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नगरों से जलवायु कार्रवाई और टिकाऊ विकास के तरीक़े अपनाने का आग्रह

टिकाऊ शहर, जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ युद्ध में मदद कर रहे हैं.
Unsplash/Chuttersnap
टिकाऊ शहर, जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ युद्ध में मदद कर रहे हैं.

नगरों से जलवायु कार्रवाई और टिकाऊ विकास के तरीक़े अपनाने का आग्रह

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने नगरीय नियोजन व नगरीय परिवहन में क्रान्तिकारी बदलाव लाए जाने का आहवान किया ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करके, सर्वजन के लिये हरित व टिकाऊ भविष्य बनाया जा सके.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को,' सी40 मेयर जलवायु गठबन्धन' को सम्बोधित करते हुए ध्यान दिलाया कि नगर और शहरी केन्द्र, जलवायु संकट के अग्रिम मोर्चे पर हैं और वैश्विक स्तर पर ग्रीनहाउस गैसों के लगभग 70 प्रतिशत उत्सर्जन के लिये ज़िम्मेदार हैं. साथ ही, समुद्री जल स्तर व घातक तूफ़ानों के बढ़ते जोखिम का सामना भी कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्र, ज़्यादा प्रभावकारी रणनीतियों व नीतियों के ज़रिये, जलवायु  कार्रवाई, स्वच्छ ऊर्जा और टिकाऊ विकास को बढ़ावा दे सकते हैं, विशेष रूप में, कोरोनावायरस महामारी के प्रभावों से उबरने के प्रयासो में.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “महामारी से उबरने के प्रयासों में संसाधन निवेश करना, एक ऐसा पूरा पीढ़ीगत अवसर है जिसमें, जलवायु कार्रवाई, स्वच्छ ऊर्जा और टिकाऊ विकास को, शहरी क्षेत्रों की रणनीतियों और नीतियों में केन्द्रीय स्थान दिया जा सकता है.“

“हम शहरी क्षेत्रों में, ऊर्जा उत्पादन, परिवहन और इमारतों के निर्माण को कैसे डिज़ायन करते हैं – यहाँ तक कि स्वयं नगरों के निर्माण का डिज़ायन कैसे किया जाता है – ये कारक, पेरिस जलवायु सम्मेलन और टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की रफ़्तार को फिर से पटरी पर लाने में निर्णायक साबित होंगे.”

तीन मोर्चों पर कार्रवाई

यूएन प्रमुख ने तीन प्रमुख क्षेत्रों में कार्रवाई किये जाने का आहवान करते हुए, मोयरों से राष्ट्रीय नेतृत्वकारी हस्तियों के साथ मिलकर, महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित होने वाले योगदान लक्ष्य (NDCs) विकसित करने के लिये काम करने का भी आग्रह किया.

और ये काम, नवम्बर में ग्लासगो में होने वाले कॉप26 से पहले किये जाने का आग्रह किया. 

उन्होंने कहा, “उन्हें आपकी बात सुननी होगी कि एक न्यायसंगत परिवर्तन के लिये नीति निर्माण व क्रियान्वयन के साथ-साथ जलवायु कार्रवाई मिलकर कामकाज के सम्मानजनक अवसर और रहन-सहन के बेहतर मानक लाएगा. और ऐसे प्रयासों को, देश के निवासियों का समर्थन हासिल हो.”

एंतोनियो गुटेरेश ने स्थानीय नेतृत्वकर्ताओं का भी आहवान किया कि वो अपने नगरों को वर्ष 2050 तक, नैट शून्य कार्बन स्थिति हासिल करने की ख़ातिर, अगले दशक के लिये, महत्वकांक्षी योजनाएँ बनाएँ.

उन्होंने ये भी आग्रह किया कि कोरोनावायरस महामारी से उबरने के प्रयासों को, स्वच्छ व हरित बुनियादी ढाँचे और परिवहन व्यवस्थाओं में संसाधन निवेश के लिये इस्तेमाल करें.

कोयला प्रयोग रोकें

यूएन महासचिव ने कोयला इस्तेमाल बन्द करने को, एक ऐसे एकल व अति महत्वपूर्ण क़दम के रूप में रेखांकित किया जो दुनिया, तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सिलयस तक सीमित रखने के लिये, उठा सकती है.

उन्होंने कहा, “ कोयला प्रयोग बन्द किये जाने से सबसे ज़्यादा फ़ायदा नगरों व शहरों को ही होगा: स्वच्छ वायु, हरित खुले स्थान, ज़्यादा स्वस्थ लोग.”

उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक, शहरों में कम से कम 80 प्रतिशत ऊर्जा उत्पादन, स्वच्छ व नवीन स्रोतों से होना चाहिये.

एंतोनियो गुटेरेश ने ये भी कहा कि नगरीय परिवहन व्यवस्थाओं और नगरीय नियोजन में नवाचार अपनाने से, कार्बन उत्सर्जन में और भी ज़्यादा कटौती करने और लोगों का जीवन स्तर बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.