कोविड-19: संकट से पुनर्बहाली, प्रकृति के साथ समरसता क़ायम करने का अवसर
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से उबरने की प्रक्रिया दुनिया के लिये अपना रास्ता बदलने और मानवता को एक सामान्य पथ पर आगे बढ़ाने का अवसर है, जहाँ प्रकृति के साथ टकराव के बजाय सामंजस्य स्थापित किया जा सके. यूएन प्रमुख ने सोमवार को ‘एक ग्रह’ (One Planet) शिखर वार्ता में विश्व नेताओं को सम्बोधित करते हुए, पृथ्वी व उसके संसाधनों का दोहन किये जाने के दुष्परिणामों के प्रति आगाह किया है.
महासचिव गुटेरेश ने अपने सम्बोधन में कहा, “हम वायु, भूमि और जल में ज़हर घोल रहे हैं और महासागरों को प्लास्टिक से भर रहे हैं.”
“अब प्रकृति पलट वार कर रही है, तापमान रिकॉर्ड स्तर छू रहे हैं, जैवविविधता तबाह हो रही है, मरुस्थलों का विस्तार हो रहा है. आग लगने, बाढ़ और चक्रवाती तूफ़ान की घटनाएँ बार-बार और ज़्यादा गम्भीर हो रही हैं.”
यूएन प्रमुख ने चिन्ता जताई कि दुनिया बेहद नाज़ुक हालात में है.
उन्होंने कोविड-19 के विनाशकारी प्रभावों और उसके सामाजिक-आर्थिक नतीजों का उल्लेख करते हुए सभी को आगाह किया कि पुनर्निर्माण के प्रयासों के दौरान पुराने ढर्रों पर नहीं लौटा जा सकता.
“महामारी से उबरना अपना रास्ता बदलने के लिये हमारे पास आख़िरी मौक़ा है.”
“हम, बुद्धिमत्तापूर्ण नीतियों और सही निवेशों के ज़रिये, ऐसे मार्ग पर चल सकते हैं जिससे सभी के लिये स्वास्थ्य सुनिश्चित हो, अर्थव्यवस्थों में प्राण फूँके जाएँ, सहनशीलता का निर्माण हो और जैवविविधता की रक्षा हो.”
विशाल प्रयासों की दरकार
यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि नवाचारी और प्रकृति आधारित समाधन विशेष रूप से उम्मीद बंधाते हैं और जैवविविधिता की रक्षा करने से रोज़गारों का भी सृजन किया जा सकता है.
विश्व आर्थिक मंच के मुताबिक प्रकृति से जुड़े क्षेत्रों में उभरते हुए व्यावसायिक अवसरों से वर्ष 2030 तक, 19 करोड़ रोज़गार सृजित किये जा सकते हैं.
इन उम्मीदों के बावजूद वर्ष 2030 तक वैश्विक जैवविविधता लक्ष्यों को पाने के लिये, 711 अरब डॉलर का प्रबन्ध किये जाने की आवश्यकता है.
महासचिव ने कहा कि प्रदूषण के लिये ज़िम्मेदार सैक्टरों से दूर हटने के लिये बढ़ी हुई मात्रा में सतत वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता बहुत महत्वपूर्ण होगी.
"अब समय आ गया है कि सार्वजनिक व निजी वित्तीय संसाधनों को पेरिस जलवायु समझौते के के संकल्पों और टिकाऊ विकास लक्ष्यों के अनुरूप बनाया जाए, और कार्बन तटस्थता के लक्ष्य को सभी आर्थिक व वित्तीय निर्णयों में समाहित किया जाये.”
इसके अलावा उन्होंने ज़ोर देकर कहा है कि जलवायु परिवर्तन से प्रभावित समुदायों व देशों की मदद करने के लिये समर्थन मुहैया कराया जाना होगा.
'वन प्लैनेट' सम्मेलन
फ्राँस की सरकार, संयुक्त राष्ट्र और विश्व बैंक की साझेदारी के तहत आयोजित इस शिखर वार्ता का उद्देश्य जैवविविधता की रक्षा और पुनर्बहाली के लिये विश्व नेताओं से कार्रवाई का संकल्प लिया जाना था.
कोरोनावायरस संकट और ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र यह कार्यक्रम वर्चुअली आयोजित किया गया.
फ्राँस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्राँ ने शिखर वार्ता का उदघाटन करते हुए कहा कि जैवविविधता की रक्षा और उसकी पुनर्बहाली हमारे ही हित में हैं.
अब से वर्ष 2030 तक रोज़गार के लाखों अवसरों के सृजन के साथ-साथ, प्रकृति से अनेक फ़ायदे हैं.
उन्होंने कहा कि अक्षुण्ण वनों और महासागरों से जलवायु लक्ष्यों को पाने और प्रकृति आधारित समाधानों से टिकाऊ कृषि, आर्थिक व वित्तीय सेवाएँ विकसित करने और विरासतों व संस्कृतियों को सहेजने में मदद मिल सकती है.
सोमवार को सहेल और सहारा क्षेत्र के लिये ‘ग्रेट ग्रीन वॉल’ नामक पहल के लिये, अगले 10 वर्षों के लिये 14 अरब डॉलर की राशि जुटाने के संकल्पों की घोषणा की गई है.
इस पहल का उद्देश्य इस विस्तृत क्षेत्र में मरुस्थलीकरण की समस्या से निपटना, क्षरण का शिकार भूमि की पुनर्बहाली, जैविविधिता की रक्षा और सुदृढ़ता का निर्माण करना है.