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कोविड-19: योरोप में संक्रमितों से ज़्यादा हुई टीका लगवाने वालों की संख्या

ब्रिटेन की राजधानी लन्दन में, एक 33 वर्षीय व्यक्ति, अपनी चिकित्सा स्थिति की पृष्ठभूमि में, कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगवाते हुए.
© WHO/Blink Media - Chiara Luxardo
ब्रिटेन की राजधानी लन्दन में, एक 33 वर्षीय व्यक्ति, अपनी चिकित्सा स्थिति की पृष्ठभूमि में, कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगवाते हुए.

कोविड-19: योरोप में संक्रमितों से ज़्यादा हुई टीका लगवाने वालों की संख्या

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में योरोपीय क्षेत्र के लिये निदेशक डॉक्टर हैन्स क्लूगे ने बताया है कि योरोपीय देशों में कोविड-19 की वैक्सीन की ख़ुराक पाने वाले लोगों की संख्या, कोरोनावायरस से संक्रमित हुए लोगों से ज़्यादा हो गई है. उन्होंने आगाह किया है कि नए संक्रमण मामलों और मृतक संख्या में गिरावट दर्ज किये जाने के बावजूद, वायरस मौजूद है और उसके विनाशकारी असर को टालने के लिये, टीकाकरण के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का पालन किया जाना अहम है.

क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर हैन्स क्लूगे ने भारत में कोविड—19 संक्रमण के भयावह हालात पर प्रभावित लोगों व उनके परिजनों के प्रति सम्वेदना जताई है.

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उन्होंने योरोपीय क्षेत्र के सभी देशों से भारत की सहायता के लिये हरसम्भव प्रयास किये जाने की पुकार लगाई है.

यूएन स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने गुरूवार को बताया कि योरोपीय क्षेत्र में कोरोनावायरस संक्रमण का पहला मामला 462 दिन पहले सामने आया था.

पुष्ट मामलों के आधार पर, पूर्ण योरोपीय आबादी का साढ़े पाँच प्रतिशत हिस्सा कोविड-19 से संक्रमित हुआ है, जबकि टीकाकरण मुहिम के दौरान कुल आबादी के 7 फ़ीसदी हिस्से को वैक्सीन की ख़ुराकें दी जा चुकी है.  

डॉक्टर क्लूगे ने कहा कि संक्रमण के नए मामलों में गिरावट के साथ-साथ, संक्रमितों के अस्पतालों में भर्ती होने और मृतक संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है.

इसके बावजूद, वायरस मौजूद है और उसके विनाशकारी असर की आशंका अब भी बरक़रार है.

योरोपीय क्षेत्र में पिछले 24 घण्टों में एक लाख 81 हज़ार मामलों की पुष्टि हुई है जबकि साढ़े तीन हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.

“सच बात ये है कि इस क्षेत्र में, जनवरी 2020 से कोविड-19 संक्रमण के सभी पुष्ट मामलों में, लगभग पचास फ़ीसदी इस वर्ष के पहले चार महीनों में दर्ज किये गए.”

“दो महीने में यह पहली बार है, जब नए मामलों में पिछले सप्ताह तेज़ी से गिरावट आई. फिर भी, पूरे क्षेत्र में संक्रमण की दर अब भी बहुत अधिक है.”

सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय ज़रूरी

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक़, अधिकांश देशों में, व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपाय महामारी पर जवाबी कार्रवाई को, मुख्य रूप से निर्धारित कर रहे हैं.  

“राष्ट्रीय सरकारें इस क्षेत्र में धीमे, मगर निश्चित रूप से गम्भीर बीमारी व मौत के जोखिम का सामना कर रहे लोगों का टीकाकरण करके, रक्षा कर रही हैं.”

“अब तक 21 करोड़ 50 लाख ख़ुराकें दी जा चुकी हैं. क्षेत्र की लगभग 16 फ़ीसदी आबादी को वैक्सीन की पहली ख़ुराक मिल चुकी है. क्षेत्र के 28 देशों में 81 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों को पहली ख़ुराक मिल गई है.”

उन्होंने बताया कि जहाँ उच्च-जोखिम वाले समूह में टीकाकरण की दर सबसे अधिक है, वहाँ अस्पतालों में मरीज़ों के भर्ती होने की संख्या और मृत्यु दर घट रही है.

“वैक्सीन ज़िन्दगियाँ बचा रही हैं और वे इस महामारी के हालात को बदल देंगी और और अन्तत: महामारी का अन्त करने में मदद करेंगी.”

हालाँकि आगाह किया गया है कि टीकाकरण मुहिम के साथ-साथ, वायरस के नए प्रकारों की शिनाख़्त करने के लिये निगरानी जारी रखनी होगी.

साथ ही, 'कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग' पर ध्यान देना होगा, जिसके अभाव में सरकारों को फिर से पाबन्दी उपाय लागू करने पड़ सकते हैं.  

वैश्विक महामारी के सन्दर्भ में, वैक्सीनों और मज़बूत सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के मिश्रण को अपनाए जाने से, सामान्य हालात की ओर लौटने का मार्ग स्पष्ट हो सकता है.