साइप्रस गतिरोध सुलझाने के लिये नई पहल, यूएन प्रमुख को यथार्थवादी अपेक्षाएँ

साइप्रस के भीतर दशकों पुराने तनाव का हल निकालने के इरादे से, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में एक ताज़ा कोशिश, मंगलवार को जिनीवा में शुरू हुई है. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता ने कहा है कि यूएन प्रमुख इस प्रयास में ठोस प्रगति के लिये वास्तविकता पर आधारित अपेक्षाएँ रखे हुए हैं.
यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने मंगलवार को जिनीवा स्थित यूएन कार्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यूएन महासचिव ने अवर महासचिव जेन हॉल ल्यूट की तरफ़ से, पिछले कई महीनों के विचार-विमर्श के बाद, ये बैठक आयोजित करने का फ़ैसला किया है.
"@antonioguterres decided to call this informal meeting following the consultations over the past several months. The purpose will be to determine whether common ground exists to negotiate a lasting solution to the #Cyprus issue within a foreseeable horizon," - @UN_Spokesperson pic.twitter.com/Zw4k7qRluB
UNGeneva
ध्यान रहे कि जेन हॉल ल्यूट, वरिष्ठ यूएन राजनयिक और अमेरिका की पूर्व वरिष्ठ अधिकारी हैं जो साइप्रस में सुलह-सफ़ाई के लिये प्रयासरत हैं.
यूएन प्रवक्ता ने कहा, “जैसाकि हमने बारम्बार कहा है, इस बैठक का मक़सद यह उभरने के बाद निर्धारित होगा कि क्या सम्बन्धित पक्षों के बीच साइप्रस मुद्दे का टिकाऊ हल निकालने की ख़ातिर, सम्वाद और वार्ता के लिये कोई आपसी समझ वाला माहौल मौजूद है या नही.”
इस बैठक से लगभग चार वर्ष पहले, भूमध्यसागर के इस विभाजित द्वीप के भविष्य के बारे में, ग्रीक-साइप्रस प्रतिनिधियों और तुर्क-साइप्रस प्रतिनिधियों के बीच, स्विटज़रलैण्ड में मुलाक़ात हुई थी.
उस सम्मेलन में, लगभग एक सप्ताह तक चले विचार-विमर्श के बाद 6 प्रमुख मुद्दों पर गतिरोध पैदा हो गया था जिनमें सुरक्षा और गारण्टियाँ, नई क्षेत्रीय सीमाएँ, और सत्ता-बँटवारा शामिल थे.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, मंगलवार दोपहर बाद शुरू होकर तीन दिन तक चलने वाली अनौपचारिक बैठकों की निगरानी करने वाले हैं.
उनकी पहली द्विपक्षीय मुलाक़ात तुर्क-साइप्रस के नेता अरसिन तातार के साथ, और उसके पश्चात ग्रीक-साइप्रस के राष्ट्रपति निकॉस ऐनस्तेसियादेस के साथ मुलाक़ात होनी है.
निकॉस ऐनस्तेसियादेस पहले भी, इस द्वीप के भविष्य के बारे में, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली वार्ताओं में शिरकत कर चुके हैं, तुर्क नेता अरसिन तातार, पहली बार इस तरह की वार्ता में प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व कर रहे हैं. वो अक्टूबर 2020 में, तुर्क-साइप्रस के राष्ट्रपति बने थे.
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा, “महासचिव यथार्थवादी रुख़ अपनाए हुए हैं. ये एक ऐसा मुद्दा है जिसके बारे में उन्हें अच्छी तरह जानकारी है, और वो अब से पहले भी विचार-विमर्श में शिरकत कर चुके हैं.”
जिनीवा में होने वाले इस विचार-विमर्श में ग्रीस, तुर्की और ब्रिटेन के प्रतिनिधिमण्डल शिकरत कर रहे हैं. ये सभी पक्ष साइप्रस के सत्ता से जुड़े रहे हैं और 1960 में इस द्वीप की स्वतन्त्रता के लिये राज़ी हुए थे. ये पक्ष, साइप्रस के भविष्य के बारे में पहले भी वार्ताओं में शिरकत करते रहे हैं.
ये बैठक शुरू होने से पहले, बीते सप्ताहान्त योरोप की अन्तिम विभाजित राजधानी निकोसिया में, ग्रीक-साइप्रस के लोगों व तुर्क-साइप्रस के लोगों ने शान्ति के लिये मार्च निकाला था. निकोसिया ऐसी राजधानी है जो पिछले लगभग चार दशकों से विभाजित रही है.
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा, “महासचिव, इन अनौपचारिक वार्ताओं के नतीजों के आधार पर, आगे बढ़ेंगे. जैसाकि हम पहले भी अनेक अवसरों पर कह चुके हैं कि पक्षों को, रचनात्मक रुख़ दिखाना होगा, और महासचिव उन पक्षों को आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित करेंगे, कूटनीतिक भाषा का इस्तेमाल करते हुए, बेबाक अन्दाज़ में भी.”
“एक बार फिर, ये ज़ोर देकर कहना अहम है कि ये अनौपचारिक वार्ताएँ हैं.”
द्वीपीय देश साइप्रस में सुरक्षा बनाए रखना, लम्बे समय से, संयुक्त राष्ट्र का शान्तिरक्षा मिशन रहा है: जिसका नाम है साइप्रस में संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा बल (UNFICYP).
ये शान्तिरक्षा मिशन 1964 में गठित किया गया था जिसका मक़सद ग्रीक-साइप्रस और तुर्क-साइप्रस समुदायों के बीच, आगे किसी तरह की लड़ाई को रोकना और सामान्य हालात बहाल करना था.
इस शान्तिरक्षा मिशन के मौजूदा कमाण्डर, नॉर्वे के मेजर जनरल इनग्रिड गियर्डे हैं.
इस मिशन की ज़िम्मेदारियों का दायरा 1974 में बढ़ाया गया. उससे पहले ग्रीस के साथ एकीकरण की हिमायत करने वाले तत्वों ने सत्ता पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश की थी. तत्पश्चात, तुर्की ने सैन्य हस्तक्षेप किया और द्वीप के उत्तरी हिस्से पर क़ब्ज़ा कर लिया था.
अगस्त 1974 में युद्धविराम लागू होने के बाद से, यूएन शान्तिरक्षा मिशन ने युद्धविराम रेखाओं की निगरानी की है, मानवीय सहायता मुहैया कराई है, और तुर्क-साइप्रस और ग्रीस-साइप्रस के बीच ‘बफ़र ज़ोन’ बनाए रखा है.
तुर्क-साइप्रस की सेनाएँ उत्तरी हिस्से में और ग्रीक साइप्रस की सेनाएँ दक्षिणी हिस्से पर क़ाबिज़ हैं.
साइप्रस में यूएन शान्तिरक्षा मिशन की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, युद्धविराम रेखा, पूरे द्वीप में, लगभग 180 किलोमीटर तक फैली है.
एक औपचारिक युद्धविराम समझौते के अभाव में, यूएन शान्तिरक्षा मिशन के तक़रीबन 800 सैन्य कर्मचारी और 60 से ज़्यादा पुलिस अधिकारी - हर वर्ष सैकड़ों घटनाओं से निबटते हैं.