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WHO: कोरोनावायरस के स्रोत की जाँच के लिये टीम पहुँची वूहान

गुजरात में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए, परिवारों को ग्राम स्वास्थ्य और पोषण दिवस पर टीकाकरण और परामर्श दिया जा रहा है.
UNICEF/Panjwani
गुजरात में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए, परिवारों को ग्राम स्वास्थ्य और पोषण दिवस पर टीकाकरण और परामर्श दिया जा रहा है.

WHO: कोरोनावायरस के स्रोत की जाँच के लिये टीम पहुँची वूहान

स्वास्थ्य

दुनिया भर में वैश्विक महामारी कोविड-19 के लिये ज़िम्मेदार वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिये अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम गुरूवार को चीन के वूहान शहर पहुँच गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कोविड-19 पर आपात समिति के सत्र के दौरान ये जानकारी दी है. 

अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामक नियमों (International Health Regulations) के तहत आपात समिति गठित की गई थी, जिसका दायित्व सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों से मुक़ाबले में वैश्विक जवाबी कार्रवाई को आगे बढ़ाना है.

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कोरोनावायरस के संक्रमण का पहला मामला दिसम्बर 2019 में चीन के वूहान शहर में सामने आया था. 

इस मिशन में देरी हुई है लेकिन यूएन एजेंसी प्रमुख के मुताबिक टीम के 15 में से अधिकाँश सदस्य अब वूहान पहुँच गए हैं जबकि दो सदस्य सिंगापुर में कोविड-19 परीक्षण के नतीजों की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

“’यात्रा शुरू किये जाने से पहले टीम के सभी सदस्यों के घरों में अनेक पीसीआर और एण्टी बॉडीज़ टैस्ट किये गए जिनकी रिपोर्ट नकारात्मक आई.” 

“वूहान पहुँचने वाले सदस्य अगले दो हफ़्ते तक क्वारण्टीन यानि एकान्तवास में रहेंगे और चीन में, सामाजिक दूरी बरतते हुए, अपने समकक्षों के साथ रहकर काम करेंगे.”

क्वारण्टीन की अवधि पूरी होने के बाद टीम के सदस्य ज़मीनी स्तर पर दो और हफ़्तों तक अपना कामकाज जारी रखेंगे.

गुरुवार को अन्तराष्ट्रीय आपात समिति की कोविड-19 पर छठी बैठक हुई. इस समिति के सदस्य, एक वर्ष पहले यानि, वर्ष 2020 में प्रथम बार, मिले थे जब कोविड-19 के संक्रमण के लगभग 560 मामलों की पुष्टि हुई थी. 

अब तक दुनिया भर में, संक्रमण के 9 करोड़ मामलों की पुष्टि हो चुकी है और मृतकों संख्या लगभग 20 लाख हो चुकी है.

यूएन एजेंसी प्रमुख के मुताबिक कोविड-19 से निपटने के लिये टीकाकरण की शुरुआत उम्मीद बँधाती है लेकिन सभी देशों में न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित किया जाना अहम होगा.

उन्होंने आपात समिति के सामने दरपेश, दो महत्वपूर्ण मुद्दों का ज़िक्र किया: हाल के दिनों में वायरस के नए प्रकारों का पता चलना, और अन्तरराष्ट्रीय आवागमन के लिये वैक्सीन और जाँच परीक्षणों का सम्भावित इस्तेमाल.

“एक विषय-वस्तु इन दोनों मुद्दों को आपस में जोड़ती है: एकजुटता. हम कुछ समूहों या देशों को प्राथमिकता दिये जाने या दण्डित किये जाने का ख़तरा मोल नहीं ले सकते.”

“हम इस कार्य में एक साथ हैं, और हमें एक साथ ही संकट से बाहर आना होगा.”

अफ़्रीका में चुनौतियाँ

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने चेतावनी जारी है कि अफ़्रीका में संक्रमणों के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं जिनकी रोकथाम किया जाना ज़रूरी है. 

अब तक संक्रमण के 30 लाख से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है और महाद्वीप पर वायरस का नया प्रकार भी उभर रहा है.

कोविड-19 के मामले सितम्बर 2020 से बढ़ने शुरू हुए और नवम्बर के आख़िरी दिनों से इनमें तेज़ी आई है. 

क्रिसमस और नए साल की छुट्टियो के दौरान उत्सवों, आयोजनों और यात्राओं के कारण इसमें और भी तेज़ी आ सकती है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी अफ़्रीकी देशों को Genome Sequencing यानि जीनोम अनुक्रमण प्रयासों में समर्थन प्रदान कर रही है, जोकि कोविड-19 वायरस के नए प्रकार की शिनाख़्त करने और समझने के लिये ज़रूरी है. 

कोरोनावायरस के 501Y.V2 प्रकार की अब तक बोत्सवाना, गाम्बिया और ज़ाम्बिया में शिनाख़्त हुई है, जबकि नाइजीरिया में, अगस्त और नवम्बर में एकत्र किये गए नमूनों में मिले प्रकार की जाँच की जा रही है.

ब्रिटेन में तेज़ी से फैल रहे कोरोनावायरस के नए प्रकार के मामले फ़िलहाल अफ़्रीकी देशों में सामने नहीं आए हैं.