अमेरिका: कैपिटल इमारत पर हमला ‘स्तब्धकारी’, चुनाव नतीजा पलटने का ‘भड़काऊ प्रयास’

संयुक्त राष्ट्र के स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में स्थित कैपिटल इमारत में 6 जनवरी 2021 को, प्रदर्शनकारियों द्वारा धावा बोले जाने और उस दौरान हई हिंसा की निन्दा की है. यूएन विशेषज्ञों के एक समूह ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि यह घटना एक निष्पक्ष व स्वतन्त्र चुनाव के नतीजे को पलटने का भड़काऊ प्रयास थी.
विशेष रैपोर्टेयरों और वर्किंग समूह के 23 सदस्यों ने इस बयान पर हस्ताक्षर किये हैं.
मानवाधिकार विशेषज्ञों ने इस वक्तव्य में अमेरिकी जनता के साथ मज़बूती से अपनी “एकजुटता का प्रदर्शन किया है, जोकि इस क्षण में लोकतन्त्र, समानता और विधि के शासन के समर्थन में है.”
🇺🇸 #UnitedStates: UN experts strongly affirm and express solidarity with the American people who stand for democracy, equality and the rule of law at this critical moment after #USCapitol violence.Read 👉 https://t.co/u04q8Z8SXe pic.twitter.com/ASOfsBLIUh
UN_SPExperts
विशेषज्ञों के समूह ने वर्ष 2020 में अमेरिका में लोकतान्त्रिक चुनावों और उसके नतीजों का समर्थन किया है. इस चुनाव में जो बाइडन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए हैं.
स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कैपिटल इमारत पर हमले के ज़िम्मेदार लोगों और हिंसा भड़काने वालों की जवाबदेही तय किये जाने की माँग की है.
साथ ही राजनैतिक नेताओं से तनाव को ठंडा करने और देश में लोकतन्त्र और विधि के शासन का पूर्ण सम्मान करते हुए एकता सुनिश्चित करने की पुकार लगाई है.
अमेरिकी लोकतन्त्र के केन्द्र कैपिटल इमारत में अमेरिकी संसद - काँग्रेस का ऊपरी सदन सेनेट (Senate) और निचला सदन प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) स्थित हैं.
अमेरिकी इतिहास में इस इमारत को निशाना बनाए जाने की घटनाएँ कम ही देखने को मिली हैं.
इस घटना वाले दिन अमेरिकी सेनेट और प्रतिनिधि सभा के सदस्य, अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करते हुए, चुनाव नतीजों पर मोहर लगाने के लिये सदन में एकत्र हुए थे.
कैपिटल इमारत पर हमले के बाद स्थिति को देखते हुए, बुधवार, 20 जनवरी, को जो बाइडन के शपथ-ग्रहण समारोह के दौरान हिंसा की आशंका जताई जा रही है.
इसके मद्देनज़र वॉशिंगटन डीसी और 50 प्रान्तों की राजधानियों की महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों में हज़ारों सुरक्षाकर्मी तैनात किये गए हैं.
ट्विटर, फ़ेसबुक सहित अनेक सोशल मीडिया कम्पनियों ने मौजूदा राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प द्वारा खातों के इस्तेमाल की सुविधा को ख़त्म या सीमित कर दिया है.
मानवाधिकार विशेषज्ञों ने अमेरिकी सरकार, निजी सैक्टर, नागरिक समाज और अन्य संगठनों के नाम एक अपील जारी करके कहा है कि हिंसा के बाद जवाबी कार्रवाई के दौरान अभिव्यक्ति की आज़ादी, अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों और क़ानूनी प्रक्रिया की ज़रूरतों को ध्यान रखा जाना होगा.
इस बयान में यूएन विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि अमेरिकी लोकतन्त्र इस संकट के बाद मज़बूत होकर उभरेगा और इससे देश की संस्थाओं को क्षति नहीं पहुँचेगी.
मानवाधिकार विशेषज्ञों के मुताबिक इस घटना से शान्तिपूर्ण बहुलतावाद, विधि के शासन और लोकतान्त्रिक शासन के प्रति संकल्प नए सिरे से मज़बूत होगा.
स्पेशल रैपोर्टेयर और वर्किंग ग्रुप संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की विशेष प्रक्रिया का हिस्सा हैं. ये विशेष प्रक्रिया संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार व्यवस्था में सबसे बड़ी स्वतन्त्र संस्था है. ये दरअसल परिषद की स्वतन्त्र जाँच निगरानी प्रणाली है जो किसी ख़ास देश में किसी विशेष स्थिति या दुनिया भर में कुछ प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करती है. स्पेशल रैपोर्टेयर स्वैच्छिक रूप से काम करते हैं; वो संयक्त राष्ट्र के कर्मचारी नहीं होते हैं और उन्हें उनके काम के लिये कोई वेतन नहीं मिलता है. ये रैपोर्टेयर किसी सरकार या संगठन से स्वतन्त्र होते हैं और वो अपनी निजी हैसियत में काम करते हैं.