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कोविड-19 काल में व्यवधान – शिक्षा की नए सिरे से परिकल्पना का अवसर

कम्बोडिया के नोम पेन्ह में स्कूल फिर खुलने के बाद फ़ेस मास्क और शारीरिक दूरी बर्ताव जैसे ऐहतियाती उपायों का पालन किया जा रहा है.
© UNICEF/Seng
कम्बोडिया के नोम पेन्ह में स्कूल फिर खुलने के बाद फ़ेस मास्क और शारीरिक दूरी बर्ताव जैसे ऐहतियाती उपायों का पालन किया जा रहा है.

कोविड-19 काल में व्यवधान – शिक्षा की नए सिरे से परिकल्पना का अवसर

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने रविवार, 24 जनवरी, को अन्तरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर वैश्विक महामारी की पृष्ठभूमि  में छात्रों, शिक्षकों और परिवारों की सहनक्षमता को श्रृद्धांजलि अर्पित की है. ग़ौरतलब है कि महामारी की रोकथाम के ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र विश्व भर में स्कूलों, शैक्षणिक संस्थाओं और विश्वविद्यालों को बन्द कर दिया गया जिससे करोड़ों ज़िन्दगियाँ प्रभावित हुई हैं.  

यूएन महासचिव ने अपने सन्देश में आगाह किया कि शिक्षा में व्यवधान आने की क़ीमत हर किसी को चुकानी पड़ती है. 

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अवसरों के विस्तार, अर्थव्यवस्थाओं के रूपान्तरण, असहिष्णुता से लड़ाई, पृथ्वी की रक्षा और टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में शिक्षा एक अहम बुनियाद है. 

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कोविड-19 की वजह से आये व्यवधान से नवाचारों के प्रति समझ विकसित करने पर असर पड़ा है और निर्बल जनसमूहों के उज्ज्वल भविष्य की सम्भावनों को ठोस पहुँची है. 

यूएन प्रमुख ने इन चुनौतियों के मद्देनज़र स्पष्ट किया कि शिक्षा एक बुनियादी अधिकार और वैश्विक कल्याण का औज़ार है और महामारी के कारण पीढ़ीगत विनाश से बचाने के लिये हर हाल में इसकी रक्षा की जानी होगी.

महामारी से पहले भी 25 करोड़ बच्चे और किशोर स्कूलों से बाहर थे, जिनमें अधिकाँश लड़कियाँ थी. निम्न और मध्य आय वाले देशों में दस वर्ष के आधे से ज़्यादा बच्चे सामान्य लेख को पढ़ने में अक्षम थे.

“2021 में हमें इन हालात की काया पलट कर देने के अवसरों को क़ाबू में करना होगा.”

“हमें शिक्षा के लिये वैश्विक साझीदारी कोष हेतु पूर्ण समर्थन को सुनिश्चित करना होगा और वैश्विक शिक्षा सहयोग को मज़बूत बनाना होगा.”

उन्होंने कहा कि शिक्षा की नये सिरे से परिकल्पना करते हुए शिक्षकों को प्रशिक्षण देना होगा, डिजिटल खाई को पाटना होगा और तेज़ी से बदलती दुनिया में छात्रों में कौशल विकसित करने के लिये पाठ्यक्रम में ज़रूरी बदलाव करने होंगे.

शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों की सराहना

यूएन महासभा के 75वें सत्र के लिये अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर ने इस अवसर पर उन सभी शिक्षकों की सराहना की है, जिन्होंने दूरस्थ (रिमोट) कक्षाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिये उसके अनुरूप बदलाव किए. 

साथ ही उन्होंने अभिभावकों की भी प्रशंसा की है जिन्होंने घर में पढ़ाई-लिखाई को सम्भव बनाने के लिये हरसम्भव प्रयास किये हैं. 

यूएन महासभा प्रमुख ने दुनिया भर के छात्रों का भी आभार जताया है जोकि घर पर पढ़ाई-लिखाई करने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, अपने मित्रों से दूर हैं और भविष्य के प्रति आशंकाओं से चिन्तित भी. 

अपने वीडियो सन्देश में उन्होंने सदस्य देशों का आहवान किया है कि कार्रवाई के दशक के तहत शिक्षा प्रणालियों में निवेश की आवश्यकता है और टैक्नॉलॉजी सुलभता को भी बेहतर बनाया जाना होगा. 

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवँ सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) सोमवार, 25 जनवरी, को एक समारोह का आयोजना कर रहा है.

यूएन एजेंसी के मुताबिक नए साल की शुरुआत पर यह समय रचनात्मक सहयोग व वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देने का है ताकि जीवन-पर्यन्त सीख को पुनर्बहाली के केन्द्र में रखा जा सके.

इससे समावेशी, सुरक्षित और टिकाऊ समाजों की दिशा में रूपान्तरकारी बदलावों को लाना सम्भव हो सकेगा.