीन वितरण में विषमता, एक ऐसे वायरस से मुक़ाबले में और जोखिमपूर्ण हो जाती है, जो निरन्तर अपना रूप व प्रकार बदलकर फैल रहा हो.
महासचिव ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि या तो टीकाकरण को तेज़ रफ़्तार और न्यायसंगत ढँग से करना होगा, ताकि वायरस में ऐसे ख़तरनाक बदलाव की रोकथाम की जा सके, जिस पर वैक्सीन भी बेअसर हों.
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो ग्लोबल साउथ के देशों में वायरस के बदले हुए रूप से, ग्लोबल नॉर्थ के देशों में टीकाकरण मुहिम अपर्याप्त साबित हो जाएगी.
हाल ही में जी20 समूह की बैठक में, वैक्सीन विनिर्माताओं ने निर्धन देशों को एक अरब ख़ुराकें वितरित करने का संकल्प लिया है. यूएन महासचिव ने इसका स्वागत किया, मगर इसे नाकाफ़ी क़रार दिया है.
उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि न्यायसंगत वैक्सीन वितरण के लिये यूएन के नेतृत्व वाली पहल, कोवैक्स को वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने होंगे ताकि आपूर्ति को बेहतर बनाया जा सके.
बताया गया है कि अग्रणी वैक्सीन उत्पादक, भारत के सीरम संस्थान को आपूर्ति में कटौती करनी पड़ी है, चूँकि देश में बड़ी तेज़ी से संक्रमण के मामले बढ़े हैं.
अन्य कम्पनियों से भी आपूर्ति में अपेक्षा से ज़्यादा देरी हो रही है.
उन्होंने कहा कि अनेक शक्तिशाली देश, अपने मित्र देशों, को वैक्सीन दे रहे हैं. भूराजनैतिक प्रतिस्पर्धा के बजाय, अतिरिक्त वैक्सीन की ख़ुराकों की कोवैक्स के ज़रिये आपूर्ति किये जाने का आग्रह किया गया है.
महासचिव ने जी20 टास्क फ़ोर्स के प्रस्ताव को दोहराया जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन, वित्तीय संस्थाओं और अन्य साझीदार संगठनों के साथ उन सभी देशों को शामिल करने की बात कही गई है जिनमें वैश्विक आपूर्ति और वैक्सीन उत्पादन की क्षमता है.